नेटफ्लिक्स पर 27 मार्च 2025 के दिन एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज रिलीज़ की गई है जिसका नाम “गोल्ड एंड ग्रीड:द हंट फॉर फैंस ट्रेजर” है। इसमें टोटल तीन एपिसोड देखने को मिलते हैं और हर एक की लंबाई 48 से 56 मिनट के भीतर है,जिसे एक लिमिटेड डॉक्यूमेंट्री सीरीज कहा जाना गलत नहीं होगा।
डॉक्यूमेंट्री में दिखाई गई कहानी फॉरेस्ट फेन नाम के शख्स की है,जिसने खुफिया तौर पर एक बक्से में रखकर ख़ज़ाने को छुपा दिया था,जिसमें सोने के जवाहरात मौजूद थे। इसकी कीमत तकरीबन 20 लाख डॉलर से भी ज़्यादा थी और इतना ही नहीं, फेन नाम के इस शख्स ने उस ख़ज़ाने को ढूंढने के लिए एक रहस्यमई कविता भी बनाई।
जिसके अंतर्गत 24 पंक्तियां मौजूद थीं जिनमें उस ख़ज़ाने तक पहुंचने का रास्ता छुपा हुआ था। इसके बाद लोग सालों तक इस ख़ज़ाने की खोज में लगातार जाते रहे हैं,कुछ ने सब कुछ छोड़ दिया तो कुछ की जान भी जा चुकी है इस ख़ज़ाने को ढूंढने के चक्कर में।
कहानी के बुलेट प्वाइंट:
इस छुपे हुए रहस्यमई ख़ज़ाने की शुरुआत फेन ने की थी,जो पुरानी चीज़ों का व्यापारी था और जंग लड़ चुका था साथ ही एक पायलट भी था। लंबे समय से बीमार चल रहे फेन ने अपनी बीमारी से निजात पाने के तुरंत बाद ही इस ख़ज़ाने का चक्रव्यूह रचा।
इसे ढूंढने के लिए इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज में चार लोगों की कहानी दिखाई गई है,जो अलग अलग अपने निजी कारणों से इस ख़ज़ाने को पाना चाहते हैं। इनमें से किसी का मकसद सिर्फ रोमांच है तो किसी का मकसद पैसों की मजबूरी।
सीरीज में इसी घटना से जुड़े हुए बहुत सारे पुराने वीडियो क्लिप्स को भी दिखाया गया है,जिससे इसकी ओर आपकी दिलचस्पी और बढ़ जाती है।
इसे देखते वक्त ऐसा लगता है जैसे कोई जिंदादिली से भरे हुए लोगों की फिल्म देख रहे हो,पर असल में यह एक दर्दनाक कहानी है।
पॉजीटिव पॉइंट:
अपने इस रहस्यमई ख़ज़ाने को खोजने के लिए जिस तरह की कविता फेन ने बनाई थी, वह काफी उत्सुकता बनाए रखती है,जिसे क्रैक करने में कब यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म पूरी तरह से खत्म हो जाती है, आपको पता ही नहीं चलता।
सीरीज की सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है क्योंकि जिस तरह से कहानी को डेवलप किया गया है,वह स्क्रीन पर काफी मज़ेदार लगता है और इस बात का साफ अंदाज़ा लग जाता है कि इसे बनाने में काफी मेहनत लगी होगी डायरेक्टर “जेरेड मैकगिलियर्ड” के द्वारा।
नेगेटिव पॉइंट्स:
“गोल्ड एंड ग्रीड” की कहानी भले ही दिलचस्प और मनोरंजन से भरपूर हो पर बहुत सारे सवाल इसमें अधूरे भी छोड़ दिए जाते हैं। जिनमें, यह ख़ज़ाने मिलने के बाद उस व्यक्ति का क्या हुआ जैसी अन्य चीजें शामिल हैं।
साथ ही इसमें बहुत सारे सरल संकेत भी फेन के द्वारा छोड़े गए थे,जिसे कहानी में मौजूद चारों लोग समझ नहीं सके,जो थोड़ा अटपटा सा लगता है।
कहानी में पांच लोगों की मौत का ज़िक्र तो दिखाया गया है,जिन्होंने ख़ज़ाने के कारण अपनी जान गंवा दी,पर इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए इसे पूरी तरह से नहीं दिखाया गया है जो कहानी के लॉजिक को थोड़ा कमज़ोर करता है।
ट्विस्ट:
साथ ही जस्टिन पोसी नाम के एक खोजकर्ता ने फेन की तरह ही उसी की राह पर चलते हुए एक और ख़ज़ाने को छुपाया है। जिसे फिल्म के अंत में दिखाया भी गया है। इस नए ख़ज़ाने का वजन तकरीबन 60 पाउंड है,जिसमें बहुत सारा सोना साथ ही फेन नाम के शख्स की कुछ निजी चीजें भी शामिल हैं और यह पूरा मामला इस बात का साफ संकेत देता है कि जल्दी इसकी अगली कड़ी भी देखने को मिलेगी।
निष्कर्ष:
यह डॉक्यूमेंट्री लालच और लोभी लोगों की दास्तान को उजागर करती है,जो बिल्कुल परफेक्ट तो नहीं है पर मज़ेदार है और आपका समय बर्बाद नहीं करती। एक बड़ी वेबसाइट सीनेट (CNET) ने इसे काफी रोचक माना है। तो अगर आपको डॉक्यूमेंट्री फिल्में देखने का शौक है जिनमें ख़ज़ाने की खोज जैसे तत्व शामिल हों,तब आप इस सीरीज को बेझिझक देख सकते हैं।
फिल्मीड्रिप रेटिंग: 5/3
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