Buy now Netflix documentary exclusive review:आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी का एक हिस्सा ऑनलाइन शॉपिंग भी बन गया है हम चाहे या ना चाहे पर किसी न किसी तरह इससे जुड़े हुए हैं। वह चाहे वक्त की कमी हो या फिर आपके घर से मार्केट का दूर होना इन सभी कारणों में जो भी कारण आपके साथ रहेगा तब आपको ऑनलाइन दुनिया में जुड़ना ही पड़ेगा।
ऐसे ही गंभीर मुद्दे पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर हिंदी में रिलीज की गई है जिसका डायरेक्शन ‘निक स्टेसी’, ने किया है। फिल्म की लेंथ की बात करें तो यह एक घंटा 24 मिनट की है जिसका जोनर डॉक्यूमेंट्री की कैटेगरी में आता है।
डायरेक्टर ‘निक स्टेसी’ ने इससे पहले सन 2022 में भी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म की थी जिसका नाम फर्स्ट कांटेक्ट एन एलियन था। फिल्म ‘बाई नाउ’ (buy now) की स्टोरी की बात करें तो इसमें अमेज़न एप्पल और भी बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर चुके एक एम्पलाइज ने बहुत सारे काले राजों का खुलासा किया है।
PIC CREDIT IMDB
कड़ी नंबर 1 एमेजॉन (Amazone) एक्स एम्पलाई
फिल्म की कहानी अमेजॉन की एक्स एम्पलाई ‘मोनिका कोस्टा’ के इंटरव्यू से शुरू होती है जिसमें वह बहुत सारे खुलासे करती हैं क्योंकि वे अमेजॉन कंपनी के साथ उसके शुरुआती दौर से जुड़ी हुई थी।
जैसा कि हर नई कंपनी के साथ होता है वैसा ही अमेजॉन ने भी किया उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में अमेजन ने बहुत सारे ह्यूमन साइकोलॉजिकल वे में कदम आगे बढ़ाएं जिसमें कई बार ग्राहक के चाहने या ना जाने से कोई भी फर्क नहीं पड़ता और जब भी कोई ग्राहक हमारी ऐप में एंट्री करता था तो उसे इस तरह से ए डॉन बंडल्स दिखाए जाते थे
जिसे ग्राहक दिलचस्प बना ले और सामान भी खरीदे जिनकी उन्हें जरूरत तक नहीं थी। आगे जब रिपोर्टर द्वारा उनसे पूछा जाता है की जो भी सामान आप लोग बेच रहे थे क्या आपको पता था उसका आगे चलकर क्या होने वाला है जिसका मोनिका कोस्टा के पास कोई भी जवाब नहीं होता और वह कंफ्यूज नजर आती हैं।
आगे उन्होंने यह बताया हमारी कंपनी का उद्देश्य ही ज्यादा सामान बेचना है और इसमें कोई गलत बात नहीं क्योंकि बाकी बड़ी-बड़ी कंपनियां भी इसी तरह से चल रही हैं।
कड़ी नंबर २ एडिडास (Adidas) एक्स एम्पलाई-
फेमस शूज कंपनी एडिडास के एक एंप्लॉय जिन्होंने अपने नाम ‘एरिक लिड़्टक’ (फार्मर एडीडास ब्रांड प्रेसिडेंट), उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि जब वह एडीडास में काम करते थे उस वक्त सेल को बढ़ाने के लिए बहुत सारे गलत हथ कंडो का इस्तेमाल किया। फिर चाहे वह सही हो या गलत कंपनी को इससे कोई लेना देना नहीं उनका फोकस पूरी तरह से सिर्फ सेल को बढ़ाने पर था। जो कि देखा जाए तो मोरली और एथिकली भी गलत है।
कड़ी नंबर ३ एप्पल (Apple) एक्स एम्पलाई-
दुनिया के सबसे प्रीमियम मोबाइल ब्रांड के नाम में एप्पल जाना जाता है लेकिन अपने शुरुआती दौर में कंपनी को बढ़ाने के लिए बहुत सारे ऐसे टैक्टिक्स का इस्तेमाल किया गया जो बिल्कुल भी सही नहीं थे इसके बारे में एप्पल के एक एक एंप्लॉय ने बात की हालांकि उन्होंने अपने नाम को पूरी तरह से गुप्त रखा है।
उन्होंने बताया कि कंपनी अपने माल को बेचने के बाद उससे होने वाले कचरे के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचती हालांकि पिछले दिनों एप्पल कंपनी ने अपने कुछ रूल्स बनाए हैं जिनमें आप पुराने मोबाइल को रिसाइकल कर सकते हैं जिसके लिए आपको कुछ छूट भी दी जाती है। एप्पल के इस एक्स एमपलाई ने यह भी खुलासा किया की पूरी दुनिया में हर साल एक करोड़ 30 लाख फोन को फेंक दिया जाता है।
फाइनल वर्डिक्ट-
अगर आपको डॉक्यूमेंट्री फिल्में देखना पसंद है जो कि असल जिंदगी में घट रही घटनाओं पर आधारित हो यह किसी मुद्दे पर बनाई गई।तो आप इस फिल्म को बेझिझक रिकमेंड कर सकते हैं हालांकि यह फिल्म नॉर्मल दर्शकों के लिए नहीं है क्योंकि यह एक डॉक्यूमेंट्री है, जिसके कारण इसमें किसी भी तरह का माल मसाला देखने को नहीं मिलेगा। यह फिल्म आपको नेटफ्लिक्स (Netflix) ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंदी में देखने को मिल जाएगी।
हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐ ⭐.