अमेज़न प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 3 अक्टूबर को एक हिंदी फिल्म रिलीज़ हुई है, जिसका नाम ‘कुकी’ है। बात करें फिल्म के жанर की, तो यह ड्रामा है। फिल्म की लंबाई एक घंटा 55 मिनट की है, हालांकि यह 8 जून 2024 को थिएटर में पहले ही रिलीज़ हो चुकी है।
फिल्म का निर्देशन ‘प्रणब जे डेका’ ने किया है, जिन्होंने इससे पहले क्राइम पेट्रोल जैसे धारावाहिक का निर्देशन किया है। कहानी के मुख्य किरदार में ‘रितिशा खौंद’ और उनके पिता की भूमिका में ‘राजेश तैलंग’ नज़र आते हैं। राजेश ने इससे पहले कई हिट वेब सीरीज़ और फिल्में की हैं, जिनमें हुड़दंग, उलझ और मिर्ज़ापुर शामिल हैं। फिल्म की कहानी रेप पीड़िता की दुर्दशा पर आधारित है।
कहानी
फिल्म की कहानी मुख्य रूप से कुकी और उसके माता-पिता पर आधारित है। कैसे उनकी हंसी-खुशी से चल रही ज़िंदगी में ग्रहण लग जाता है, इसी तर्ज़ पर इसकी कहानी को बुना गया है। कुकी, जो एक काफी खुले और आज़ाद खयाल की लड़की है, उसका एक हादसे के दौरान रेप हो जाता है।
जिसके बाद रेप के आरोपियों को पकड़ लिया जाता है और उन्हें सजा भी दे दी जाती है, लेकिन इन सबके बाद एक रेप पीड़िता अपने जीवन को कैसे आगे बढ़ाती है और इस दौरान उसकी ज़िंदगी में क्या-क्या चुनौतियां आती हैं, यह फिल्म उन सभी सवालों के जवाबों को बखूबी हमारे सामने रखती है।
यह कहानी समाज की उस नीच सोच को दिखाती है, जहां रेप पीड़िता को मात्र एक खिलौना समझा जाता है और लोग उसे गिरी नज़रों से देखते हैं। समाज उसे अशुद्ध मानने लगता है। जहां कुकी का सपना था कि वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ बारिश में भीगे, लेकिन रेप हो जाने के बाद उसके प्रेमी का मात्र स्पर्श ही उसे झकझोर कर रख देता है। एक रेप पीड़िता की इंसाफ मिलने के बाद की ज़िंदगी कैसे आगे बढ़ती है, फिल्म की कहानी इसी पर केंद्रित है।
टेक्निकल एस्पेक्ट
फिल्म की कहानी काफी अनूठे कॉन्सेप्ट पर आधारित है। इसकी सिनेमैटोग्राफी भी काबिल-ए-तारीफ है। फिर चाहे बात हो इमोशनल सीक्वेंस की या सामाजिक परेशानियों की, फिल्म सभी पर अच्छे से अपना फोकस रखती है।
खामियां
फिल्म की सबसे बड़ी खामी मेकर्स द्वारा इसका प्रमोशन न किया जाना है, जिसके कारण इसे उतना नाम नहीं मिल सका। इस वजह से बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने काफी खराब कलेक्शन किया।
फाइनल वर्डिक्ट
अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में देखना पसंद है, जो हमें समाज की उस गंदगी से रूबरू कराती हैं, जिन मुद्दों को हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, तो आप इस फिल्म को ज़रूर देखें। यह फिल्म पूरी तरह से एक फैमिली फ्रेंडली कहानी पर बनाई गई है, जिसके कारण आप अपनी पूरी फैमिली के साथ इसे देख सकते हैं। यह फिल्म समाज में एक बहुत ही अच्छा संदेश देने का भी काम करती है।
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