बॉलीवुड अभिनेत्री खुशी मुखर्जी अपने अभिनय से ज्यादा अपने बोल्ड और बिंदास अंदाज के लिए चर्चा में रहती हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह बेहद कम कपड़ों में पब्लिक प्लेस में नजर आईं। इससे पहले भी मार्च 2025 में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उनकी छोटी ड्रेस को लेकर एक रोड पर चलते आदमी ने सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की थी। उस समय खुशी ने इस टिप्पणी को हल्के में लिया, लेकिन उनके नए वीडियो ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार पैपराजी और सोशल मीडिया ने उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में खुशी मुखर्जी का एक नया वीडियो सामने आया, जिसमें वह पहले से भी ज्यादा बोल्ड और कम कपड़ों में नजर आईं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया और लोगों ने उनकी ड्रेस को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कई यूजर्स ने इसे शर्मनाक बताया तो कुछ ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन किया। लेकिन विवाद तब और बढ़ गया जब खुशी ने पैपराजी पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा, “आप लोग मेरे कपड़ों की तस्वीरें खींचते हो, वीडियो बनाते हो, और फिर मुझे ही ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है”।
खुशी ने अपने बचाव में मशहूर अभिनेत्री और फैशन आइकन उर्फी जावेद का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “उर्फी ने भी अपने करियर के शुरुआती दिनों में ऐसे ही बोल्ड फैशन के साथ प्रयोग किए थे, और आज वह एक ट्रेंडसेटर हैं।” इस बयान ने पैपराजी को और भड़का दिया। पैपराजी ने जवाब में कहा, “आपके ऐसे कपड़ों की वजह से पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री हम पर सवाल उठाती है। लोग सोचते हैं कि मीडिया ही ऐसे कपड़ों को बढ़ावा देती है। अगर आप सामान्य कपड़े पहनतीं, तो यह विवाद ही नहीं होता।”
सोशल मीडिया और पैपराजी की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर दो धड़े बन गए हैं। एक तरफ वे लोग हैं, जो खुशी की हिम्मत और उनकी पसंद की तारीफ कर रहे हैं। दूसरी तरफ कुछ लोग उनकी ड्रेस को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बता रहे हैं। इस तरह के बोल्ड फैशन को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है।
पैपराजी ने भी इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर की है। एक पैपराजी ने कहा, “हमारा काम है खबरें दिखाना, लेकिन आपके कपड़ों की वजह से हमें भी इंडस्ट्री में ताने सुनने पड़ते हैं।” इस तरह का तीखा जवाब खुशी के लिए नया नहीं है, लेकिन इस बार विवाद ने नया मोड़ ले लिया है।

खुशी मुखर्जी का पक्ष
खुशी ने इस पूरे विवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वह अपने फैशन और स्टाइल के साथ प्रयोग करना पसंद करती हैं। उनके मुताबिक, “हर इंसान को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का हक है। मैं किसी को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं करती। यह मेरा व्यक्तिगत स्टाइल है, और मैं इसे बदलने नहीं जा रही।” उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग कोई नई बात नहीं है, और वह इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देतीं।
समाज और संस्कृति पर प्रभाव
यह मामला सिर्फ खुशी मुखर्जी के कपड़ों तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक बड़े सवाल को जन्म देता है कि क्या व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक मानदंडों के बीच संतुलन बनाया जा सकता है? भारत जैसे देश में, जहां लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को बहुत महत्व देते हैं, इस तरह के बोल्ड फैशन को स्वीकार करना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। लेकिन दूसरी ओर यह भी सच है कि आज की युवा पीढ़ी अपनी अभिव्यक्ति को लेकर ज्यादा खुली सोच रखती है।
निष्कर्ष
खुशी मुखर्जी का यह विवाद एक बार फिर यह दिखाता है कि बॉलीवुड, सोशल मीडिया, और पैपराजी का रिश्ता कितना जटिल है। जहां एक तरफ खुशी अपने स्टाइल को अपनी ताकत मानती हैं, वहीं दूसरी तरफ समाज और मीडिया का एक हिस्सा इसे गलत ठहराता है। इस पूरे मामले में सही और गलत का फैसला करना मुश्किल है, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद और सामाजिक अपेक्षाओं का टकराव है।
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