जियो हॉटस्टार की सीरीज़ ‘कोबाली’ को आज रिलीज़ कर दिया गया है। इस पूरी सीरीज़ को आठ एपिसोड में बाँटा गया है।
सभी एपिसोड की लेंथ 25 से 30 मिनट के बीच की है। कोबाली हिंदी,तेलुगु,बंगाली,मलयालम,मराठी,तमिल,कन्नड़ भाषा में डबिंग के साथ इंग्लिश सबटाइटल में भी देखा जा सकता है।कैसी है रवि प्रकाश,भरत रेड्डी की यह कोबाली आइए जानते हैं।
- पहला एपिसोड-द शैडोज़ ऑफ़ द पास्ट
- दूसरा एपिसोड-द ड्रग लीड
- तीसरा एपिसोड-द बेट्रेयल
- चौथा एपिसोड-द फर्स्ट स्ट्राइक
- पाँचवाँ एपिसोड-द डेस्पेरेशन
- छठा एपिसोड-द हंट बिगिंस
- सातवाँ एपिसोड-द रेकनिंग
- आठवाँ एपिसोड-द कॉन्फ्रंटेशन
कहानी
रवि और इसके दो भाई अपने परिवार के साथ एक गाँव में रहते हैं। रवि का छोटा भाई पैसे कमाने की लालच में गलत कामों में फँस जाता है। वहीं रवि के बड़े भाई का एक दूसरी औरत के साथ अफ़ेयर चल रहा है, जिसकी जानकारी इनके परिवार को नहीं होती।
एक दिन रवि के बड़े भाई को पता चलता है कि उसकी नाजायज़ पत्नी और उसके तीन भाई उसकी संपत्ति को हड़पना चाहते हैं, तब एक हाथापाई के दौरान दुर्घटनावश उसकी दूसरी पत्नी की मौत हो जाती है।
इस मौत का बदला लेने के लिए मृतका के तीन भाई निकल पड़ते हैं और रवि के परिवार को चुन-चुन कर खत्म करने का जिम्मा उठाते हैं। अब आगे कहानी में क्या होता है यह जानने के लिए आपको वेब सीरीज़ देखनी होगी जो कि जियो हॉटस्टार पर हिंदी में उपलब्ध है।
पॉज़िटिव पॉइंट
शो में बहुत सारे ऐसे थ्रिलिंग मोमेंट हैं जो एक्साइटमेंट को बढ़ाने का काम करते हैं।दूसरे एपिसोड के एक एक्शन सीन को देख कर नानी की फिल्म दसरा की याद आती है।
पहले एपिसोड का नाम है द शैडोज़ ऑफ़ द पास्ट तो यह अपने नाम के अनुसार ही एक साल पीछे की कहानी को दिखाती है।एक्शन लवर के लिए यह एक दम परफ़ेक्ट वेब सीरीज़ है हालांकि यह, वेब सीरीज़ कम और एक फिल्म जैसी अधिक लगती है।
निगेटिव पॉइंट
स्क्रीनप्ले और ठीक किया जा सकता था जो कि नहीं किया गया। वही सीरीज़ को अधिक खींचा गया है जिसे देख कर लगता है कि इसे 6 एपिसोड में ही कम्प्लीट कर देना था। कहानी कुछ ख़ास प्रेजेंट नहीं करती वही टिपिकल साउथ फिल्मों जैसी ही फ़ीलिंग देती ।
बहुत सी चीज़ें इनलॉजिकल होती दिखती हैं। जिसका कोई मतलब नहीं बनता ।सभी कैरेक्टर अधिक कन्फ़यूज़िंग हैं शुरुआत में इनको समझने में बहुत समय लग जाता है। कुछ एक्शन सीन ऐसे हैं जो बिना किसी मतलब के दिखते हैं।
टेक्निकल
रवंथ लेवाका का निर्देशन उतना अच्छा नहीं है जिस तरह से कोबाली के ट्रेलर को देख कर लग रहा था। सीरीज़ का बजट कम है जो कि देखने से ही पता लगता है पर कम बजट में अच्छे से दर्शाया गया है इसे भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बीजीएम जिस तरह से एक एक्शन फिल्म का होना चाहिए वह पूरी तरह से मिस है।
शो की कलर ग्रेडिंग सिनेमैटोग्राफ़ी ठीक-ठाक है। सभी कलाकारों ने अपने-अपने काम को अच्छे ढंग से किया है।इसकी हिंदी डबिंग अच्छे से की गई है पर अगर इसे तेलुगु में ही देखा जाए तब यह और अच्छी फ़ील दे सकता है ।
निष्कर्ष
एक्शन थ्रिलर फिल्मों के शौक़ीन हैं तब आप इस सीरीज़ को एक बार देख सकते हैं शो में किसी भी प्रकार के एडल्ट सीन नहीं हैं बस कुछ गालियाँ ज़रूर सुनने को मिलती हैं।
अगर चाहें तो इसे फ़ैमिली के साथ बैठ कर देख सकते हैं।शायद इसका सीज़न 2 भी देखने को मिले अब यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि यह शो कितना पसंद किया जाने वाला है। फ़िल्मी ड्रिप की ओर से इसे दिए जाते हैं पाँच में से ढाई स्टार।
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