वेब सिरीज़: लॉक्ड (Locked)
रिलीज डेट: 4 सितंबर 2024
कलाकार: सत्यदेव कंचरना,सम्युक्ता हॉर्नड,
श्री लक्ष्मी
डायरेक्टर: प्रदीप देव कुमार
रेटिंग: 3.5/5
प्लेटफॉर्म: अल्ट्रा प्ले
26 मार्च 2025 के दिन अल्ट्रा प्ले (Ultra Play) ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई वेब सीरीज “लॉक्ड” (Locked) जिसे हिंदी के साथ कई अन्य भाषाओं में भी देखा जा सकता है। सस्पेंस और थ्रिलर से भरी डायरेक्टर ‘प्रदीप देव कुमार’ की इस सीरीज में बहुत ही रोमांचक ट्विस्ट और रहस्यमयी कहानी देखने को मिलती है।
अल्ट्रा प्ले वैसे तो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों खासकर क्लासिक और ब्लॉकबस्टर कंटेंट के लिए जाना जाता है। लेकिन अब अपनी इस ओरिजिनल वेब सीरीज के जरिए कुछ नया पेश करने की कोशिश की है,चलिए जानते हैं क्या है शो की कहानी और करते हैं इसका रिव्यू।
कहानी:
फिल्म की कहानी डॉक्टर आनंद चक्रवर्ती (सत्यदेव कंचरना) नाम के एक सर्जन की जिंदगी पर आधारित है जो खासतौर पर न्यूरोसर्जन हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई सफल ऑपरेशन किए हैं पर उनकी जिंदगी का यह आखिरी ऑपरेशन काफी जटिल और खास था जिसमें उन्होंने एक बच्चे की जान बचाई।
सर्जरी पूरी होने के बाद वह अपने हर नॉर्मल दिन की तरह घर के लिए निकल गए, पर वह यह नहीं जानते थे कि बाकी दिनों के मुकाबले आनंद का यह दिन कुछ ज्यादा ही अलग होने वाला है।
आनंद के घर पर पहले से ही दो चोर जिनके नाम वैष्णवी (सम्युक्ता हॉर्नड) और पद्मिनी (श्री लक्ष्मी) आंखें गड़ाए बैठे हुए हैं जो उनके घर में चोरी करने के इरादे से आए हैं,ये दोनों ही पेशेवर चोर हैं। पद्मिनी एक बुजुर्ग महिला है और पैसे के मामले में काफी कमजोर भी।
वह नहीं चाहती कि उसका नाती भी वही जिंदगी जिए जो उसने जी है। इसलिए वह चोरी का प्लान बनाती है। वहीं दूसरी ओर वैष्णवी है जो अपनी मानसिक रूप से बीमार बहन की देखभाल करती है और उसके इलाज के लिए पैसे लूटना चाहती है जिसके लिए वह चोरी को अंजाम दे रही है।
हालांकि आनंद के इस घर में घुसने के बाद कुछ ऐसी चीजें घटने लगती हैं,जो पूरी तरह से दिमाग को हिला देती हैं। ये घटनाएं आपको सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि इन्हें अलौकिक भूतिया और रहस्यमयी या फिर किस कैटेगरी में रखा जाए।अब क्या है इन घटनाओं का राज और क्या आनंद का घर सचमुच भूतिया है? यह सब जानने के लिए आपको देखनी होगी ये वेब सीरीज।
निगेटिव पॉइंट:
धीमी शुरुआत:
सीरीज के पहले दो से तीन एपिसोड काफी स्लो हैं, क्योंकि कहानी का बिल्ड अप होने में काफी समय लगता है,जिसकी वजह से कई बार आप बोर हो सकते हैं।
कमजोर हिंदी डबिंग:
यह मुख्य रूप से तेलुगु वेब सीरीज है जिसे हिंदी में डब करके अल्ट्रा प्ले पर रिलीज किया गया है। डबिंग सुनने में ठीक ठाक लगती है पर कुछ डायलॉग ऐसे हैं जो कैरेक्टर्स से मेल नहीं खाते।
अधूरे सवाल:
सीरीज के अंत में कुछ सवालों को अधूरा छोड़ दिया जाता है। अगर इन्हें निश्चित रूप से खत्म किया जाता, तो इसे और बेहतर बनाया जा सकता था जैसे कि हत्यारे का मुख्य मकसद क्या था।
पॉजिटिव पॉइंट:
ट्विस्ट से भरी कहानी:
लॉक्ड की सबसे बड़ी ताकत इसकी कहानी है, जिसमें बहुत सारे ट्विस्ट हर कुछ देर बाद देखने को मिलते हैं। भले ही पहले दो एपिसोड में कहानी बिल्ड-अप में समय लेती हो, पर जैसे जैसे अगले एपिसोड आप देखते जाते हैं वैसे वैसे ये आपको अंत तक देखने के लिए मजबूर कर देती है।
शानदार सिनेमैटोग्राफी:
लॉक्ड की सिनेमैटोग्राफी निजय गौतम ने की है, जो बेहतरीन है। इसमें दिखाए गए सभी डरावने रात के सीन ऐसे लगते हैं,जैसे मानो कोई राम गोपाल वर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म चल रही हो।
निष्कर्ष:
वैसे तो सस्पेंस और थ्रिलर से भरी कई फिल्में आ चुकी हैं जिनमें कहानी के साथ कलाकारों का अभिनय भी लाजवाब देखने को मिला है। पर जिस तरह से लॉक्ड की कहानी को लिखा गया है वह काफी यूनिक कॉन्सेप्ट माना जाएगा। इसके मेकर्स ने सस्पेंस,हॉरर और थ्रिल को मिक्स करके एक ऐसा कॉकटेल तैयार किया गया है जो आपको शुरू से अंत तक कुर्सी पर बांधे रखेगा। हां हिंदी डबिंग कुछ जगहों पर कमजोर हो सकती है पर इससे आपके मनोरंजन पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा।
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