In A Violent Nature Review: ऐसी फिल्म जिसे देखते वक्त कुछ खाया नहीं जा सकता

Published: Fri Mar, 2025 2:08 PM IST
In A Violent Nature Review Hindi

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इन ए वायलेंट नेचर एक कनेडियन स्लेशर फिल्म है,जिसे अब प्राइम वीडियो के ओटीटी पर हिंदी में रिलीज़ कर दिया गया है। सबसे पहले जानते हैं स्लेशर का मतलब क्या होता है,तो स्लेशर का मतलब है काटने वाली कोई चीज फिर वह कोई वस्तु हो जैसे रेजर,छुरी,चाकू या फिर कोई इंसान।फिल्म में स्लेशर का इस्तेमाल हॉरर के लिए किया गया है।

अगर आप इस फिल्म को देखने का अपना मन बना रहे हैं तब एक बात समझ लें वो ये है कि फिल्म देखते समय आपको अपने दिमाग का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं करना है।

और जो दूसरी बात है वो ये कि फिल्म में बहुत ज्यादा ब्रूटल (खून खराबे से भरे) सीन देखने को मिलते हैं,तो जब भी आप यह फिल्म देखें फिल्म देखते-देखते खाना तो बिलकुल भी न खाएं।

यहां कुछ ऐसे सीन भी दिखाए गए हैं अगर आप एक नॉर्मल दर्शक हैं तो शायद फिल्म के कुछ सीन आप बर्दाश्त न कर सकें। इसका रनिंग टाइम है 1 घंटा 34 मिनट का पर स्क्रीनप्ले के माध्यम से कुछ हद तक खुद से जोड़े रखने में कामयाब रहती है।

कहानी


जॉनी नाम का लड़का जो 70 साल पहले मर चुका है इसकी मां के द्वारा दिया गया एक लॉकेट जब तक इसके बॉडी पर रहता है तब तक इसकी आत्मा शांत रहती है पर एक दिन जंगल में घूमता दोस्तों का एक ग्रुप वो लॉकेट निकाल लेता है। अब लॉकेट निकलते ही जॉनी क्रोधित हो उठता है और बदला लेने के लिए इसकी आत्मा कब्र से बाहर निकलती है। यहां से शुरू होता है खून खराबे का खेल।

कहानी को देखा जाए तो बहुत अच्छे से नहीं लिखा गया है एक बेसिक कहानी की तरह ही इसे पेश किया है। यह हॉरर के साथ सीरियल किलर के प्रेस्पेक्टिव को दर्शाती है। पूरी फिल्म में कैमरे का एंगल इस सीरियल किलर पर ही रखा गया है। जो कुछ समय बाद थोड़ा बोर भी करता है।

क्या है फिल्म में खास

अगर आपको ब्रूटैलिटी मतलब खून खराबे से भरी फिल्में देखना पसंद है तो यह आपको बहुत पसंद आने वाली है। जो कि अच्छी हिंदी डबिंग के साथ अब प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है। हॉरर फिल्मों में जिस तरह के बीजीएम का इस्तेमाल होता है वैसे बीजीएम को यहां न डाल कर जंगल की ओरिजिनल शांत म्यूजिक को हॉरर के रूप में पेश किया गया है। यहां पर मेकर ने थोड़ी क्रिएटिविटी दिखायी है।

कहां हुई निराशा

पूरी फिल्म में बेमतलब के खून खराबे से भरे हुए सीन देखने को मिलते हैं,जो एक टाइम पर उबाऊ से लगने लगते हैं। यहाँ एक किलिंग सीन से लेकर दूसरे किलिंग सीन तक काफी ज्यादा गैप देखने को मिलता है। इस दौरान सीरियल किलर एक जगह से दूसरी जगह आ रहा है जा रहा है,बस यही सब चलता रहता है। बहुत से सीन में आपको ऐसा लगने लगता है,कि एक्टर खुद अपने आप को सीरियल किलर को सौंप रहा है कि आ मुझे मार दें। बजट कम है जो कि देख कर पता लगता है।

निष्कर्ष

यह एक टाइम पास फिल्म कही जा सकती है पर शर्त यह है कि आपको इस तरह की फिल्में देखना पसंद हों मेरी तरफ से इसे दिए जाते हैं पांच में से ढाई स्टार।

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Author

  • Amir Khan

    हाय! मैं आमिर खान, FilmyDrip के लिए लेखक और सिनेमा का दीवाना हूँ। बॉलीवुड की चमक, फिल्मों की कहानियाँ और सितारों का जलवा मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने लेखों में लेटेस्ट फिल्म रिव्यू, मनोरंजन की खबरें और मजेदार विश्लेषण लाता हूँ। चाहे ब्लॉकबस्टर मूवी हो या नए सितारों की कहानी, मैं हर लेख को रोचक और सच्चा बनाने की कोशिश करता हूँ। FilmyDrip के साथ, मेरा मकसद है सिनेमा प्रेमियों को मनोरंजन की दुनिया से जोड़े रखना। मेरे लेख पढ़ें और बॉलीवुड के मज़ेदार सफर का हिस्सा बनें!

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