Suzhal Season 2 reivew hindi:निर्देशक पुष्कर-गायत्री की जोड़ी एक बार फिर से तमिल भाषा का क्राइम थ्रिलर शो “सुजल सीजन 2 ” प्राइम वीडियो पर लेकर आई है।
शो की कहानी को भी पुष्कर-गायत्री ने ही लिखा है। सीजन वन के सफल होने के बाद हिंदी दर्शक इसके सीजन 2 का काफी समय से इंतजार कर रहे थे। पहले सीजन की तरह ही इस बार भी शो में कुल 8 एपिसोड रखे गए हैं, प्रत्येक एपिसोड की लंबाई 42 से 45 मिनट के बीच है।
सुजल के सीजन 2 को देखने से पहले जरूरी नहीं है कि इसका पहला सीजन देखा जाए; सीजन वन को देखे बिना ही इसके दूसरे सीजन को समझा जा सकता है। शो में धोखा, रहस्य, अपराध और मौत का चक्रव्यूह इस तरह से दिखाया गया है कि कोई भी इसमें उलझ सकता है।
कहानी: चेलम्मा की हत्या और 8 लड़कियों का रहस्य
सीजन एक में दिखाया गया था कि गुना को नंदिनी के द्वारा मार दिया जाता है, जिस कारण नंदिनी को जेल हो जाती है। साथ ही नंदिनी के वकील चेलम्मा की हत्या कर दी जाती है। सक्कराई, जो एक पुलिसवाला है, अब इस बात का पता लगाने में जुटा हुआ है कि वकील की हत्या किसने की। सब-इंस्पेक्टर सक्कराई हत्यारे को ढूंढते-ढूंढते कालीपट्टनम नाम के गांव में पहुंचता है। इस गांव के तार नंदिनी के वकील चेलम्मा की हत्या से जुड़े हैं।
सक्कराई जब अपनी जांच को आगे बढ़ाता है, तब इस हत्या से जुड़ी आठ लड़कियां सामने आती हैं, जिनका मानना है कि चेलम्मा की हत्या उन्होंने की है। लेकिन सक्कराई को कुछ और ही लग रहा है, क्योंकि इन 8 लड़कियों के तार आपस में एक-दूसरे से किसी भी प्रकार से जुड़े नहीं दिखते।
जिस तरह से सुजल के सीजन वन में माता के आठ रूप देखने को मिलते थे और आठवें रूप में पता लगता था कि यह क्या सिखाने वाली है, वैसे ही सुजल सीजन 2 की कहानी बांध लेती है जब ये लड़कियां कहती हैं कि हत्या हमने की है। आगे की कहानी को सीरीज देखकर ही पता लगाना होगा।
पॉजिटिव पॉइंट
आठ एपिसोड कहीं से भी बोर नहीं करते और न ही बहुत लंबे लगते हैं। जिस तरह से जांच को दिखाया गया है, उसे देखकर अच्छा लगता है। दूसरे एपिसोड के अंत में जो दिखाया गया, वह काफी आश्चर्यजनक था और सुजल सीजन 2 में एक ट्विस्ट लेकर आता है, जहां आठ लड़कियां अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में जाती हैं और खुद कबूल करती हैं कि इस हत्या के पीछे हमारा हाथ था।
छठे एपिसोड में शो फ्लैशबैक में जाता है, जहां इस घटना को उजागर होते दिखाया जाता है। जिस तरह से सीजन वन में सस्पेंस को छिपाया गया था, ठीक वैसे ही सुजल के सीजन 2 में भी इसे छिपाकर रखा गया है। उदाहरण के लिए, जिसने इस हत्या को अंजाम दिया, उस किरदार की भविष्यवाणी आसानी से नहीं की जा सकती।
जब तक निर्देशक खुद इसे नहीं बताते, तब तक सस्पेंस बरकरार रहता है, यानी निर्देशक पुष्कर-गायत्री ने सस्पेंस को बहुत अच्छे से संभाला है। स्क्रीनप्ले, कहानी, किरदार, सिनेमैटोग्राफी, डबिंग—सब कुछ एकदम उत्तम है।
निगेटिव पॉइंट
सुजल 2 के फेस्टिवल वाले सीन पटकथा की वजह से काफी ठंडे लगते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि निर्देशक ने बहुत ज्यादा घुमाया फिर एक छोटे से मुद्दे को आसानी से उजागर कर दिया। कहीं आग लग गई है, फेस्टिवल चल रहा है, एक लड़की अगवा कर ली गई है—ऐसा भी दिखाने की कोशिश की गई है कि शायद इन सबके पीछे कोई सुपरनैचुरल ताकत का हाथ हो पर अंत में जो निकलता है वह थोड़ा निराशाजनक है।
सुजल सीजन वन जब आया था, तब इस तरह की कहानी नहीं देखने को मिलती थी, लेकिन अब ढाई साल बाद सुजल सीजन 2 को रिलीज किया गया है, जब इस तरह की कहानियां बहुत सी फिल्मों और वेब सीरीज में पहले ही देखने को मिल चुकी हैं। “कांतारा” जैसी लोककथा वाली फिल्में हम पहले ही देख चुके है जिसे देखकर ऐसा लगता है कि सीजन 2 में सब कुछ दोबारा से दोहराया जा रहा है। कहानी धीमी है, जो आराम-आराम से चलती है।
निष्कर्ष
थ्रिलर, सस्पेंस और अच्छे किरदारों की परफॉर्मेंस के साथ सुजल सीजन 2 को देखा जा सकता है, लेकिन ऐसी उम्मीद न करें कि शो में कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जो पहले कभी नहीं देखा। फिर भी सुजल पूरी तरह से आपको बांधे रखता है। सुजल सीजन 2 को 8 एपिसोड में पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।
अब देखना है कि सीजन 3 आता है या नहीं। शो में किसी भी प्रकार के एडल्ट या अश्लील सीन देखने को नहीं मिलते। एक अच्छी कहानी के लिए “फिल्मी ड्रिप” की ओर से इसे पांच में से तीन स्टार दिए गए हैं।