Zwigato review in hindi:बॉलीवुड की ओर से एक नई फिल्म रिलीज़ की गई है जिसका नाम ‘ज़्विगाटो’ है। बात करें इसके जॉनर की तो यार ड्रामा कैटेगरी में आता है। फिल्म की लेंथ तकरीबन एक घंटा 45 मिनट की है, जिसका डायरेक्शन ‘नंदिता दास’ ने किया है जिन्होंने इससे पहले साल 2019 में आई फिल्म ‘अल्बर्ट पिंटू को गुस्सा क्यों आता है’ का डायरेक्शन किया था।
बात करें ज़्विगाटो फिल्म की कहानी की तो यह एक फूड डिलीवरी बॉय की है, जो कि किस तरह से अपनी रोज मरराह की जिंदगी में परेशानियां झेलता है, यही मूवी की कहानी में दर्शाया गया है।हालांकि इस फिल्म को पहले ही 2022 में रिलीज कर दिया गया था लेकिन कुछ विवाद के चलते अब जाकर इसे ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज किया गया है।
कहानी- मूवी की स्टोरी ‘मानस’ (कपिल शर्मा) नाम के डिलीवरी बॉय की जिंदगी पर आधारित है जो कि खाना डिलीवर करने का काम करता है, जिसकी जिंदगी किस तरह से अच्छी स्टार रेटिंग और जल्दी खाना पहुंचाने और अच्छे इंसेंटिव के भीतर ही सीमित रह जाती है।
यह फिल्म की स्टोरी में बहुत ही अच्छे से दर्शाया गया है। मूवी हमें दिखाती है कि किस तरह से फूड डिलीवरी सिस्टम चलता है और इसमें किस तरह की खामियां हैं जिनकी भरपाई कंपनी नहीं करती जिसका असर डिलीवरी बॉय के जीवन पर पड़ता है।
कैसे वह सभी परेशानियों के साथ-साथ अपने सीनियर का भी प्रेशर हैंडल करता है, जो कि उसे हर रोज या याद दिलाता है कि वह अपने दिए गए टारगेट से काफी पीछे चल रहा है। कपिल शर्मा ने मूवी में बहुत बढ़िया एक्टिंग की है,जिनकी कितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है, क्योंकि उन्हें अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग की वजह से दर्शकों द्वारा जाना जाता है।
पहली बार इन्होंने काफी चुनौती पूर्ण किरदार निभाया है जो कि उनके जॉनर से बिल्कुल ही हटके है।ज़्विगाटो की कहानी काफी सीरियस और सामाजिक मुद्दों पर आधारित है। पूरी फिल्म देखने के लिए आपको अमेजॉन प्राइम वीडियो के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जाना होगा।
टेक्निकल एस्पेक्ट- फिल्म की सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो यह काफी बढ़िया है। जिसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी दिखाई नहीं देती। बात करें इसके बैकग्राउंड म्यूजिक की तो यह फिल्म की थीम के हिसाब से सटीक है।
खामियां- फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसके सीरियसनेस है जिसे देख कर आप किसी भी प्रकार का एंटरटेनमेंट महसूस नहीं कर सकेंगे। फिल्म की दूसरी सबसे बड़ी कमी इसकी स्टार कास्ट है जो की काफी कमजोर है, जिसमें कपिल शर्मा के अलावा सभी चेहरे काफी नए हैं।
फाइनल वर्डिक्ट- अगर आपको सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में देखना पसंद है जिनमें किसी भी तरह की चटपटी गॉसिप्स और मारधाड़ को इग्नोर किया जाता है और ना ही किसी भी प्रकार का मर्डर सस्पेंस देखने को मिलता है तो आप इस फिल्म को रिकमेंड कर सकते हैं।
जोकि आपको बिल्कुल भी निराश नहीं करेगी। फिल्म की कहानी पूरी तरह से एक ही लय पर बुनी गई है। मूवी में कपिल शर्मा मेन लीड रोल में नजर आते हैं जो की फिल्म के लिए एक यूएसपी साबित होगा। हालांकि इस बार उनका किरदार कोई कॉमेडीयन नहीं बल्कि काफी सीरियस है।