Dil Dosti Aur Dogs:क्या यह फिल्म आपके दिल को छू लेगी?

dil dosti aur dogs

Dil Dosti Aur Dogs Review in hindi:शुक्रवार का दिन हो और नई-नई फिल्में रिलीज ना हो, ऐसा तो हो नहीं सकता। आज 28 फरवरी 2025 के दिन बहुत सारी फिल्मों में एक ऐसी मूवी ओटीटी प्लेटफॉर्म “जिओहॉटस्टार” पर रिलीज की गई है, जिसकी टोटल लंबाई 1 घंटा 40 मिनट की है, जो आपको जानवरों के प्रति प्यार बढ़ाने और अपनी रिलेशनशिप बॉन्डिंग को और भी ज्यादा मजबूत बनाने में सहयोग करेगी।

हम बात कर रहे हैं फिल्म “दिल दोस्ती और डॉग्स” की, जिसके मुख्य किरदारों में नीना गुप्ता जैसे दिग्गज कलाकार देखने को मिलते हैं। जिसका डायरेक्शन “विरल शाह” ने किया है। फिल्म की कहानी मुख्य रूप से रिलेशनशिप बॉन्डिंग पर फोकस करती है, जिसमें चार अलग-अलग कहानियां देखने को मिलती हैं। चलिए जानते हैं क्या है दिल दोस्ती और डॉग्स की कहानी और करते हैं विस्तृत समीक्षा।

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कास्ट:

नीना गुप्ता, शरद केलकर, कीर्ति केलकर, कुनाल रॉय कपूर, टीनू आनंद, एहान भट और त्रिधा चौधरी।

कहानी: हम डॉग को चुनते हैं, डॉग हमें नहीं

स्टोरी की शुरुआत गोवा के ‘सन्नी साइड अप’ रेस्टोरेंट की पार्टी से होती है, जहां खूबसूरत चेहरों के अलावा म्यूजिक का रंगीन समा बंधा हुआ है। साथ ही पूरे गोवा में क्रिसमस की वाइब चारों ओर फैली हुई है, क्योंकि जल्द क्रिसमस ईव दस्तक देने वाली है।

इसी बीच पार्टी में एक डॉग की एंट्री होती है, जो इस पूरे माहौल को तहस-नहस कर देता है। इसका पूरा इल्जाम रेस्टोरेंट मैनेजर “सन्नी” (एहान भट) पर आता है, क्योंकि सन्नी ने उस डॉग को गुस्से में आकर फेंक दिया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

अब होटल के मैनेजर “संघवी” सन्नी को सख्त हिदायत देते हैं कि वह अपनी गलती सुधारे और रेस्टोरेंट की इमेज बचाने के लिए उस डॉग को अडॉप्ट कर ले। इसी डॉग एडॉप्शन के दौरान सन्नी की मुलाकात “रेबेका” (त्रिधा चौधरी) से होती है, जो इसी शहर में एक “डॉग पेट हाउस” चलाती है।

तो वहीं दूसरी तरफ “अर्जुन” (कुनाल रॉय कपूर) और “एकता” भी इसी शहर में रहते हैं। अर्जुन, जो पेशे से राइटर है और एकता, जो हाउसवाइफ है इन दोनों की शादी को लंबा समय बीत चुका है, लेकिन आपस में तालमेल नहीं बनता। “ये मुझे समझती नहीं, ये मुझे समझता नहीं” जैसे वाद-विवाद इनके डॉक्टर “टीनू आनंद” के सामने देखने को मिलते हैं, जहां ये दोनों थैरेपी सेशन के लिए आए हैं ताकि अपने रिश्तों को फिर से पहले जैसे बना सकें।

फिल्म की तीसरी कहानी “संजय” (शरद केलकर) और “नीलिमा” (कीर्ति केलकर) की है। इनके घर में एक छोटी बेटी “रूही” और एक पालतू डॉग “किमोन” है, जो रूही की जान है। लेकिन संजय और उसकी बेटी रूही की बिल्कुल नहीं बनती, क्योंकि नीलिमा ने संजय से दूसरी शादी की है।

फिल्म की चौथी और आखिरी कड़ी बेथनी “मारग्रेट लॉरेंस” (नीना गुप्ता) की है, जो अपने घर में बिल्कुल अकेली रहती हैं। इन्होंने एक बूढ़ी औरत का किरदार निभाया है। इनके मोहल्ले के बच्चे “हस्बैंड को मार कर घर में दफन कर दिया” जैसी थ्योरीज से अपना मन बहलाते हैं।

इन चार कहानियों की चौकड़ी पर बनी फिल्म नया मोड़ तब लेती है, जब इन चारों कहानियों के किरदार डॉग्स को अडॉप्ट करते हैं। दूसरी तरफ रूही अपने डॉग किमोन को खो देती है। उसे ढूंढने की होड़ में इसकी कहानी आगे बढ़ती है।

जहां एक परिवार अपने डॉग को ढूंढ रहा है, वहीं बाकी तीन कहानियों में मौजूद फैमिलियां डॉग को पालने की जद्दोजहद कर रही हैं। इसमें खूब सारी मस्ती-मजाक और रोंगटे खड़े करने वाले पल देखने को मिलेंगे, जो इन फैमिलियों को एक दूसरे के और करीब ले आएंगे। इन्हें जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

खामियां: कम समय में ज्यादा दिखने की कोशिश

वैसे तो “दिल दोस्ती और डॉग्स” नाम की यह फिल्म कई मायनों में परफेक्ट है, फिर चाहे मनोरंजन की बात हो या कमजोर रिलेशनशिप को मजबूत करने की। हर मायने में कहानी स्ट्रांग नजर आती है पर फिल्म की लंबाई मात्र एक घंटा 40 मिनट होने के कारण साफ पता चलता है कि एक बड़ी कहानी को बहुत कम समय में दिखाया गया है।

मूवी के पॉजिटिव पॉइंट्स: कहानी की मजबूत पकड़

बिखरी हुई कहानियों का गहरा तालमेल:

भले ही मूवी हमारे सामने चार अलग-अलग लोगों की जिंदगी के पहलुओं को रखती है, लेकिन जिस तरह इसकी स्टोरी डेवलपमेंट और कैरेक्टर डेप्थ को कसा हुआ बनाया गया है, वह काफी लाजवाब है। इससे आप इसे देखते वक्त पूरे समय फिल्म से जुड़े रहते हैं।

बाप और बेटी का अधूरा रिश्ता:

कहानी की शुरुआत में रूही अपने सौतेले पिता संजय को एक अनजान इंसान की नजर से देखती है, लेकिन क्लाइमेक्स में संजय और रूही की बॉन्डिंग देखने में काफी इमोशनल है।

कलाकारों की एक्टिंग:

शरद केलकर:

शरद ने अपने रोल को ठीक वैसे ही निभाया है, जैसे वह अपने करियर के पिछले सभी कैरेक्टर्स में निभाते थे। हालांकि “दिल दोस्ती और डॉग्स” में उनका यह रोल थोड़ा अलग जरूर था, पर उन्होंने चुनौती को स्वीकार किया और अपने किरदार को अच्छे से निभाया है।

नीना गुप्ता:

साल 2024 में अनुपम खेर स्टारर फिल्म ‘कागज’ में नीना आखिरी बार नजर आई थी। यह 2025 में नीना गुप्ता की पहली फिल्म है, जिसमें उन्होंने एक अकेली बूढ़ी औरत का किरदार निभाया है, जो मिजाज से काफी कड़क है।

एहान भट:

‘स्टारफिश’ और ‘दंगे’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता एहान ने इस फिल्म से साबित कर दिया है कि भले ही उन्होंने अभी तक अपने करियर में कोई बड़ी फिल्म साइन न की हो, लेकिन आने वाले समय में सुपरस्टार बनने का दम खम बखूबी रखते हैं। “यह बात मैं उनकी पिछली फिल्मों को देखकर नहीं, बल्कि ‘दिल दोस्ती और डॉग्स’ में की गई एक्टिंग के आधार पर कह रहा हूं”।

निष्कर्ष: हंसते और रुलाते हुए सुखद अनुभव

अगर आप उस तरह की ऑडियंस में शामिल हैं, जिन्हें फैमिली ड्रामा फिल्में देखना पसंद है, तो इस सिचुएशन में आप “दिल दोस्ती और डॉग्स” को रिकमेंड कर सकते हैं। लेकिन अगर आप उस तरह की ऑडियंस हैं, जिन्हें सस्पेंस, थ्रिलर,मर्डर मिस्ट्री या फिर खूनखराबे वाली फिल्में देखना पसंद है, तो शायद इसे न देखें तो भी चलेगा।

फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3.5/5

Author

  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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