रोशन एंड्रूज द्वारा निर्देशित “मुंबई पुलिस”, जो 3 मई 2013 को मलयालम भाषा में रिलीज हुई थी। 2 घंटे 25 मिनट की यह फिल्म एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर मानी जाती है।
जिसमें हमें पृथ्वीराज सुकुमारन और जयसूर्या दिखाई देते हैं। 6 करोड़ के बेहद कम बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था, क्योंकि यह एक अंडररेटेड फिल्म की कैटेगरी में आती है। यही वजह रही कि इसके हिंदी डब अभी किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं हैं। फिल्म के एक हिस्से में समलैंगिकता का सब्जेक्ट भी उजागर किया गया है।
रोशन एंड्रूज ने इसके राइट्स लेकर इसे हिंदी में बनाने की घोषणा कर दी थी, और यह फिल्म अब शाहिद कपूर की “देवा” के नाम से 31 जनवरी 2025 को रिलीज होने वाली है। अब यह निकलकर आता है कि देवा ऑफिशियल रीमेक है मलयालम फिल्म मुंबई पुलिस का।
पर देवा के साथ जो सबसे अच्छी बात है, वह यह है कि मुंबई पुलिस को हिंदी में उपलब्ध नहीं कराया गया है। क्योंकि यह एक अंडररेटेड फिल्म है, तो लोगों को इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है।
देवा का कंटेंट और रीमेक की सफलता
देवा फिल्म के चलने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इसका कंटेंट बहुत स्ट्रांग है। इससे पहले भी अजय देवगन ने शैतान और दृश्यम से यह प्रूफ कर दिया है कि रीमेक फिल्म चलती है, पर वह तब चलती है जब वो हिंदी डबिंग में पहले से उपलब्ध न हो और इसके साथ ही एक स्ट्रांग कंटेंट हो।
देवा के डायरेक्टर ने शुरू से ही इस बात को छुपाकर रखा कि ये मुंबई पुलिस का रीमेक होने वाला है। आज देवा फिल्म का टीजर लॉन्च किया गया, और ये टीजर सिर्फ 52 सेकंड का है। इसे इतने फास्ट मोड पर दिखाया गया कि आप फिल्म की कहानी को प्रेडिक्ट नहीं कर सकते, जिसको देखकर लगता है कि मेकर ने पूरी कोशिश की है कि किसी को पता न चले कि यह मुंबई पुलिस का ही रीमेक है।
हमारी टीम ने मुंबई पुलिस फिल्म को देखा है, और जब हमने देवा का टीजर देखा, तो इस टीजर में एक जगह पर, टीजर शुरू होने के 18 सेकंड के बाद एक सीन आता है, जहां पर शाहिद कपूर को विलेन चाकू से हमला करने वाला है, और शाहिद कपूर का जो एक्सप्रेशन है, वह सेम टू सेम मुंबई पुलिस के इस सीन का एक्सप्रेशन है।
जिस तरह से मुंबई पुलिस में पृथ्वीराज के चेहरे पर एक एक्सीडेंट होने की वजह से चोट के निशान होते हैं, वैसा ही देवा में शाहिद कपूर के चेहरे पर भी चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं।
मुंबई पुलिस की तुलना और रीमेक का इतिहास
हमेशा से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की बेस्ट थ्रिलर फिल्मों में मुंबई पुलिस का नाम देखा जाता है। तेलुगु में भी मुंबई पुलिस का रीमेक “द हंट” नाम से बन चुका है, जो कि उतना सक्सेसफुल नहीं रहा था, जितना कि मुंबई पुलिस रही, क्योंकि मुंबई पुलिस को 2013 में रिलीज किया गया था, और उस टाइम इसके ट्विस्ट और टर्न दर्शकों पर बहुत ज्यादा इंपैक्ट डालते थे। पर आज के ओटीटी टाइम पर, जहां पर बहुत सारी थ्रिलर फिल्में और वेब सीरीज बनाई जा रही हैं, शायद ही यह उतना दर्शकों को प्रभावित कर सके।
एक नई अपडेट के अनुसार, यह खबर निकलकर आ रही है कि शायद मुंबई पुलिस के क्लाइमेक्स से देवा फिल्म के क्लाइमेक्स को चेंज कर दिया जाए।
क्या कहानी थी मलयालम मुंबई पुलिस की
कहानी में एक पुलिस ऑफिसर जयसूर्या का बेरहमी से मर्डर कर दिया जाता है, और अब इस मर्डर की इन्वेस्टिगेशन इसी के एक दोस्त पृथ्वीराज के हाथों में दे दी जाती है। जब इसका दोस्त इस मर्डर मिस्ट्री को सॉल्व कर लेता है, और पुलिस कमिश्नर को फोन पर यह बता रहा होता है कि उसने यह केस सॉल्व कर दिया है, जैसे ही वह पुलिस कमिश्नर को उस मर्डरर का नाम बताने जा रहा होता है, अचानक से उसका एक्सीडेंट हो जाता है।
तब इस एक्सीडेंटल हादसे में इसकी याददाश्त पूरी तरह से खो जाती है। अब वह सब कुछ भूल चुका है कि यह मर्डर किसने किया है। यह पूरी फिल्म अपनी कंटेंट राइटिंग की वजह से ही सुपरहिट रही थी।
अब यह दोबारा से सभी प्रूफ को इकट्ठा करके इन्वेस्टिगेशन शुरू करता है, क्योंकि बहुत जल्द हत्यारे को ढूंढना है। क्लाइमेक्स में हमें एक ऐसा ट्विस्ट देखने को मिलता है, जो पूरी फिल्म को रोमांच से भर देता है। यह सीन आपके दिमाग को पूरी तरह से घुमा देता है। अगर बिल्कुल इसी तरह की कहानी हमें देवा में भी देखने को मिलती है, डेफिनेटली शाहिद कपूर की यह फिल्म एक बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है।
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