लक्ष्मण उतेकर के निर्देशन में बनी विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना अभिनीत ‘छावा’ को 14 फरवरी 2025 में सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया था। 130 से 140 करोड़ के बजट में तैयार की गई छावा ने अपने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर 33.10 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। सप्ताह समाप्त होते-होते इसने 225.28 करोड़ का बड़ा कलेक्शन कर अपने बजट को रिकवर कर लिया था।
दैनिक जागरण के अनुसार छावा का भारत नेट कलेक्शन है 570.65 करोड़ रुपये और ग्रॉस कलेक्शन बनता है 677 करोड़, वहीं अगर दुनिया भर के कलेक्शन की बात करें तो यह होता है 767 करोड़ रुपये।
किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर घर पर बैठकर देखें छावा
‘छावा’ के ओटीटी राइट्स नेटफ्लिक्स के पास हैं, पर अभी तक नेटफ्लिक्स की ओर से कोई भी आधिकारिक जवाब नहीं आया है कि इसके ओटीटी राइट्स कितने में खरीदे गए हैं।ट्रेड रिपोर्ट्स के अनुसार संभवतः नेटफ्लिक्स ने ‘छावा’ की सफलता को देखते हुए 120 से 150 करोड़ रुपये के बीच इसके राइट्स एक्वायर किए होंगे।
आम तौर पर ऐसा देखा गया है कि अगर कोई फिल्म 500 करोड़ का कलेक्शन करती है, तब उसके ओटीटी राइट्स 100 करोड़ से 150 करोड़ के बीच में बिकते हैं। यह निर्भर करता है फिल्म की सफलता और उसके कलाकारों पर।
कब तक रिलीज होगी छावा
जियो हॉटस्टार के पास भारत का सबसे बड़ा दर्शकों का समूह है, इसके बाद भी बड़ी-बड़ी फिल्मों के राइट्स नेटफ्लिक्स ही ले जाता है। हर बार की तरह इस बार भी नेटफ्लिक्स विक्की कौशल की फिल्म छावा के राइट्स ले गया है। साथ ही आने वाले समय में भी भारत की सभी बड़ी फिल्में नेटफ्लिक्स पर ही देखने को मिलेंगी।
अब बात करते हैं कि छावा नेटफ्लिक्स पर कब तक देखने को मिलेगी। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार छावा अप्रैल के महीने में नेटफ्लिक्स पर देखने को मिल सकती है। इसकी रिलीज डेट 11 अप्रैल के आसपास की बताई जा रही है। सम्भवतः छावा 11 अप्रैल को यह नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखने को मिल जाएगी। नोट अभी इस बारे में नेटफिलिक्स की ओर से आधिकारिक जानकारी दी गयी है।

औरंगजेब की बेटी ज़ीनत-उन-निस्सा, जिसको छावा में बहुत कम दिखाया गया, आखिर क्या है इसका रहस्य
औरंगजेब की कुल पाँच बेटियाँ थीं इसमें से एक ज़ीनत-उन-निस्सा थी। फिल्म में दिखाया गया है कि औरंगजेब के आखिरी वक्त तक ज़ीनत-उन-निस्सा इसके साथ रही थी, जबकि बाकी के बेटे और बेटियाँ इसके साथ नहीं थे। आखिर क्यों ज़ीनत-उन-निस्सा ने छत्रपति संभाजी महाराज की पत्नी और बेटे को, जब औरंगजेब ने कैद किया था, तब उनका साथ क्यों दिया।
ज़ीनत की कहानी छावा में नहीं दिखाई गई है, पर इनकी कहानी बहुत इंट्रेस्टिंग है। औरंगजेब एक कट्टर धार्मिक इंसान था, तो वहीं इसकी बेटी इसके बिल्कुल विपरीत थी। यह संगीत और कला में रुचि रखने वाली लड़की थी। ऐसा भी कहा जाता है कि जब संभाजी महाराज को औरंगजेब ने पकड़ लिया था तब संभाजी महाराज को मौत की सजा से बचाने वाली पूरे दरबार में यह अकेली लड़की ज़ीनत ही थी।
औरंगजेब से ज़ीनत ने बताया कि संभाजी महाराज को मौत की सजा सुनाने से पहले इसको इस्लाम कबूल करवाओ। ज़ीनत को ऐसा लगता था कि अगर संभाजी महाराज इस्लाम कबूल करेंगे तो वह शायद मौत की सजा से बच जाएँ, पर संभाजी ने इस्लाम को कबूल करने से मना कर दिया। औरंगजेब ने गुस्से में संभाजी महाराज को मौत की सजा सुना दी।
ज़ीनत ने एक बार फिर से अपने पिता औरंगजेब को बताया कि मौत की सजा के बदले संभाजी महाराज को उम्रकैद की सजा दे दी जाए, पर औरंगजेब इस बात पर बिल्कुल भी राजी नहीं हुआ और इसने संभाजी महाराज को मृत्युदंड की सजा दी। संभाजी महाराज की मौत के बाद ज़ीनत और औरंगजेब में कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे।
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