Ma Nanna Super Hero Review In Hindi:एक साउथ की फिल्म जिसे तेलुगु लैंग्वेज में बनाया गया है इस फिल्म को देखकर आपकी आँखों से आंसू की एक लम्बी कतार बहनें वाली है। फिल्म की कहानी इतनी इमोशनल है कि आप शुरू से लास्ट तक इस फिल्म को देखना चाहेंगे।फिल्म के डायरेक्टर है अभिलाष रेड्डी और फिल्म के मुख्य कलाकार है आमानी,आरना, आनेई, सुधीर बाबू,हर्षित रेड्डी, सतीश सरिपल्ली,शशांक, राजू सुंदरम आदि।
फिल्म की स्टोरी बहुत ही इमोशनल वे में आगे बढ़ती है जिसे देखने के लिए आपको अपने कीमती समय में से 2 घंटे 7 मिनट का समय निकालना होगा। फिल्म की स्टोरी इंगेजिंग है जो आपको अपने इमोशंस वाले एलिमेंट के जरिये पूरी कहानी देखने तक बांधकर रखेगी।लेकिन एक प्रॉब्लम है ये फिल्म अभी सिर्फ तेलुगु लैंग्वेज में ही थिएटर्स में रिलीज की गयी है जिसे अगर आप इंग्लिश सबटाइटल में देख सकते है तो देखिये नहीं तो अभी आपको इसके हिंदी ओटीटी रिलीज तक इंतज़ार करना होगा।
आइये जानते है फिल्म की कहानी के बारे में कैसी है ये फिल्म और आपको ये फिल्म देखनी चाहिये या नहीं और अगर देखनी चाहिए तो क्यों???
फिल्म की कहानी –
फिल्म की कहानी की शुरुआत एक अनाथालय के साथ होती है जहाँ आपको एक पिता प्रसाद (साईं चंद) जो ट्रक ड्राइवर है अपने बेटे को कुछ दिनों के लिए अनाथालय में छोड़कर जाता हुआ दिखाया गया है और वापस आकर उसे लेने का वादा कर के जाता है।
असल में प्रसाद को पैसों की बहुत ज़रूरत है और अपनी उसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए वो बाहर जाता है लेकिन कहानी में बिलकुल उल्टा होता है।प्रसाद को ड्रग्स के मामले में जेल जाना पड़ता है और वो वापस अपने बेटे को लेने भी नहीं आपाता है। कहानी आपको 80स की देखने को मिलेगी जब मोबाइल फोन, या फिर लैंडलाइन फोन नहीं हुआ करते थे जिससे वो अपनी मजबूरी अनाथालय की मैनेजर झाँसी को कुछ भी बता पाता।
आगे आपको देखने को मिलेगा कि वो लड़का जिसे प्रसाद अनाथालय में छोड़ गया था और वापस नहीं आया लेने,श्री निवास (सयाजी शिंदे) के द्वारा गोद ले लिया जाता है और बड़े होकर फिल्म का हीरो जॉनी के रोल में नजर आता है।अब इस जॉनी के भी बीवी और बच्चे है जिनके सामने वो किसी बड़े से गलत लहजे में बात नहीं करता है ताकि बच्चों पर बुरा असर न पड़े और बच्चे बड़ों की इज़्ज़त करने वाले बने रहें।
जॉनी अपने पिता को बहुत इज़्ज़त और प्यार देता है लेकिन पिता और बेटे के बीच कभी भी एक अच्छा रिश्ता नहीं बन पाया। एक दिन जॉनी के पालक पिता किसी वजह से जेल चले जाते है और उन्हें छुड़ाने के लिए जॉनी को पूरे एक करोड़ रूपये का इंतज़ाम करना होता है जिसकी वजह से जॉनी अपने दत्तक पिता प्रसाद से मिलता है पैसों का इंतज़ाम करने के लिए।अब लास्ट में क्या जॉनी के असली पिता प्रसाद उसे वापस मिलेंगे या फिर श्रीनिवास और जॉनी के बीच रिश्ते में सुधार होगा ये सब जानने के लिए आपको इस फिल्म को देखना होगा।
फिल्म के मुख्य कलाकार जॉनी (सुधीर बाबू) महेश बाबू के जीजा है उनकी छोटी बहन के पति। इनके अलावा फिल्म में आपको स्याजी शिंदे,साईं चंद, आरणा आदि देखने को मिलेंगे। फिल्म की कहानी लिखी है अभिलाष रेड्डी कंकरा ने और निर्देशन भी इन्होंने ही किया है।
निष्कर्ष : एक अच्छी कहानी है जिसे IMDB पर 9.2* की रेटिंग मिली है और मेरी तरफ से फिल्म को 5 में से 4 स्टार दिये जाते है। अगर आपको पिता और बेटे की इमोशंस से भरी कहानी देखना पसंद है जिसमें खूब सारे आंसू बह सके तो आप इस फिल्म को देख सकते है।
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