Jagjeet Sandhu Chor Dil Review HINDI:जगजीत संधू की नयी फिल्म चोर दिल सिनेमा घरो में रिलीज़ कर दी गयी है।फिल्म की बहुत ज़ादा हाइप थी और फिल्म का प्रमोशन भी ज़बरदस्त तरह से किया गया था। ट्रेलर देख कर ऐसा लग रहा था के ये फिल्म पंजाबी सिनेमा में सुनामी बन कर आयेगी। तो आइये जानते है के कैसी है ये फिल्म क्या ये फिल्म आपके टाइम को डिजर्व करती भी है या नहीं,इन्ही सब बातो की चर्चा हम अपने इस आर्टिकल में करेंगे।
एक चीज़ में चोर दिल की तारीफ करना चाहूंगा के इन्होने इसके ट्रेलर में बहुत बड़े-बड़े लेवल की चीज़ो को दिखाया था। पर फिल्म देखने के बाद ऐसा लगता है के ये एक सिंम्पल सीधी साधी कॉमेडी फिल्म है। जगजीत संधू के साथ फिल्म में आपको तीन पाकिस्तानी एक्टर भी देखने को मिलते है।पंजाबी फिल्मो में एक ट्रेंड चल रहा है,पाकिस्तानी एक्टर को शामिल करना आप अमरिंदर गिल की हर एक फिल्म चल मेरा पुत एक से लेकर चल मेरा पुत चार तक हर एक फिल्म में देखने को मिल जाते है।
यहाँ पर हम दो चीज़े कहते है या तो आप इन एक्टर को लेकर अपनी फिल्मे बिगाड़ सकते है या तो आप इन एक्टर को अच्छे करेक्टर देकर अपनी फिल्म सुधार सकते है। उदाहरण के तौर पर अमरिंदर गिल को ही ले ले इन्होने अपनी फिल्मो में इन एक्टर को अच्छे क्रेटिव रोल देकर इनकी एक्टिंग को सुधारा पर चोर दिल में इसका उल्टा है ये एक पंजाबी फिल्म है न की कोई रियाल्टी शो है और न ही बॉलीवुड की कोई सी ग्रेड फिल्म है। जिस तरह से फिल्म में डबल मीनिंग को दिखाया गया है वो किसी भी तरह से फैमिली दर्शको के लिए ठीक नहीं है।
In cinemas today! Jagjeet Sandhu stars in his latest comic caper, in Chor Dil (In Punjabi). Showing at Piccadilly Cinema Leicester now. Book your tickets now from our official online ticket portal:https://t.co/VtzCQMNgWv#chordil #chordilfilm #JagjeetSandhu #fidagill pic.twitter.com/5ZhvTBmt5o
— Piccadilly Cinema (@PiccadillyCine) October 25, 2024
चोर दिल देखने के बाद वो मज़ा नहीं आया जो इसके ट्रेलर को देखकर आया था। फिल्म देखकर ऐसा लगता है कि जो दिखाया जा रहा है वो इस फिल्म में नहीं होना चाहिए था। यह फिल्म बच्चों पर अपना खराब असर डाल सकती है।
स्टोरी
कहानी में दिल नाम का शातिर चोर दिखाया गया है ये दिल नाम का लड़का लोगो के दिलो के साथ-साथ उनका सामान भी चोरी करने में महारत हासिल करे हुए है। दिल को एक मिशन मिल जाता है अब ये मिशन क्या है किस तरह का ये मिशन है और क्या इस मिशन को दिल पूरा कर भी पाता है या नहीं कुछ चीज़े डेडपूल फिल्म की तरह देखने को मिलती है जैसे के फिल्म के करेक्टर का कैमरे से बात न करके सीधे दर्शको से बात करना इस क्रेटिवटी के लिए इनकी सराहना करना बनती है
ये फिल्म बच्चो के लिये नहीं बनी है फिल्म में ज़बरदस्त कोमेडी देखने को मिलती है जिस तरह की हम पहले भी कयी पंजाबी फिल्मो में देख चुके है। फिल्म की स्टोरी में कुछ भी नया पन देखने को नहीं मिलता है
सभी करेक्टरो ने ठीक ठाक ही एक्टिंग की है ग्राफिक वीएफएक्स सीजीआई हर तरह से इस फिल्म को अच्छा बनाने की कोशिश की गयी है सिनेमैटिक एक्सपीरियंस भी अच्छा देखने को मिलेगा फिल्म को देख कर लगता है के इस पर काफी पैसा खर्चा किया गया है इस की प्रोडक्शन वैलु ठीक है। इस फिल्म के लिये जितनी हमारी एक्सपेक्टेशन हाई थी ये फिल्म उन पर खरी न उतर सकी क्युकी हमें ऐसा लग रहा था के इस फिल्म को फैमिली के साथ बैठ कर देखा जा सकता है पर ऐसा नहीं हुआ। इस फिल्म को एक मास इंटरटेनमेंट होना चाहिये था जो ये फिल्म न बन सकी
हमारी तरफ से इस फिल्म को पांच में से दो स्टार दिए जाते है
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