अभी तक 28 इयर्स लेटर की इसे मिलाकर तीन फिल्में आ चुकी है जिसमें पहले थी 28 Days Later और दूसरी 28 Weeks Later थी। और अब इसका तीसरा भाग आया हैं 28 इयर्स लेटर (28 Years Later) की कहानी में दिखाया गया है कि एक महामारी के बाद धरती पर मानव जाति लगभग पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी और यह कहानी उस घटना के 28 साल बाद की घटनाओं को पेश करती है। यहां पर 28 साल बाद की दुनिया जिस तरह से पेश की गई है। इसमें पूर्ण रूप से सत्यता है।
जैसा कि हम सब लोग एक बात तो जानते हैं कि इस धरती पर जो सबसे खराब प्राणी है वह इंसान है।अगर इन्हें हटा दिया जाए तो सारी परेशानियों का अंत खुद ब खुद हो जाएगा क्योंकि जिस तरह से मॉडर्न दुनिया बनाने के लिए पर्यावरण से छेड़छाड़ की जा रही है इसी कारण समय समय पर नेचर अपना बदला लेता हुआ दिखता है। कहानी में दिखाया जाता है कि दुनिया से मानव जाति का अंत हो चुका है अब बिना मानव के यह पृथ्वी कैसी दिखाई देती है यही सब आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगा।

28 साल के बाद चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है जिसे देखकर ऐसा महसूस होता है कि यह कोई दूसरा ग्रह तो नहीं। मेकर की इमेजिनेशन की तारीफ करना होगी जिसे इन्होंने अपनी फिल्म के माध्यम से पेश किया है। यहां किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी मोबाइल फोन इंटरनेट नहीं है।लोग तीर कमान से लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं चारों ओर शांति ही शांति और सुकून दिखाई देता है शायद आप एक बात से अनजान होंगे कि फिल्म में दिखाए गए जोंबी वाले सीन को आईफोन के इस्तेमाल से शूट किया गया है।
फिल्म को असल ढंग से पेश करने के लिए इतना रियलिस्टिक दिखाया गया है की ज़ॉम्बीज़ को ये नहीं पता कि कपड़े पहनने हैं या नहीं इसलिए इसे परिवार के साथ देखने से बचें। फिल्म में कई हिंसक सीन हैं जहाँ ज़ॉम्बी कीड़े-मकड़े और अजीब चीज़ें खाते दिखते हैं। तीसरा भाग देखने का अनुभव वैसा ही है जैसा पहले दो भागों को देखकर हुआ था। कहने का मतलब यह है कि 28 इयर्स लेटर (28 Years Later) किसी भी मायने में अपने पिछली दोनों भागों से कमजोर नहीं है।

28 ईयर्स लेटर पॉजिटिव पॉइंट्स
कहानी शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को खुद से बांधकर रखने में पूरी तरह से कामयाब रही है शुरू से लेकर अंत तक जो सस्पेंस बनाकर रखा गया है उसे देख दर्शकों में एक उत्सुकता बनीं रहती है कि आगे क्या होने वाला है देश में अब किसी भी तरह कि किसी पर भी पाबंदी नहीं है कोई सरकार नहीं है एजुकेशन सिस्टम पूरी तरह से नष्ट हो चुका है जिसको जिस तरह से जीना है वह यहां खुले तौर पर अपनी जिंदगी बिता रहा है जिसे यहां एक इंटरेस्टिंग वे में प्रेजेंट किया गया है।
निष्कर्ष
एक अच्छे बीजीएम और डायरेक्शन के साथ यह फिल्म देखी जा सकती है यहां सभी एक्टरों ने अच्छा परफॉर्म किया है शायद आपने इससे पहले भी बहुत सारी ज़ोंबी फिल्मों को देखा होगा पर इसमें आपको एक अलग तरह का कुछ खास देखने को मिलेगा मेरी तरफ से इसे दिए जाते हैं 5 में से 3 स्टार की रेटिंग परिवार के साथ इसे ना देखें।
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