Break the silence:ऑटिज्म और रेप की शिकार लड़की,40 मिनट की यह फिल्म आपको क्यों देखनी चाहिए?

Break the silence review in hindi

Break the silence review in hindi:प्राइम वीडियो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक नई शॉर्ट फिल्म रिलीज की गई है जिसका नाम ‘ब्रेक द साइलेंस’ है। इसका प्रीमियर ‘फेस्टिवल डे कान्स मार्चे डु फिल्म‘ में किया गया था और साथ इसे ‘दादा साहेब फाल्के‘ फिल्म अवॉर्ड से भी 2024 में सम्मानित किया गया है।


फिल्म का जोनर ड्रामा और सस्पेंस कैटेगरी में आता है। फिल्म की लेंथ मात्र 40 मिनट की है, जिसका डायरेक्शन ‘हेमंत चौहान‘ ने किया है जिन्होंने इस फिल्म से मूवी डायरेक्शन की फील्ड में अपना डेब्यू किया है। “इसकी कहानी अज्जू और आरती नाम के दो भाई बहन की है, जोकी मानसिक बीमारी ऑर्टिसम से जूझ रहे हैं”।

कहानी- फिल्म की स्टोरी शुरू होती है मुंबई से जहां पर ‘बाबू’ जिसकी चाय की दुकान है और ‘पल्लवी’ जोकि एक हाउस वाइफ है दोनों पति-पत्नी मिलकर एक साथ हसी खुशी रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके पड़ोसी ‘अज्जू’ और ‘आरती’ जोकि भाई बहन है जिनके मां-बाप कोरोना के समय चल बसे थे जिस कारण से बाबू और उसकी पत्नी अपने बच्चों की तरह इन दोनों का ख्याल रखते हैं।

फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब दानिश और उसके २ साथी आरती का रेप करने की कोशिश करते है। इसके बाद एंट्री होती है डॉक्टर ‘हिना'(अनुप्रिया) गोयंका की जो की ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों का मंथली चेकअप करती हैं। इस बार आरती के कुछ अजीब बिहेवियर के कारण हिना को शक हो जाता है

और वह उसका मेडिकल टेस्ट कराती हैं। जिसमें आरती प्रेग्नेंट पाई जाती है। “क्योंकि आरती कोई नॉर्मल लड़की नहीं है वह एक आर्टिसम पेशेंट है जो कि अपनी भावनाओं और अपनी बात को नॉर्मल लोगों की तरह सबके सामने नहीं रख सकती”।

फिल्म की स्टोरी में आगे कैसे डॉक्टर हिना आरती को इंसाफ दिला पाती है और कैसे उसके रेपिस्ट को सजा दिलवाती है यह सब जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी यह शॉर्ट फिल्म जो की प्राइम वीडियो के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंदी में उपलब्ध है।

खामियां- क्योंकि यह एक शॉर्ट फिल्म है जिस कारण से इसका प्रोडक्शन बजट काफी कम है। फिल्म में दिखाए गए सभी कलाकार नए हैं जिसके कारण करैक्टर डेवलपमेंट नही हो पाता। इसकी कहानी में नया पन देखने को नहीं मिलता।

टेक्निकल एस्पेक्ट- मूवी में दिखाया गया इमोशनल एंगल काफी कमजोर है जिस तरह से एक रेप पिता के साथ हुए दुष्कर्म के कारण दर्शकों मैं इमोशन फील होना चाहिए था। वह नहीं हो सका।

फाइनल वर्डिक्ट- अगर आपको शॉर्ट फिल्में देखना पसंद है तो आप इस फिल्म को रिकमेंड कर सकते हैं जो की मात्र आपके 40 मिनट लेती है। हालांकि फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे देखकर आप इसे एक मास्टर पीस कह सकें।

फिल्म को देखते समय आपको ऐसा फील होगा जैसे सोनी टीवी के डेली शो क्राइम पेट्रोल की कहानी को लेकर यह मूवी बना दी गई है। बात करें न्यूडिटी की तो इसमें कोई भी आपत्तिजनक सीन नहीं है जिसके कारण आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।

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  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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