द फैमिली मैन, फर्जी, गन्स एंड गुलाब्स जैसे शो बनाने वाले राज और डीके की एक नई वेब सीरीज प्राइम वीडियो पर रिलीज की गई है। आइए, इस शो के सभी 6 एपिसोड का डिटेल रिव्यू करते हैं। इस शो के तार प्रियंका चोपड़ा की सिटाडेल के साथ जुड़े हैं।
एपिसोड 1 रिव्यू
शो की शुरुआत होती है सन् 2000 उत्तराखंड के नैनीताल डिस्ट्रिक्ट से, जहां हनी अपनी छोटी बच्ची के साथ एक रेस्टोरेंट चलाती है। पर असल में हनी कौन है, ये कोई नहीं जानता। हनी के किरदार में साउथ अभिनेत्री सामंथा रुथ प्रभु हैं।
कहानी 2000 से 1992 में पहुंच जाती है। वरुण धवन एजेंट बनी का रोल प्ले कर रहे हैं। शो में इनका इंट्रो 1992 में मुंबई में दिखाया जाता है, जो कि एक स्टंटमैन हैं। इनके साथ इनके दोस्त का रोल प्ले कर रहे हैं टीवीएफ वाले ‘शिवांकित सिंह परिहार’ और कबीर सिंह फिल्म में शाहिद कपूर के दोस्त के रोल में दिखने वाले ‘सोहम मजूमदार’। वहीं सामंथा रुथ प्रभु एक्टिंग का ऑडिशन देती हुई दिखती हैं।
सामंथा रुथ प्रभु को हिंदी बोलना नहीं आता है, वो शो में साफ दिखाई देता है, पर एक बात अच्छी है कि इन्होंने शो को अपनी ओरिजिनल आवाज दी है।
पहले एपिसोड से ही हमें निर्देशक “राज और डीके” ने पूरी तरह से इंगेज कर के रखा है। कोरियोग्राफी से लेकर स्क्रीनप्ले, सब कुछ फैंटास्टिक है। पहले शो से ही हनी और बनी दोनों के साथ दर्शक पूरी तरह से जुड़ जाते हैं।
शो अपने फर्स्ट एपिसोड में ही हमें बहुत से ट्विस्ट और टर्न दिखाता है। ये पूरा एपिसोड 1992 और 2000, पास्ट और प्रेजेंट के बीच ही चलता रहता है। हनी, बनी और इनकी टीम कौन है और इनका मिशन क्या है, ये आपको शो देखकर ही पता लगाना होगा।
एपिसोड 2 रिव्यू
दूसरे एपिसोड की शुरुआत हिमाचल प्रदेश के “आशंसा अनाथालय” से की जाती है। इस अनाथालय से वरुण धवन ‘बनी’ का क्या रिश्ता रहा है, ये आपको शो देखकर ही पता लगेगा। 8 साल के बाद वरुण धवन अपने दोस्त ‘शिवांकित सिंह परिहार’ से मिलता है।
फिर से इनकी टीम किसी मिशन को अंजाम देने की बात करती है। ये मिशन आग में कूदने जैसा है। शो का बीजीएम स्लो है, पर ये पूरी तरह से आकर्षित करता है।
जिस तरह से हनी अपनी बेटी को ढूंढती है, वो पूरा सीन थ्रिल से भरा है। शो में साकिब सलीम ‘केडी’ की भूमिका में दिख रहे हैं। इन्होंने इस शो में अब तक की बेस्ट एक्टिंग का प्रदर्शन किया है।
केके मेनन ‘गुरु’ शांत स्वभाव वाले एजेंट की भूमिका में हैं। एपिसोड 2 में प्रोजेक्ट ‘तलवार’ की बात की जाती है। अब ये प्रोजेक्ट क्या है, इसे जानने के लिए आपको शो देखना होगा।
इस एपिसोड में हमें ‘सामंथा रुथ प्रभु’ और वरुण धवन की बचपन की स्टोरी को भी दिखाया गया है, जो बहुत संवेदनशील है। दूसरा एपिसोड थोड़ा स्लो लग सकता है, पर बोर नहीं करता। इस एपिसोड में हमें 1992 की फिल्मों को एडिट करके दिखाया जाता है, वो देखना काफी मजेदार है।
सामंथा और वरुण दोनों स्ट्रगलिंग आर्टिस्ट होते हैं और दोनों पुरानी यादों को ताजा करके खुद का इंटरटेनमेंट करते हैं। यहां पर एक किस भी होता है। अगर आप शो फैमिली के साथ देख रहे हैं, तब इस किस को निकाल सकते हैं।
एपिसोड 3 रिव्यू
एपिसोड 3 की शुरुआत होती है नैनीताल, सन् 2000 से। वरुण और इसके साथी एक मिशन को अंजाम दे रहे हैं, और सामंथा को कुछ गनमैन के साथ लड़ते दिखाया जाता है। यहां पर सामंथा के जो आपको एक्शन सीक्वेंस देखने को मिलते हैं, वो काफी शानदार तरह से फिल्माए गए हैं, जो इसकी स्टोरी में जान भर देते हैं। सभी गन सीन्स को इस तरह से शूट किया गया है, मानो आप कोई गेम खेल रहे हों।
इन सब एक्शन के बीच हनी की बेटी के चेहरे पर जो डर दिखना चाहिए, वो डर कहीं न कहीं मिस था। शो में दिखाए जाने वाले सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड के जितने भी सीन हैं, अच्छे हैं। यहां ‘थलाइवासल विजय’ डॉक्टर रघु के कैरेक्टर में दिखाई देते हैं। रघु कौन हैं, ये क्या काम करते हैं, ये सब आपको शो देखकर पता करना होगा।
सिकंदर खेर के सीन काफी कम हैं और जिन सीन्स में उन्हें दिखाया गया है, वो भी शो पर अपना कोई खास असर नहीं छोड़ते। इस एपिसोड में एक गाना भी सुनाई देता है, जो सीरीज को आगे ले जाने का काम करता है। अगर आप नैनीताल पहले कभी गए हैं, तो ये फिल्म आपकी यादों को एक बार फिर से ताजा कर देगी।
ये शो उनके लिए नहीं है, जो बिना दिमाग लगाए फिल्में देखना पसंद करते हैं, क्योंकि इसकी कहानी को समझने के लिए आपको थोड़ा दिमाग लगाना होगा।
एपिसोड 4 रिव्यू
चौथे एपिसोड की शुरुआत सन् 2000, मुंबई से होती है, जहां इसकी कहानी एक नए ट्विस्ट और सस्पेंस के साथ दिखाई देती है। केके मेनन और साकिब सलीम के बीच क्या रिश्ता है, ये एक सस्पेंस की तरह दर्शकों के सामने पेश किया जाता है।
पिछले एपिसोड की तरह ये एपिसोड भी 1992 और 2000 के बीच चलता रहता है। यहां सामंथा को पता लगता है कि वो प्रेग्नेंट हैं और ये बच्चा वरुण धवन का है। सामंथा के साथ एक और ट्विस्ट जुड़ा है, जो किसी को नहीं पता है। ये ट्विस्ट शो को थ्रिलिंग बनाता है।
एपिसोड 5 और 6 रिव्यू
ये दोनों एपिसोड अपने पहले सभी एपिसोड की तरह, चाहे वो कहानी, सिनेमैटोग्राफी, कैमरा वर्क, कैरेक्टर रिप्रेजेंटेशन, क्लाइमेक्स हो, ये हर तरह से परफेक्ट हैं।
ये एपिसोड आपको बिलकुल भी निराश नहीं करते। राज और डीके की दूसरी फिल्मों जैसी इस शो में हमें कॉमेडी तो नहीं मिलती, पर ढेर सारा सस्पेंस थ्रिलर जरूर देखने को मिलता है। ये एपिसोड खुद के टोन को पकड़कर रखते हैं, कहीं पर भी भटकते नहीं। सभी एक्शन सीन दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
लास्ट एपिसोड में एक वन-टेक एक्शन सीन है, जो आपके होश उड़ा सकता है। 300 मिलियन डॉलर अगर इस प्रोजेक्ट पर लगाए गए हैं, तो वो कहीं न कहीं शो देखने के बाद महसूस भी होता है।
रूसो ब्रदर्स और प्राइम वीडियो ने मिलकर 300 मिलियन डॉलर इस प्रोजेक्ट पर खर्च किए हैं, जिनमें से दो पहले ही रिलीज हो चुकी हैं और अब ये तीसरा Citadel का वर्जन हमें देखने को मिल रहा है।
लास्ट के दोनों एपिसोड को देखकर लगता है कि राज और डीके, एक्शन और थ्रिलर बनाने में मास्टर की डिग्री लिए हुए हैं। लास्ट का वन-टेक एक्शन सीन किसी भी हॉलीवुड फिल्म को टक्कर दे सकता है। क्लाइमेक्स में दिखाया गया 15 मिनट का नॉन-स्टॉप एक्शन बवाल है।
सीजन वन को अभी पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। इसका मतलब हमें इसका सीजन 2 भी देखने को मिलने वाला है।
हमारी तरफ से इस सीरीज को पांच में से 3 स्टार दिए जाते हैं।
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