Here after Review in hindi:हॉलीवुड की तरफ से एक नई हॉरर फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज की गई है जिसका नाम ‘हेयर आफ्टर‘ है। जिसकी लेंथ 1 घंटा 33 मिनट की है, इसके जॉनर की बात करें तो यह हॉरर और सस्पेंस है। “फिल्म का डायरेक्शन ‘रॉबर्ट सालेर्नो‘ ने किया है।
जिन्होंने इससे पहले साल 2009 में आई फिल्म ‘ए सिंगल मैन‘ को प्रोड्यूस किया था”। फिल्म की कहानी रॉबिन नाम की करैक्टर पर आधारित है, जो की एक खतरनाक कार एक्सीडेंट के दौरान मौत को चकमा देकर वापस आई है।
कहानी- फिल्म की स्टोरी ‘क्लियर’ नाम की एक सिंगल मदर और उसकी बेटी ‘रॉबिन’ की जिंदगी पर बुनी गई है। रॉबिन जो की एक हाई स्कूल की स्टूडेंट है, जिसका एक दिन अचानक से काफी खतरनाक कार एक्सीडेंट हो जाता है। “रॉबिन की मां क्लियर फटाफट हॉस्पिटल पहुंचती है जहां उसे डॉक्टर से पता चलता है।
कि उसकी बेटी ‘कोमा’ में जा चुकी है” और अब इसका ठीक होना किसी मिरिकल की तरह ही माना जाएगा। यह सब सुनके क्लियर काफी दुखी हो जाती है, और अपनी बेटी का हाथ थाम कर ईश्वर से प्रार्थना करने लगते है।
तभी क्लियर अचानक से जिंदा हो जाती है जिसे देखकर सभी हक्का-बक्का रह जाते हैं। क्योंकि डॉक्टर का मानना था की यह बच्ची दोबारा कभी रिवाइव नहीं कर सकती। इतना सब होने के बाद यह दोनों खुद को संभालते हुए अपनी जिंदगी नॉर्मल तरह से जीने लगते हैं।
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इसके कुछ दिनों के बाद क्लियर अपनी बेटी में कुछ अजीब बदलाव महसूस करती है जिससे उसे शक हो जाता है कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है। तभी क्लियर अपने फैमिली फ्रेंड डॉ रामोनो को पूरी बात बताती हैं जिसे सुनकर ‘डॉक्टर कंफर्म करते हैं कि रॉबिन पर एक शैतानी साया है जो किसी छोटी बच्ची का है और ‘हेयर आफ्टर पोजीशन में एक्जिस्ट करता है’। क्लियर इन सब के बारे में अपने एक्स हस्बैंड ‘लुका’ से भी बात करती है जिसे वह इग्नोर कर देता है।
इसके बाद क्लियर खुद ही इन सब चीजों को ठीक करने का जिम्मा उठाती है और ढेर सारे ठंडे पानी को टब में भरकर उसमें बैठ जाती है जिससे की वह भी हेयर आफ्टर पोजीशन में जा सके। जहां पर जाने के बाद उसे दो छोटी बच्चियों पानी में डूबते हुए दिखाई देती हैं जिनमें से एक रॉबिन थी और दूसरी बच्ची कौन थी यह जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी फिल्म जोकि फिलहाल आपके नजदीकी सिनेमाघरों में में उपलब्ध है।
टेक्निकल एस्पेक्ट- इस फिल्म का प्रोडक्शन नॉर्मल क्वालिटी का है जो कि इसे देखने पर समझ आ जाता है। मूवी में हॉरर एलिमेंट्स को लाइट रखने की कोशिश की गई है। फिल्म के सभी कलाकारों ने अच्छी एक्टिंग की है।
खामियां- फिल्म की कहानी बिल्कुल बेजान है, जिसमें ना तो हॉरर एलिमेंट्स को डार्क थीम के साथ सजाया गया है और नाही करैक्टर डेवलपमेंट करने की कोशिश की गई है। जिसके कारण फिल्म में ना कोई पेस है ना ही इमोशंस हैं यह मूवी सभी एलिमेंट्स में बुरी तरह से फेल हुई है।
फाइनल वर्डिक्ट- अगर आप को ‘अनेबेला’ और ‘द कंजरिंग’ जैसी फिल्मों से ज्यादा डर महसूस होता है और आप हल्की फुल्की डरावनी फिल्म देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को थियेटर्स में देख सकते है क्युकी। फिल्म में कोई भी न्यूडिटी वा वल्गर सीन नही है।
लेकिन इसके उलट “अगर आपको ‘एविल डेड’ जैसी डार्क हॉरर फिल्में देखना पसंद है जिसमें दिखाया गया खून खराबा आपको अत्तेजित करता है तो यह फिल्म देखना आपके लिए घाटे का सौदा होगा”।
rogerebert.com की तरफ से इसे डेढ़ स्टार दिये गये है।
movieweb की ओर से पांच में चार स्टार मिले है
filmydrip इस फिल्म को देता है दो स्टार