Kiss Ka Call Movie Review: एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर जो बार-बार के कॉल्स से डराता है

Kiss Ka Call Movie Review: एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर जो बार-बार के कॉल्स से डराता है

रायो एस.भाखिरता की नई फिल्म किस का कॉल एक एडल्ट थ्रिलर है जिसका निर्देशन शांतनु आनंद तांबे ने किया है जिसे ShemarooMe के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया है।

कहानी

यह कहानी रॉकी नाम के एक लड़के की है जो कि छोटे शहर से मुंबई में फिल्मों में अपना करियर बनाने के लिए आता है। रॉकी को 6 साल गुजर जाने के बाद भी अच्छा काम नहीं मिल पाया, उसे अभी सिर्फ ओटीटी या एडल्ट फिल्मों में ही ऑफर मिल रहे हैं जो कि वह करना नहीं चाहता।

इस फिल्म के माध्यम से यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में नए लोगों को एंट्री आसानी से नहीं मिलती। वही बात की जाए ओटीटी की तो अब बड़े एक्टर्स ने यहां कब्जा जमा लिया है। रॉकी अपनी नॉर्मल रूटीन के साथ फिल्मों के ऑडिशन दे रहा है।

इसकी जिंदगी में बदलाव तब आता है जब इसे अचानक से नए-नए नंबरों से अननोन कॉल आना शुरू हो जाती है। जब वह वॉइस कॉल को पिक करता है तब वह कट जाती है और सामने वाला स्विच ऑफ कर देता है। अब तक तो आप सब यह समझ ही गए होंगे कि यह एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म है जहां शुरुआत के 10 मिनट में यह एक कम बजट वाली उल्लू वेब सीरीज जैसी लगती है,

पर बाद में यह अननोन फोन की वजह से रॉकी के साथ-साथ फिल्म देखने वाले दर्शक भी परेशान हो जाते हैं। एक घंटा उन्नीस मिनट की इस फिल्म में क्या रॉकी शर्मा इस फोन कॉल का राज़ सुलझा पाने में कामयाब रहता है या नहीं इस सस्पेंस को सुलझाने के लिए यह फिल्म देखनी होगी।

फिल्म के पॉजिटिव पहलू

रॉकी के रोल में रायो एस. भाखिरता की फिल्म में इनकी परफॉर्मेंस ठीक-ठाक है। इन्हें पहले भी 2011 में आई प्यार का पंचनामा जैसी फिल्म में देखा जा चुका है। प्यार का पंचनामा के बाद रायो एस. भाखिरता को कोई भी बड़ी फिल्म में काम करने का मौका नहीं मिला। यहां बहुत एक्टर्स तो देखने को नहीं मिलते, पर जितने भी हैं सबने अपना-अपना काम अच्छे से किया है। अगर साइकोलॉजिकल थ्रिलर टाइप फिल्मों को देखना पसंद करते हैं तो एक बार इसे देख सकते हैं।

KISS-KA CALL फिल्म के निगेटिव पहलू

फिल्म का सबसे बड़ा नेगेटिव पॉइंट यह है कि बार-बार आने वाली अननोन कॉल एक टाइम पर इरिटेट करने लगती हैं। जिस तरह से रॉकी इन कॉल्स से परेशान रहता है उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि वह इन कॉल्स को कुछ ज्यादा ही सीरियसली ले रहा है जिसके कारण फिल्म रिपीटेड मोड में चलने लगती है।

बार-बार एक जैसे सीन, एक जैसे डायलॉग, सब कुछ एक जैसा होने लगता है जो दर्शकों को बोर कर सकता है। यहां कुछ भी नयापन देखने को नहीं मिलता। एक छोटे से बिंदु को उठाकर पूरी फिल्म बना दी गई है। प्रोडक्शन क्वालिटी, सिनेमैटोग्राफी, स्क्रीनप्ले कमजोर है। डायलॉग भी कुछ खास सुनने को नहीं मिलते।

निष्कर्ष

यह एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है जिसके अंतिम संदेश के लिए बहुत कम एक्सपेक्टेशन के साथ एक बार देखा जा सकता है। कम बजट में बनी यह फिल्म कुछ-कुछ मूवमेंट पर अच्छी लगने लगती है तो अगले पल रिपीटेड। अगर आपको भी इस अननोन कॉल की मिस्ट्री को सुलझाना है तो इसे एक बार देख सकते हैं। यहां एक एडल्ट सीन भी डाला गया है तो परिवार के साथ बिल्कुल भी न देखें।

READ MORE

Firefly Hindi Dubbed Review: क्या होगा जब टूटेगा एक बेटे का माँ बाप के साथ जिंदगी गुजारने का सपना?

Shweta Tripathi Birtday 2025: कालकूट की पारुल चतुर्वेदी(श्वेता त्रिपाठी) के 40वे जन्मदिन पर जाने उनसे जुड़ी कुछ रोचक बाते

Author

  • Amir Khan

    हाय! मैं आमिर खान, FilmyDrip के लिए लेखक और सिनेमा का दीवाना हूँ। बॉलीवुड की चमक, फिल्मों की कहानियाँ और सितारों का जलवा मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने लेखों में लेटेस्ट फिल्म रिव्यू, मनोरंजन की खबरें और मजेदार विश्लेषण लाता हूँ। चाहे ब्लॉकबस्टर मूवी हो या नए सितारों की कहानी, मैं हर लेख को रोचक और सच्चा बनाने की कोशिश करता हूँ। FilmyDrip के साथ, मेरा मकसद है सिनेमा प्रेमियों को मनोरंजन की दुनिया से जोड़े रखना। मेरे लेख पढ़ें और बॉलीवुड के मज़ेदार सफर का हिस्सा बनें!

    View all posts