Anand Sreebala Review Hindi:दुनिया भर में हर रोज ना जाने कितने लोगो की रेप करके हत्या कर दी जाती है और सबूत और गवाहों के न होने की वजह से अपराधी खुलेआम समाज में घूमता रहता है।
इसी पर आधारित एक सच्ची कहानी से प्रेरित जो की 2017 में घटना घटित हुई थी निर्देशक विष्णु विनय अपनी फिल्म ‘आनंद श्रीबाला‘में दिखाने की कोशिश की है।
यह मलयालम फिल्म अपने थ्रिलर और सस्पेंस को जिस तरह से पेश कर रही है उसे देखकर ऐसा लगता है कि बॉलीवुड के लिए आने वाले सालो में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री मिस्ट्री और थ्रिलर फिल्मों की यूनिवर्सिटी बन जाएगी।
कहानी
कहानी की शुरुआत आम फिल्म जैसी ही होती है जिसमें एक लड़की गायब हो जाती है कुछ समय बाद के बाद लड़की की डेड बॉडी मिलती है जैसा कि हमने ऊपर बताया कि यह एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म है जो की 2017 में मिशेल नाम की छात्र जो की कानून की पढ़ाई कर रही थी उसके साथ घटित हुई थी।
इस घटना ने पूरे केरल को हिला कर रख दिया था शुरुआती रुझानों से लोगों को ऐसा लगा कि यह एक आत्महत्या है,पर अर्जुन अशोकान जो की आनंद श्री बाला का कैरेक्टर प्ले कर रहे हैं इनको लगता है कि यह एक आत्महत्या न होकर बल्कि कुछ और है। इस पूरी फिल्म का 80% भाग असल कहानी के जैसा ही दिखाई पड़ता है।
शुरुआती 20 मिनट में ही यह कहानी आपको पूरी तरह से इंगेज करके रख देती है। 2 घंटे 12 मिनट की इस फिल्म को अमेजॉन प्राइम पर रिलीज कर दिया गया है पर अभी इसे सिर्फ साउथ लैंग्वेज में ही डाला गया है जिसे आसानी से इंगलिश सब टाइटल के साथ देखा जा सकता है इसकी हिंदी डबिंग जल्दी हमें अमेजॉन प्राइम पर देखने को मिल जाएगी।
पॉजिटिव प्वाइंट
अगर आप मलयालम फिल्में देखते होंगे तब आपको पता होगा कि यह किस तरह से अपनी फिल्मों में ट्विस्ट और टर्न को पेश करते हैं बस उसी तर्ज पर इस फिल्म में भी एक सिंपल कहानी को इस तरह से पेश किया गया है।
जो की पूरी तरह से हिला कर रख देता है कहानी अपनी शुरुआत थोड़ी स्लो फेज़ से करती है पर जैसे-जैसे आगे बढ़ती है कहानी में तेजी देखने को मिलेगी।
पहले हाफ की तुलना अगर इसके दूसरे हाफ की बात की जाए तो वह काफी ज्यादा शानदार है सेकंड हाफ में जिस तरह से पुलिस इन्वेस्टिगेशन करती है वह देखना काफी रोमांचकारी है कहानी को को कुछ इस तरह से लिखा गया है जिसका अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है के आगे क्या दिखाया जाने वाला है।
आखिरी के आधे घंटे में आप को अपना दिमाग बहुत तेजी से चलाना होगा यह जानने के लिए कि आखिर हत्या की किसने है। कहानी अपने आप को काल्पनिक बताती है पर इसे देखकर यह साफ जाहिर होता है कि यह असल जिंदगी से प्रेरित है।
फिल्म का प्लस पॉइंट ये है कि जब हमें लगता है कि आगे यह होने वाला है तब बिल्कुल उसका विपरीत होता हुआ दिखाई पड़ता है सभी कैरक्टरों की जिंदगी को बेहतरीन ढंग से पेश किया गया है अभिलाष पिल्लई ने कहानी को बहुत ही बेहतरीन ढंग से लिखा है
नेगेटिव पॉइंट
फिल्म का पहला भाग जहां स्लो है तो वहीं दूसरा हाफ बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ता है कुछ सीन को ज्यादा से ज्यादा खींचने की कोशिश की गई है जो कि अगर ना भी करी जाती तब भी ठीक था।
कहानी में जो रोमांस का एंगल दिखाया गया है वह कोई खास नहीं है उसकी कोई जरूरत भी नहीं थी रोमांस के जैसा ही फिल्म के अंदर गाने डालने की भी जरूरत नहीं थी।
निष्कर्ष
अगर आप सस्पेंस मिस्ट्री देखना पसंद करते हैं तब आप इस फिल्म के हिंदी का इंतजार किये बिना देख सकते हैं इंग्लिश सबटाइटल के साथ। कहानी पूरी तरह से आपको सम्मोहित करने में कामयाब रहती है। आईएमडीबी की ऒर से इसे दस में से सात की रेटिंग मिली है फ़िल्मी ड्रिप इसे पांच में से तीन स्टार देता है।
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