happy face episode 1 and 2 review true story march 2025:आज 22 मार्च 2025 के दिन जिओहॉटस्टार पर “हैप्पी फेस” नाम की वेब सीरीज को इसके शुरुआती दो एपिसोड के साथ रिलीज कर दिया गया।
जिनमें इसके पहले एपिसोड का नाम “द कन्फेशन” है तो वहीं दूसरे एपिसोड का नाम “किलिंग शेम” है। जिनमें से हर एक एपिसोड की लंबाई 46 से 57 मिनट के भीतर है,इसमें दिखाई गई कहानी रियल इंसिडेंट यानी सच्ची घटना पर आधारित है। चलिए जानते हैं क्या है दो एपिसोड में दिखाई गई कहानी और करते हैं इसका रिव्यू।
पहले दो एपिसोड्स की कहानी
सीरीज की शुरुआत मेलिसा रीड (एनालेह एशफोर्ड) से होती है। जो पेशे से मेकअप आर्टिस्ट है और “दा डॉ.ग्रे शो” नाम के एक टीवी शो में काम करती है। बाहर से उसकी जिंदगी साधारण और खुशहाल लगती है,पर अंदर से यह दर्द और उलझन से भरी हुई है। इसका कारण है उसका पिता कीथ जेस्परसन (डेनिस क्वैड) है जोकि एक कुख्यात हत्यारा है और पिछले 15 साल से जेल में बंद है।
कीथ को “हैप्पी फेस किलर” के नाम से जाना जाता है,क्योंकि वह हर हत्या के बाद एक स्माइली फेस वाला खत छोड़ता था। पहले एपिसोड में हल्का ट्विस्ट तब आता है जब मेलिसा को पता चलता है, कि उसका पिता उससे संपर्क करना चाहता है। साथ ही एक चौंकाने वाली खबर भी सामने आती है की एक हत्या के मामले में एक बेकसूर शख्स को फांसी होने वाली है।
मेलिसा यह सोचकर परेशान हो जाती है कि क्या वह उस शख्स को बचा सकती है। वह अपने पिता से मिलने का फैसला करती है लेकिन उसके काले अतीत के कारण उसे डर भी लगता है। इसी उलझन के साथ शो का पहला एपिसोड खत्म होता है।
दूसरा एपिसोड मेलिसा के जेल जाने से शुरू होता है जहाँ वह कीथ से मिलती है। कीथ शांत और दोस्ताना अंदाज में बात करता है और कहता है कि फांसी वाला शख्स बेकसूर नहीं है,बल्कि वो एक ट्रक ड्राइवर था,जिसने कई औरतों की हत्या की थी।
मेलिसा को उसकी बातों पर भरोसा नहीं होता।क्योंकि वह अपने पिता की धोखेबाजी को जानती है, जेल से लौटकर वह केस की जाँच में जुट जाती है। पुरानी फाइलें और पीड़ित परिवारों की कहानियाँ सुनकर वह भावुक हो जाती है। एपिसोड के अंत में उसे एक अहम सुराग मिलता है जो रहस्यों को सुलझाने की उम्मीद जगाता है।
पॉजिटिव पॉइंट्स:
एनालेह एशफोर्ड ने मेलिसा के किरदार को अच्छे से निभाया है। फिर चाहे उसका डर हो या फिर गुस्सा दोनों ही चीजें स्क्रीन पर साफ नजर आती हैं।
वहीं दूसरी तरफ डेनिस स्क्वॉड का कीथ जैस्पर वाला रोल देखने लायक है। उसका शांत मिजाज़ और चालाकी कहानी में और भी ज्यादा सस्पेंस को बढ़ाती है।
नेगेटिव पॉइंट्स:
इसका पहला एपिसोड थोड़ा धीमा है जिसमे मेलिसा के रोजमर्रा के काम को ज्यादा दिखाने की कोशिश की गई है जिससे इसकी शुरूआत काफी स्लो लगती है। कुछ डायलॉग्स कमज़ोर हैं जो कहानी को भावात्मक रूप से मजबूत नहीं करते। जाँच के सीन में थोड़ी और डिटेलिंग की जरूरत थी कई जगह शो के मेकर्स की जल्दबाजी दिखाई देती है।
तकनीकी पहलू:
सीरीज की सिनेमैटोग्राफी ठीक है। जेल के दृश्य और मेलिसा की उलझन को कैमरे ने अच्छे से कैप्चर किया है। बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है,हालाकि कुछ जगहों यह जरूरत से ज्यादा ओवर हो जाता है। डायलॉग्स में सुधार की गुंजाइश थी पर किरदारों की बॉडी लैंग्वेज इसे पूरा करने की कोशिश करती है।
निष्कर्ष:
अगर आपको सस्पेंस,थ्रिलर और इमोशनल ड्रामा देखना पसंद है तो आपके लिए “हैपी फेस” एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है। इसके शुरुआती दो एपिसोड्स देखकर यह कहा जा सकता है कि यह सीरीज आपको बाँधे रखने में कामयाब होती है। शो के आने वाले एपिसोड्स में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि मेलिसा को कोशिश किस हद तक कामयाब हो पाती है।
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