Kingston:समुद्र के शापित रहस्य को जानिए तमिल फिल्म “किंग्स्टन और शापित सागर” के साथ”

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Kingston review in hindi:तमिल इंडस्ट्री की ओर से 7 मार्च 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई हॉरर फैंटेसी और एडवेंचर से भरपूर मूवी “किंग्सटन” दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आई है। 2 घंटे 30 मिनट की यह फिल्म मात्र 20 करोड़ के बजट में तैयार की गई है और इसे भारत की पहली ‘सी एडवेंचर’ फिल्म का टैग भी दिया जा रहा है।

इसके मुख्य किरदार में “जी.वी.प्रकाश कुमार” नजर आते हैं,जिन्होंने किंग्सटन का रोल बखूबी निभाया है। जी.वी.प्रकाश इससे पहले 2025 में ही कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” में अपने म्यूजिक कंपोजिंग का जादू दिखा चुके हैं। फिल्म का निर्देशन “कमल प्रकाश” ने किया है,जो इस फिल्म के साथ बतौर डायरेक्टर अपनी पहली पारी खेल रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि क्या जी.वी.प्रकाश की एक्टिंग और कमल प्रकाश का डायरेक्शन बड़े पर्दे पर कमाल कर पाया है या नहीं।

कास्ट:

जी.वी.प्रकाश कुमार,दिव्याभारती,चेतन,नितिन सत्या,अज़हागम पेरुमल,एलांगो कुमारवेलसबुमोन अब्दुस्समद एवं अन्य।
भाषा: तमिल।

कहानी:

फिल्म की कहानी एक छोटे से गांव “थूवाथुर” के इर्द गिर्द घूमती है जो भारत के समुद्र तट पर बसा हुआ है। कहानी का समय है साल 1982 जब प्रशासन ने समुद्र में मछली पकड़ने पर सख्त पाबंदी लगा दी थी। जिसकी वजह यह थी कि सरकार का मानना था कि यह समुद्र शापित है और जो भी इसमें जाएगा,उसे शैतान अपनी चपेट में ले लेगा।

क्योंकि थूवाथुर के लोगों की रोजी रोटी समुद्र से ही चलती थी,इसलिए यह पाबंदी उनके लिए मुसीबत बन गई। कहानी का हीरो “किंग्सटन” (जी.वी. प्रकाश) अपने दोस्तों के साथ मिलकर समुद्री खीरे के आयात निर्यात का काम करता है। यह काम वो अपने मालिक “थॉमस” के लिए करता है। जो गांव का एक रसूखदार शख्स है और “किंगपिन” नाम की शिपिंग कंपनी चलाता है।


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PIC CREDIT IMDB

लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है,जब किंग्सटन को पता चलता है कि थॉमस सालों से उससे और उसके दोस्तों से समुद्री खीरे के नाम पर ड्रग्स की तस्करी करवा रहा था। यह सच जानकर किंग्सटन और उसके दोस्तों को गहरा सदमा लगता है और वो ये काम छोड़ देते हैं। लेकिन गांव वालों के पास अब कोई रोजगार नहीं बचता। मजबूरी में किंग्सटन अपने पुरखों की राह पर चलते हुए समुद्र में उतरने का फैसला करता है। ताकि मछली पकड़कर गांव की जिंदगी फिर से पटरी पर ला सके।

समुद्र के हॉन्टेड होने की कहानियां गांव में पहले से मशहूर थीं,जिसके चलते लोग उसका साथ देने से डरते हैं। लेकिन कोई और रास्ता न देखकर आखिरकार गांव वाले किंग्सटन के साथ समुद्र में नाव लेकर निकल पड़ते हैं। अब असली कहानी शुरू होती है जब उन्हें पता चलता है कि ये भूतिया कहानियां महज अफवाहें नहीं बल्कि सच हैं। आगे की कहानी इस सवाल पर टिकी है कि क्या किंग्सटन अपने दोस्तों को लेकर सुरक्षित गांव लौट पाएगा? इसमें ढेर सारे हॉरर और ट्विस्ट देखने को मिलते हैं जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

टेक्निकल एस्पेक्ट:

किंग्सटन को भारत की पहली ‘सी एडवेंचर’ फिल्म कहा जा रहा है और इसकी कहानी पूरी तरह समुद्र के आसपास सेट की गई है। फिल्म में CGI इफेक्ट्स और VFX का भरपूर इस्तेमाल हुआ है। समुद्र का अंधेरा चारों तरफ फैली सन्नाटे भरी लहरें और हिचकोले खाती नाव का फिल्मांकन आपके रोंगटे खड़े कर देता है।

बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म की हॉरर फैंटेसी थीम के साथ पूरी तरह मेल खाता है और कहानी को गहराई देता है। कैमरा एंगल्स भी शानदार हैं जो समुद्र की विशालता को स्क्रीन पर बढ़ चढ़ कर दिखाते है।

नेगेटिव पॉइंट्स:

कहानी में नएपन की कमी:

भले ही यह तमिल इंडस्ट्री की पहली ‘सी एडवेंचर’ फिल्म हो,लेकिन इस तरह का कॉन्सेप्ट हॉलीवुड में पहले भी कई बार देखा जा चुका है। मिसाल के तौर पर “द पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन” फ्रेंचाइजी,जिसके सामने किंग्सटन की कहानी थोड़ी फीकी पड़ती है। हॉलीवुड की इन फिल्मों को देख चुके दर्शकों को शायद किंग्सटन देखते वक्त वो “वाह” वाला फील न आए।

कमजोर VFX:

20 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म के वीएफएक्स को देखकर लगता है कि थोड़ा और काम किया जा सकता था। पहले भी बॉलीवुड में साल 2020 में आई “भूत पार्ट 1:द हॉन्टेड शिप” जैसी फिल्में बन चुकी हैं जिनके VFX किंग्सटन से कहीं बेहतर थे। कई सीन में CGI भी थोड़ा नकली सा लगता है।

ओवर डिटेलिंग:

फिल्म के सेकंड हाफ में किंग्सटन के परिवार की हिस्ट्री को जिस तरह दिखाया गया है,वह जरूरत से ज्यादा लंबा और बोरिंग लगता है। इसकी कोई खास जरूरत नहीं थी और इसे देखते वक्त दर्शक ऊब सकते हैं।

पॉजिटिव पॉइंट्स:

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसके कलाकार हैं, जी.वी.प्रकाश ने किंग्सटन के किरदार में जान डाल दी है उनकी एक्टिंग में इमोशंस और एक्शन का जबरदस्त बैलेंस है। बाकी किरदार खासकर किंग्सटन के दोस्त और नाव में मौजूद लोग भी अपनी अपनी भूमिका मे शानदार लगे है। कहानी को ये किरदार ही मजबूती देते हैं।

निष्कर्ष:

अगर आपको हॉरर और एडवेंचर का कॉम्बिनेशन पसंद है और आप इसे बड़े पर्दे पर एंजॉय करना चाहते हैं तो “किंग्सटन” आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है। कहानी साफ-सुथरी है जिसे आप अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।

पर अगर आप हॉलीवुड लेवल के VFX देखने की उम्मीद लेकर जाएंगे तो थोड़ी निराश हो सकती है। लेकिन फिर भी यह इतना बुरा नही कि आपका फिल्मी मजा खराब हो जाए। जी.वी.प्रकाश और बाकी कलाकारो की दमदार एक्टिंग आपको अंत तक बांधे रखेगी। तो तैयार हो जाइए समुद्र की इस डरावनी सैर के लिए।

फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3/5

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  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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