Crazxy Full Movie Review hindi:क्रेज़ी (Crazxy)इसकी हाइप इस लिए ज़ादा थी क्युकी यह सोहम शाह की फिल्म है और सोहम की फिल्म तुम्बाड ने बॉक्स ऑफिस पर कोहराम किया था।सोहम एक्टर के साथ एक अच्छे डायरेक्टर भी है सोहम तुम्बाड फिल्म के विनायक राव के कैरेक्टर से नज़र में आये थे जिसमे यह विनायक राव के किरदार में दिखे थे ।
क्रेज़ी एक थ्रीलर फिल्म है। गिरीश कोहली के निर्देशन में बनी क्रेज़ी में सोहम शाह मेन लीड में नज़र आरहे है। गिरीश कोहली ने अक्षय कुमार की केसरी,2022 में आयी हिट द फर्स्ट केस और मोम जैसी फिल्मो की कहानी लिखी है। 93 मिनट की क्रेज़ी कितना हमें सन्तुष्ट करती है आइये जानते है।
कहानी 5 करोड़ के धर्म संकट में फसे अभिमन्यु सूद
अभिमन्यु सूद के किरदार में हमें सोहम शाह देखने को मिलते है,जो की पेशे से एक (सर्जन) डॉक्टर है। एक सर्जरी के दौरान इनसे एक मरीज की मौत हो जाती है।
मरीज के परिवार वालो से सेटेलमेंट करने के लिए डॉक्टर साहब 5 करोड़ देने जा रहे होते है। रास्ते में जाते वक़्त अभिमन्यु के पास एक फोन आता है। सामने से फोन पर एक आदमी बोलता है तुम्हारी लड़की वेदिका हमारे पास है।
अगर तुम्हे लड़की चाहिये तो पांच करोड़ का इंतज़ाम करो पहले तो इसे फोन काल पर भरोसा नहीं होता,पर जब अपहरण करता के द्वारा अभिमन्यु के मोबाइल पर वेदिका का वीडियो मिलता है तब अभिमन्यु के पैरो तले जमींन खिसक जाती है।
वेदिका को डाउन सिंड्रोम है-डाउन सिंड्रोम एक तरह की जेनेटिक स्थिति है अभी इस बात की पक्की खबर तो नहीं है पर आमिर खान की आगामी फिल्म सितारे जमीन पर डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चो पर आधारित होने वाली है डाउन सिंड्रोम के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
अभिमन्यु अपनी बेटी और पत्नी से वैसे तो अलग रहता है पर जब इसे पता लगता है के वेदिका का अपहरण हो गया है तब खून का रिश्ता भावात्मक रूप ले लेता है अब यह एक दिन की कहानी में अभिमन्यु किस तरह से फसता जाता है यही सब आपको क्रेज़ी में देखने को मिलता है।
फिल्म में क्या है ख़ास
एक अच्छा कंटेंट सोहम शाह और गिरीश कोहली के पास पंहुचा और इन दोनों ने मिलकर जैसी स्क्रिप्ट पन्नो पर लिखी गयी थी ठीक वैसी ही परदे पर उतार दिया,इसमें एक बड़ा योगदान विशाल के म्यूज़िक का भी रहा है ।
क्रेज़ी को देख कर दर्शको की नज़र सोहम शाह के आने वाले प्रोजेक्ट पर रहने वाली है यह जानने के लिए के अब कौन सा क्रेज़ी कंटेंट इनके पिटारे से निकलने वाला है।
बाप बेटी के रिश्ते को बहुत अच्छे से फिल्म में दिखाया गया,जो अंत में सीधे हमारे दिल को छूता है।यहाँ एक सन्देश भी है आपका बच्चा चाहे जैसा भी हो उसकी ज़िम्मेदारी बाप की बनती है। बेटी वाले एंगल को फिल्म में अच्छे से एक्सप्लोर किया गया है समय-समय पर बजते गाने कहानी का पूरा माहौल बनाते है।
कब बजट में सिर्फ एक एक्टर के बल पर पूरी फिल्म बनाना और इसे सफल करना यह जादू तो सिर्फ क्रेज़ी के मेकर और एक्टर के पास ही है।
पांच करोड़ की गुत्थी को इस तरह से दिखाया गया है जिसको सुलझाने में दिमाग पर बहुत ज़ोर पड़ता है। जिन वॉइस काल को समझने में सोहम फस जाता है उतना ही एक दर्शक के तौर पर आप भी वो फीलिंग महसूस करेंगे।
प्रोडक्शन
बहुत ही कम बजट में जिस तरह से क्रेज़ी को बनाया गया है यह देख कर लगता है के अगर आपके कंटेंट में दम है तो फिल्म की सफलता बजट पर निर्भर नहीं करती।
सिनेमैटोग्राफी
क्रेज़ी में अनिल बोरकर,कुलदीप ममानिया की सिनेमैटोग्राफी है जो की बहुत शानदार है। एक एक सीन फिल्म का मास्टर क्लास है। अलग-अलग माहौल जिस तरह से दिखाए गए है उन्हें बहुत ही बढ़िया तरह से फिल्माया भी गया है।
म्यूज़िक
विशाल मिश्रा का एक गाना ‘पल’जब यह बजता है,जिस खूबसूरती से इस सीन को फिल्माया गया है वह सच में आँखों से आंसू ला देता है।
किरदार
90 % फिल्म के अंदर सिर्फ सोहम ही देखने को मिलते है,बाकि सभी कैरेक्टर सिर्फ फोन पर है। सोहम शाह ने जिस तरह से इस कंटेंट को चुना,इसे देख कर ऐसा लगता है की वो यहाँ सिर्फ एक्टर बनने ही नहीं आये है
बल्कि कंटेंट पर भी ध्यान देते है। सोहम अच्छे से समझ चुके है के अभी के दौर में कंटेंट ही किंग है। उन्नति सुराना का रोल दिल को चीर देगा अगर आप एक बेटी के बाप है तो।
निगेटिव
कंटेंट के आगे कहानी की कमियो को आसानी से अनदेखा किया जा सकता है। कम बजट के अंदर एक ऐसा पटाका तैयार किया गया है जो डराता ही नहीं बल्कि ज़ोरदार फटता भी है।
निष्कर्ष
इस तरह की फिल्मो के आने के बाद हमें लगता है के बॉलीवुड में अब भी कंटेंट ज़िंदा है। एक दर्शक के तौर पर इसे बिलकुल भी मिस नहीं करना चाहिए ताकि इस तरह का बढ़िया कंटेंट आने वाले टाइम में समय-समय पर मिलता रहे।क्रेज़ी में किसी भी तरह के एडल्ट और वल्गर सीन नहीं है। क्रेज़ी को फ़िल्मीड्रिप की ओर से पांच में से तीन स्टार मिलते है ।