1-आदाई
बिना कपड़ों के एक लड़की एक सुबह उठती है सुनसान बिल्डिंग के अंदर ,अब इसके साथ ऐसा कैसे हुआ और क्यों फिल्म का नाम है आदाई और आईएमडीबी की तरह से इस फिल्म को ६.१ की रेटिंग दी है। जो इसकी यूनिकनेस के आगे बहुत कम है।
आधी फिल्म के बाद जो इस लड़की की मजबूरी दिखायी है अपने आप में बहुत शानदार है कहीं पर भी फिल्म शर्म नहीं कराती,जिसे बहुत बोल्ड तरीके से इस दिखाया गया है। फिल्म का पहला हिस्सा उतना अच्छा नहीं है जितना की होना चाहिए था पर पहले हिस्से के बाद फिल्म गिरगिट के जैसे रंग बदलती है। फ़िल्मी ड्रिप इस फिल्म को देता है पांच में से चार स्टार इस फिल्म को आप यूट्यूब पर फ्री में देख सकते हैं।
2-सत्यभामा
क्राइम थ्रिलर के अंदर जब हमें फीमेल कलाकार लीड एक्टर के रूप में नज़र आती है तो बात ही कुछ और होती है।कहानी ऐसी पी सत्यभामा की है जो अपने काम को लेकर बहुत वफादार है ये किसी भी केस के जड़ तक जाकर उसे सॉल्व करने में माहिर है।
इसके लिए इन्वेस्टिगेशन के आगे घर बार पति सब पीछे है,अगर एक बार ये किसी केस में लग जाती है तब ये उस पर जीत हासिल कर के ही रहती है। दो घंटे दस मिनट की इस फिल्म को आप जियो सिनेमा पर हिंदी में देख सकते हैं। एक या दो क्राइम पर नहीं टिकती है ये फिल्म, सत्यभामा को बहुत से केस सॉल्व करने होते हैं। फिल्म में काजल ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है। फिल्म देख कर ऐसा लगता है के हमारी पुलिस के पास ऐसे ही लोग हों जो क्रिमिनलों की जड़ें उखाड़ कर फेंक दें।
3- मेस्ट्रो
बॉलीवुड की अंधाधुंध का रीमेक आपको फ्री में यूट्यूब पर देखने को मिल जाती है जिसमें सस्पेंस थ्रिलर के क्राइम कॉमेडी सब कुछ एक साथ एक जगह पर देखने को मिलता है। दो घंटे पंद्रह मिनट की इस फिल्म का नाम है मेस्ट्रो।
फिल्म की कहानी एक अंधे की है जो खुद को बहुत स्मार्ट समझता है। पर एक दिन ये अपने बिछाये जाल में खुद ही फंस जाता है। एक दिन ये अपने सामने एक मर्डर होते हुए देख लेता है पर इसे तो देखना नहीं आता है तो ये देख कैसे लेता है ये आपको फिल्म देख कर जानना है।
ये फिल्म बॉलीवुड फिल्म अंधाधुंध का रीमेक है पर कहीं से भी रीमेक नहीं लगती है फिल्म को देख कर ऐसा लगता है के शायद अंधाधुंध इस फिल्म का रीमेक हो पर एक जगह ये फिल्म अंधाधुंध से पीछे रह जाती है वो है अंधाधुंध फिल्म का म्यूजिक,इस फिल्म के अंदर आप वैसा म्यूजिक बहुत मिस करेंगे।
4-क्राइम केस ९९
ये २०११ की एक मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म है। फिल्म में दिखाया है के एक सीआईडी ऑफिसर की बहन खो गयी है। ऑफिसर उसे ढूंढ रहा है पर इसी बीच इसे एक और केस अपने हाथों में ज़बरदस्ती लेना पड़ जाता है।
फिल्म बहुत मार काट से भरी हुई है,फिल्म की एक और अनोखी चीज़ ये है के किलर,लोगों को मार कर उनका एक हाथ पब्लिक प्लेस में डाल देता है। कातिल पुलिस को चुनौती देता है के पकड़ का दिखाओ मुझे। बस ये फिल्म दो घंटे चालीस मिनट लम्बी है जिसे अगर थोड़ा कम कर दिया जाता तो ज़्यादा अच्छा रहता।
5-टेक ऑफ
भारत से बीस से पच्चीस नर्सों को किडनैप कर लिया जाता है ईराक में अब ये किडनैपिंग भारत में नहीं ईराक में हुई है और कहीं से भी मदद नहीं मिलती है। पर एक अच्छी प्लानिंग के तहत मनोज जो की एक इंडियन एम्बेसडर है क्या वो इन्हें बचा पायेगा। दो घंटे चालीस मिनट की इस फिल्म को ये एक मलयालम फिल्म है फिल्म का नाम टेक ऑफ ये एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है। बॉलीवुड की टाइगर जिंदा है सलमान खान की फिल्म टेक ऑफ फिल्म का ही रीमेक वर्जन है। फहद फासिल और कुंचाको बोबन जिस भी फिल्म में होते हैं वो अपना अलग ही एक्सपीरियंस छोड़ कर जाती है। टेक ऑफ एक असल घटना पर आधारित है।
6 -ट्रैफिक (दिल धड़कने दो )
एक सुपर स्टार के बच्चे के दिल में प्रॉब्लम है और उसके बच्चे का दिल तत्काल में बदलना है,उस बच्चे के लिये एक डोनर मिल गया है अब सिर्फ बारह घंटे हैं जिसमें दिल को डोनर से लेकर इस बच्ची तक लाना है इस फिल्म का कॉन्सेप्ट इतना अच्छा है के पहले इसको तमिल में बनाया गया फिर बॉलीवुड में बना ये असल ज़िंदगी पर बनी एक तमिल फिल्म है आईएमडीबी पर इसे ८.१ की रेटिंग दी गयी है। तेरह साल पुरानी फिल्म है,इसलिए फिल्म थोड़ा स्लो है। फिल्म में एक नंबर का सस्पेंस देखने को मिलता है
7-विसारनाई
चार लेबर को पुलिस बहुत बुरी तरह से मार रही है वो भी उस जुर्म के लिये जो इन्होंने कभी किया ही नहीं होता। जैसे ही पुलिस को लगता है के ये निर्दोष हैं तब इन्हें छोड़ दिया जाता है आपको ऐसा लगेगा के इंसानियत अब भी ज़िंदा है पर फिर ऐसा कुछ होता है जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगे ये फिल्म ये फिल्म असल कहानी से जुड़ी है। इस फिल्म को अभी तमिल में ही देख सकते हैं यूट्यूब पर पचास रुपये दे कर ये फिल्म देखी जा सकती है।
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