IC 814: The Kandahar Hijack review: नेटफ्लिक्स पर आज 29 अगस्त को एक नई वेब सीरीज ‘आई.सी 814:द कंधार हाईजैक‘ रिलीज की गई है जिसकी कहानी ट्रू इवेंट् से इंस्पायर होकर बनाई गई
है जिसमें टोटल 6 एपिसोड हैं जिनमें से सभी एपिसोड की लेंथ लगभग 40 से 45 मिनट की है। सीरीज की कहानी की बात करें तो साल 1999 में काठमांडू से दिल्ली के लिए आ रही एक इंडियन एयरलाइंस
फ्लाइट जिसको पांच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। किस तरह से लापरवाहियों के कारण यह हादसा हुआ था इसी पर यह सीरीज बेस्ड है।
कलाकार–नसीरुद्दीन शाह,पंकज,कपूर विजय वर्मा।
डायरेक्टर-अनुभव सिन्हा।
कहानी– इसमें दिखाए गए ट्रू इवेंट को एक ऐसी काली रात के रूप में याद किया जाता है जिसे भूल पाना हमारे देश के लिए काफी मुश्किल है और ऐसी दमदार कहानी के साथ स्टार कास्ट भी उच्च श्रेणी
की होना तो बनता है इसलिए मेकर्स ने सभी एक्सपेक्ट का ध्यान रखते हुए तगड़ी स्टार कास्ट को इस सीरीज में पेश किया है, जिसमें नसीरुद्दीन शाह शामिल है जिनकी ऑस्कर विनिंग परफॉर्मेंस वाली
फिल्म ‘द वेडनेसडे’ आप सभी ने तो जरूर देखी ही होगी। साथ ही साथ इसमें पंकज कपूर और विजय वर्मा भी देखने को मिलते हैं जो सभी दर्शकों को अपनी बेहतरीन एक्टिंग का दीवाना बना देंगे।
बात करें कहानी की तो 1993 से लेकर 1999 के बीच लगभग 16 प्लेन हाईजैक हादसों को अंजाम दिया जा चुका था लेकिन उन सभी में यह आई. सी. 814 सबसे खास था क्योंकि आतंकवादी इसे
अमृतसर से लाहौर और वहां से सीधे से दुबई के रास्ते कंधार यानी अफगानिस्तान ले जाते हैं।
इस सीरीज का डायरेक्शन अनुभव सिन्हा ने किया है जिन्हें आपने इससे पहले मुल्क और आर्टिकल 15
जैसी कंट्रोवर्शियल टॉपिक पर बनी फिल्मों में डायरेक्शन करते हुए देखा होगा। इस सीरीज को देखते हुए आपको पिछले दिनों आई सीरीज द रेलवे मैन जैसी वाइब देखने को मिल सकती है क्योंकि
वह भी सत्य घटना पर आधारित थी,जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ती है वैसे वैसे आप पैसेंजर्स के दर्द को महसूस करने लगते हैं । इसमें रियल सिचुएशन को भी बहुत अच्छे ढंग से दिखाया गया है की कैसे हमारी सरकार डिप्लोमेटिक मामलों के चलते कमजोर पड़ जाती है और हमारा पड़ोसी मुल्क
पाकिस्तान भी मानों कान में तेल डालकर बैठा रहता है आप देखेंगे फ्लाइट जब लाहौर में लैंड होती है जिस तरह का रिएक्शन पाकिस्तान की तरफ से देखने को मिलता है वह काफी अफसोस के काबिल है
जिसके कारण हाईजैकर अपने मिशन में कामयाब हो जाते हैं क्योंकि 9/11 हमले से पहले एयरपोर्ट सिक्योरिटी ज्यादा टाइट नहीं होती थी। फिल्म में पाकिस्तान और इंडिया के रिश्तों को भी अच्छे से
दिखाया गया है जिसे देखकर पता चलता है कि बीते दिनों इन दोनों देशों के रिश्ते कितने खराब थे। सीरीज में विजय वर्मा ने कैप्टन देवी सरन का रोल किया है जिसे करने से पहले उन्होंने उस प्लेन के
असली पायलट से मिलकर सिचुएशन को काफी डिस्कस किया था और उनसे ट्रेनिंग भी ली थी जो की सीरीज देखकर आपको विजय वर्मा की एक्टिंग में नजर आएगा। आतंकवादियों द्वारा की गई मांग
जिसमें तीन आतंकियों को रिहा करना होता है जिन्हें उस वक्त की सरकार ने एरोप्लेन में फंसे लोगों के बदले छोड़ दिया था हालाकि सीरीज में बाद में आपको देखने को मिलता है कि इन तीन आतंकवादियों
को छोड़ने के बाद इन तीनों ने किन-किन अपराधीक हमलों को अंजाम दिया जिसे जानकर आपके होश उड़ जाते हैं।
कैसे फ्लाइट के सभी पैसेंजर अपने घर सुरक्षित पहुंच पाते हैं या नहीं यह जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी या वेब सीरीज जो की नेटफ्लिक्स पर हिंदी में उपलब्ध है।
टेक्निकल एस्पेक्ट– इस सीरीज का डायरेक्शन काफी दमदार है जो कि आपको जरा भी बोर नहीं करता। अगर बात करें इसके बैकग्राउंड म्यूजिक की तो वह अभी काफी तगड़ा है। सीरीज के कुछ सीन्स में सिचुएशन को रीक्रिएट करने के लिए सी. जी. आई का भी अच्छा इस्तेमाल किया गया है।
खामियां– इस वेब सीरीज की सबसे बड़ी खामी यह है कि वेब सीरीज थोड़ा स्लो परफॉर्म करती है और कहानी बिल्ड होने में थोड़ा समय लगता है।
फाइनल वर्डिक्ट– सीरीज का स्क्रीनप्ले काफी तगड़ा है जो कि ऑडियंस को इंगेज करने में कामयाब होता है। विजय वर्मा और पंकज कपूर की एक्टिंग में काफ़ी सच्चाई दिखती है। हालांकि सीरीज की कहानी बिल्डअप होने में थोड़ा समय लेती है लेकिन फिल्म की स्टोरी ऐसे टॉपिक पर है तो थोड़ा ज्यादा समय एक्सेप्टेबल है। इसमें आपको कोई भी एडल्ट सीन देखने को नहीं मिलता है जिसके कारण आप इसे अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।