Dharmarakshak Mahaveer Chhatrapati Sambhaji Maharaj:यह सप्ताह मराठी फिल्मों के लिए अच्छा रहा क्योंकि बहुत सारी फिल्में बड़े पर्दे पर रिलीज की गई है।
जिनमें से एक धर्मरक्षक महावीर छत्रपति संभाजी महाराज (Dharmarakshak Mahaveer Chhatrapati Sambhaji Maharaj) है, जिसे 22 नवंबर को देशभर के सिनेमाघरों में मराठी (Marathi) भाषा में रिलीज कर दिया गया, जिसकी लेंथ दो घंटा 54 मिनट की है।
इसके जॉनर की बात करें तो यह एक्शन, हिस्ट्री और वॉर की कैटेगरी में आता है। फिल्म का डायरेक्शन ‘तुषार शेलर’ ने किया है जिन्होंने साल 2020 में आई अजय देवगन स्टारर फिल्म तानाजी में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया था।
फिल्म की कहानी महावीर छत्रपति संभाजी की सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
फिल्म के मेन किरदार में हमें ‘अनूप सिंह’ दिखाई देते हैं जो की बहुमुखी अभिनय के धनी है इससे पहले भी इन्होंने बहुत सारी तेलगु फिल्मों में काम किया है।
स्टोरी-
फिल्म के मुख्य किरदार में अनूप सिंह (Anup Singh) नजर आते हैं जिन्होंने छत्रपति संभाजी के कैरेक्टर को निभाया है।
हालांकि फिल्म में संभाजी की कहानी को कंप्लीट नहीं दिखाया गया है और इसे अगले पार्ट के लिए छोड़ा गया है फिल्म में मुगलों के द्वारा किए गए अत्याचारों और हमारी बहू बेटियों की इज्जत को नीलाम करते हुए काफी डीसेंट वे में दिखाया गया है
जहां पर फिल्म के डायरेक्टर की प्रशंसा करनी होगी क्योंकि वे इन सभी चीजों को दिखाने में बिल्कुल भी हिचकिचाए नहीं।
फिल्म में कोई भी एक्स्ट्रा सीन नहीं दिखाया गया है हर एक चीज को ऑन रिसर्च करके ही फिल्म में डाला गया है।
फिल्म को बनाने का विजन डायरेक्टर का बहुत ही शानदार था सभी सीन काफी बड़े-बड़े स्केल पर शूट किए गए हैं हालांकि फिल्म की प्रोडक्शन क्वालिटी थोड़ी लो है जो की इसके विजुअल्स को देखने पर साफ पता चलती है पर फिर भी वह उस लेवल की खराब नहीं, कि फिल्म आदि पुरुष से कंपेयर किया जाए।
जैसा कि यह साफ है कि इसका दूसरा पाठ जल्दी देखने को मिलेगा जिसकी कुछ झलकियां फिल्म के क्लाइमेक्स में भी दिखाई गई हैं।
“जिसमें औरंगजेब द्वारा छत्रपति महाराज को इस कारण वश काफी यातनाएं दी गई थी क्योंकि वह इस्लाम धर्म को कबूल नहीं कर रहे थे”। जिसे देखकर इसके अगले पार्ट के लिए भी काफी एक्साइटमेंट फील होता है।
फिल्म की खामियां-
जैसे कि आप जानते हैं यह फिल्म मराठी इंडस्ट्री से आती है जिसके कारण फिल्म का बजट काफी कम है और कम बजट में ज्यादा लागत वाली फिल्म बनाना एक काफी कठिन कार्य हो जाता है
जिससे फिल्म में इसके डायरेक्टर चाहे या ना चाहे पर वह आउटपुट निकलकर सामने नहीं आ पाता जो आना चाहिए और यही इस फिल्म के साथ भी हुआ है
हालांकि फिल्म के विजुअल्स का इसकी कहानी पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता फिर भी देखने में यह थोड़े कमजोर लगते हैं जिसके कारण आपके फिल्म देखने के अनुभव में थोड़ी कमी हो जाती है और वह फील नहीं आ पाती जो एक सच्ची हिस्टॉरिकल मूवी को देखने में आना चाहिए।
फिल्म की अच्छाइयां-
इस फ्राइडे मराठी इंडस्ट्री की लगातार बहुत सारी फिल्में रिलीज की गई है जिनमें यह एक काफी बड़े बजट की फिल्म है। यहां पर फिल्म के मेकर्स की सराहना जरूर करनी चाहिए
जिन्होंने हिस्ट्री से ऐसी कहानी को हमारे सामने रखा है जिन्होंने हमारे लिए बलिदान दिए थे।
कहानी को बहुत सतर्क रूप से हमारे समक्ष रखा गया है जिसमें किसी भी प्रकार का मिर्च मसाला लगाए बिना एक साफ सुथरी फिल्म बनाई है।
फाइनल वर्डिक्ट-
अगर आपको ऐतिहासिक फिल्में देखना पसंद है और रियल इंसीडेंट को देखकर आप काफी प्रभावित होते हैं तो यह फिल्म सिर्फ आपके लिए ही है।
हालांकि फिलहाल इसे सिर्फ मराठी भाषा में ही रिलीज किया गया है, “लेकिन फिल्मीड्रिप के अनुमान अनुसार इसे 29 नवंबर को हिंदी में भी रिलीज कर दिया जाएगा”।
अगर इसकी रेटिंग की बात करें तो फिल्मीड्रिप का मानना है इतिहास से जुड़ी हुई किसी भी सच्ची कहानी को रेट नहीं किया जा सकता। धन्यवाद।
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