शाहिद कपूर की फिल्म देवा जिसे 31 जनवरी 2025 के दिन देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ कर दिया गया है। जिसने अपने पहले दिन तकरीबन 5 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है।
देवा फिल्म को रिलीज़ से पहले ही साउथ मूवी मुंबई पुलिस का रीमेक घोषित कर दिया गया था और अब इसके रिलीज़ होने के बाद यह साफ हो गया है कि यह मुंबई पुलिस का रीमेक ही है, जिसे रोशन एंड्रयूज ने ही डायरेक्ट किया है।
जिन्होंने इससे पहले मुंबई पुलिस का भी निर्देशन किया था। देशभर में पहले दिन देवा को टोटल 2250 सिनेमा स्क्रीन्स दी गई थी। देवा भले ही स्लो पेसिंग फिल्म हो पर धीरे धीरे लोगों को पसंद आ रही है और हर आने वाले अगले दिन के साथ इसका कलेक्शन बढ़ता ही चला जाएगा। तो कैसी है फिल्म देवा आइए करते हैं इसका रिव्यू और जानते हैं इसकी कहानी।
कहानी
फिल्म के मुख्य किरदार में देव आम्ब्रे (शाहिद कपूर) नजर आते हैं, जिन पर इस फिल्म की कहानी मुख्य रूप से फोकस करती है। देव जोकि मुंबई पुलिस में भर्ती एक जांबाज राउडी ऑफिसर है, जिसके काम करने का ढंग औरों से बिल्कुल अलग है।
जिस कारण देव हमेशा चर्चाओं में बना रहता है फिर चाहे वह उसका पुलिस डिपार्टमेंट हो या फिर कोई न्यूज़ ब्लॉग। देव के साथ ही उसके डिपार्टमेंट में एसीपी रोहन डीसिल्वा (पावेल गुलाटी) जो देवा के बचपन का दोस्त है और डीसीपी फरहान खान (प्रवेश राणा) जोकि देवा का भाई है। फिल्म में दिया (पूजा हेगड़े) ने देवा की गर्लफ्रेंड का रोल निभाया है हालांकि उनका रोल बहुत छोटा है।
मूवी की कहानी एक नया मोड़ तब लेती है जब देव और रोहन मिलकर शहर के एक बड़े गैंगस्टर का एनकाउंटर करते हैं और कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब यह एनकाउंटर करने के बाद रोहन को अवार्ड सेरेमनी के दौरान गोली मार दी जाती है। जिससे रोहन की जान चली जाती है, क्योंकि रोहन देव का दोस्त है
जिस कारण इस पूरे मामले की जांच देव के हाथों में सौंप दी जाती है। अब कैसे देव इस मर्डर मिस्ट्री का पता लगाता है यही सब आपको आगे की कहानी में देखने को मिलेगा, जिसे जानने के लिए आपको देखनी होगी फिल्म।
तकनीकी पहलू
फिल्म की पटकथा काफी फास्ट पेसिंग है जिसमें एक के बाद एक सीन आते चले जाते हैं और फिल्म कब खत्म हो जाती है आपको पता ही नहीं चलता। जोकि कुछ दृश्यों में तो काफी कारगर साबित होता है पर कुछ में आधा अधूरा पन छोड़ जाता है, जैसे मानो डायरेक्टर काफी जल्दी में थे। मूवी का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी लाउड है, जो सिनेमाघर से बाहर निकलने के बाद भी आपके कानों में गूंजता रहता है।
देवा की कमियां
मूवी की स्टोरी राइटिंग में बहुत सारी कमियां नजर आती हैं जिनमें सबसे पहले कमी फिल्म देवा का एक्जीक्यूशन है। क्योंकि कहानी में जिस तरह से एक के बाद एक अचानक चेंज आते रहते हैं, वह देखने में कई बार आपको परेशान कर सकते हैं। जैसे देव के दोस्त रोहन की हत्या हो जाना और देव का इस बात को लेकर बिल्कुल भी इमोशनल न होना। हालांकि क्लाइमेक्स में चीजें कुछ हद तक साफ हो जाती हैं।
इसकी अगली कमी की बात करें तो देवा की कहानी में इमोशंस की पूरी तरह से कमी दिखाई देती है, जिस कारण आप इसके किसी भी किरदार से इमोशनली अटैच नहीं हो पाते, और ना ही फिल्म के डायरेक्टर इस बात पर जोर देते हुए नजर आते हैं। मूवी में शाहिद के कबीर सिंह वाले लुक को कॉपी करने की कोशिश की गई है जिसमें इसके मेकर्स पूरी तरह से नाकामयाब नजर आते हैं।
फिल्म की अच्छी चीजें
इसकी अच्छी चीजों की बात करें तो इनमें सबसे पहली शाहिद की एक्टिंग है, जो फिल्म देखते वक्त आपको साफ नजर आती है जिसमें शाहिद अपना हंड्रेड परसेंट देते हुए दिखाई देते हैं।
फिल्म देवा देखनी चाहिए या नहीं
अगर आप शाहिद कपूर के सच्चे फैन हैं साथ ही एक्शन और क्राइम से भरी फिल्में देखना पसंद करते हैं, तब इस कंडीशन में आप देवा को देखना हंड्रेड परसेंट रिकमेंड कर सकते हैं। पर अगर आप उस तरह के दर्शक हैं, जो फिल्म देवा से कुछ एक्स्ट्राऑर्डिनरी दिखाने की चाहत में इसे देखने निकल पड़े हैं।
तब आपके हाथों में सिर्फ निराशा ही लगेगी, क्योंकि इससे पहले इस तरह की बहुत सारी फिल्में आ चुकी हैं भले ही देवा के क्लाइमेक्स में एक बड़ा शॉकिंग एलिमेंट दिखाया है पर फिर भी इसकी कहानी में ज्यादा नयापन देखने को नहीं मिलता।
फिल्मी ड्रिप की ओर से इसे दिए जाते हैं 5/2 ⭐ ⭐।
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