Aye Zindagi Review hindi:एक घंटा चालीस मिनट की ये फिल्म ऑर्गन डोनेशन पर बेस्ड है ये फिल्म असल ज़िंदगी पर आधारित है। इस फिल्म के द्वारा बहुत सारे सन्देश दर्शको को दिये गए है। ये फिल्म हर कोई नहीं देख सकता क्युकी फिल्म काफी स्लो चलती है। पर फिल्म में इमोशन हमे भर-भर के देखने को मिलते है।
कहानी विनय नाम के लड़के की है जो की एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर है विनय को एक दिन पता लगता है के उसके लिवर में कैंसर हो गया है धीरे-धीरे वो बहुत कमज़ोर फील करता है। बीमारी के बढ़ने की वजह से इसे काम करने में भी प्रॉब्लम होना शुरू हो जाती है। विनय का एक भाई है जो इसे हॉस्पिटल में ले कर जाता है।
हॉस्पिटल में एक लेडी डॉक्टर मिलती है जो कहती है के आपका लिवर बदलने में बीस से पच्चीस लाख रूपये लगेंगे पर शर्त ये है,के इसके लिए एक डोनर चाहिये जो आपको अपना लिवर डोनेट करे अब कौन विनय को अपना लिवर देता है क्या विनय बच भी पाता है इन सब सवालो के जवाब आपको इस फिल्म में मिलेंगे जिसके लिए आपको इस फिल्म को ज़ी5 पर देखना होगा।
जो इंसान विनय को अपना लिवर देता है वो ट्विस्ट फिल्म में देख कर आप शॉक हो जायेगे। शुरुवात में ये फिल्म बहुत बोरिंग लगती है पर धीरे-धीरे फिल्म अपनी रफ़्तार पकड़ती है और आखिर तक आते-आते एंगेजिंग हो जाती है। फिल्म के सभी एक्टर ने अच्छी एक्टिंग की है,जिसमे अगर सब से अच्छी एक्टिंग है वो है रेवती की। विनय ने भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है फिल्म में।
अगर आप एक अच्छी एक्टिंग इमोशनल फैमिली ड्रामा फिल्म देखने के शौक़ीन है तब आप इस फिल्म को देख सकते है अगर आप भावुक है बात-बात पर रो देते है तब आप इस फिल्म से दूर ही रहे है क्युकी ये फिल्म आपको अंदर से रुलाती है आपको ऐसा फील कराती है के के अगर आपके अपने किसी के साथ ऐसा हो तब क्या होगा अनिर्बान बोस ने इस फिल्म को लिखा भी है और इसका निर्देशन भी किया है जो की बहुत शानदार है।
ये फिल्म पॉपकॉर्न दर्शको के लिये नहीं बनी है जिसमे हर दो मिनट में सीटिया तालिया बजायी जा सके ये एक सच्ची घटना पर आधारित इमोशनल यात्रा है आप इस फिल्म को अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठ कर देख सकते है बस शर्त एक है के आपका दिल कमज़ोर न हो हमारी तरफ से इस फिल्म को दिये जाते है पांच में से तीन स्टार