निर्देशक आकाशदीप लामा की फिल्म बंगाल 1947 अब प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दी गई है कॉमफेड प्रोडक्शंस और थिंक टैंक ग्लोबल के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म में अंकुर अरमान, देवोलीना चटर्जी सुरभि कृष्णा, आदित्य लखिया जैसे मुख्य कलाकार दिखाई देंगे। बंगाल 1947 द अनटोल्ड लव स्टोरी को 29 मार्च 2025 से सिनेमा घरों में रिलीज किया गया था आइये करते हैं फिल्म की समीक्षा और जानते हैं कि यह आपके टाइम को डिजर्व करती है या नहीं।
बंगाल 1947 फिल्म समीक्षा
कहानी में मोहन जो की एक उच्च जाति का टीचर है यह बंगाल के एक छोटे से गांव जिसका नाम हकीमपुर है, में आता है गांव के बच्चों को पढ़ाने के लिए।यह कहानी आजादी से पहले की है पर अब दो देशों में बटवारा होने वाला है आजादी के नाम पर। मोहन ने अपनी पढ़ाई लंदन से पूरी की है।मोहन जाति का ब्राह्मण है। कहानी में उस समय ट्विस्ट देखने को मिलता है। जब मोहन के संबंध सबरी नाम की एक लड़की से बन जाते हैं।
जो की एक लोवर क्लास जाति से ताल्लुक रखती है।सबरी को इस बात का अंदाजा नहीं है कि मोहन ब्राह्मण है जब इस बात का इसे पता चलता है तब वह मोहन को दूरियां बढ़ा लेती है। कहानी में आजादी के समय हिंदुस्तान पाकिस्तान के बंटवारे को भी शामिल किया गया है यहां प्यार के साथ-साथ इंसानी रिश्तों और देश का बटवारा ऊंच नीच जाति पाती को सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की गई है।जो आंखें खोल देने वाली है।
यहां हिस्टोरिकल चीजों में फिक्शनल कहानी का मिश्रण देखने को मिलता है कहानी की मुख्य धारा प्रेम है पर इस प्यार मोहब्बत के आसपास जिन चीजों और घटनाओं को घटित होते दिखाया गया है।वह काफी रोमांच से भरी हुई है अंग्रेजों का यह कहना था कि भारतीयों को रहना उठना बैठने का सेंस नहीं है उन्हें कुछ भी नहीं आता है वह धर्म को लेकर आपस में झगड़ते हैं,
हमने भारतीयों को रहना उठना बैठना तरीका सिखाया इन सभी बातों को जिस तरह से मेकर ने काउंटर करके दिखाया है वह वाकई काबिले तारीफ है । यहां हर एक छोटी से छोटी चीज को फैक्ट के साथ पेश किया गया है कहानी में दिखाया गया है कि बाबा साहब अंबेडकर क्या सोचते थे बंटवारे को लेकर यह फिल्म दर्शकों के ऊपर पूरा इंपैक्ट छोड़ती है।
फिल्म के पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट
इसके सभी कैरेक्टर इतने स्ट्रांग है जिनके इमोशंस दर्शकों को फील कराते हैं जिससे सभी कैरक्टरों के साथ इमोशनली जुड़ाव पैदा हो जाता है अंत तक आपकी आंखों में आंसू भर जाएंगे मोहन का काम शानदार है ये जोड़ी काफी अच्छी लगती है। प्रोडक्शन वैल्यू की बात की जाए तो वह लो है जोकि इसके एक्शन सीन में साफ नजर आता है। कहानी-कहानी देखते समय ऐसा लगता है कि आप कोई डॉक्यूमेंट्री फिल्म देख रहे हो यहां बहुत मारधाड़ खून खराबा देखने को नहीं मिलता है इसलिए आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं ।
निष्कर्ष
बंगाल 1947 एक बार देखी जा सकती है जो कि अब अमेजॉन प्राइम ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा दी गई है मेरी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार की रेटिंग अगर आपको भी इतिहास सामाजिक बदलाव और प्यार में इंटरेस्ट है तब यह फिल्म आपके लिए ही बनी है।
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