Succha Singh Soorma:सुच्चा सूरमा नाम की पंजाबी फिल्म जिसे 20 सितम्बर को थिएटर्स में रिलीज किया गया था फिल्म को बहुत ज्यादा कामयाबी बॉक्स ऑफिस पर नहीं मिली लेकिन लोग ये जानने में बहुत ज्यादा इंट्रेस्टेड है के सुच्चा सूरमा कौन थे और क्या फिल्म में दिखाया गया सब सच है, क्या सच में कुछ ऐसाी भयानक हकीकत जुड़ी है सुच्चा सुरमा के जीवन से जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है।
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कौन है सुच्चा सूरमा –
पंजाबी संम्प्रदाय में जब भी कभी डाकू बग्गा का नाम लिया जाता है तो सुच्चा का नाम भी हम सबको याद आजाता है।ये एक ऐसा नाम है जो आपने अक्सर फिल्मों और कहानियों से सुना होगा लेकिन असल में सुच्चा सिंह सूरमा की कहानी कुछ और है। सुच्चा सुरमा को मानने वाले लोग उन्हें सुच्चा बाबा या फिर बाबा जी भी कहा करते है क्यूंकि भले ही सुच्चा सिंह एक हत्यारा है लेकिन जो हत्याएं उन्होंने की है वो दोनों महिलाये गलती थी।
पंजाब के मानसा नाम के एक गाँव में सुच्चा सिंह की समाधी परिसर में आपको सुच्चा सिंह की एक मूर्ति देखने को मिलेगी उस मूर्ति के एक हाँथ में किताब के साथ हाथ में टंगे एक बैग में चादर भी रखी है जिसका एक गहरा कनेक्शन है सुच्चा सिंह के जीवन से।
असल में सुच्चा सुरमा वो है जो अपनी ही भाभी की बेरहमी से हत्या कर देता है। तो क्यों एक सज्जन पुरुष से हत्यारा बनने के लिए मजबूर हो जाता है सुच्चा सिंह आइये जानते है।
कहाँ रहता था सुच्चा सुरमा?
भटिंडा के एक गाँव में रहने वाला सुच्चा सिंह अपने भाई के लिए एक अच्छा रिश्ता तलाश रहा था, उसी समय बलबीर कौर जो एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी लेकिन अब एक विधवा की तरह जी रही थी, क्यूंकि पंजाबीयों में विधवा की शादी की अनुमति है तो उसके लिए भी रिश्ता तलाश किया जा रहा था।
बलबीर कौर के लिए कहा जाता है कि उसका पहला पति उसे खुश नहीं रखता था उसकी जो भी ज़रूरते थी आर्थिक और शारीरिक उन्हें पूरा नहीं कर पाता था जिसकी वजह से बलबीर कौर ने अपने पति को जहर देकर मार दिया था।अब उसके माता पिता बलबीर के लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे।
क्यों की एक विधवा से अपने भाई की शादी सुच्चा सिंह ने?
अगर उस समय की हकीकत को माने तो सुच्चा सिंह के बड़े भाई नारायण एक ऐसे आदमी थे जिसे नशे की लत थी, दोनों को कोई अच्छा रिश्ता तो मिलता नहीं तो इसलिए बलबीर नारायण और दोनों के घर वालों की मर्ज़ी से दोनों की शादी करवा दी गयी।
कैसे शुरू हुआ बलबीर और घुककर का चककर?
शादी के बाद घुककर सिंह जो एक बहुत अमीर, गाँव का जमींदार और सुच्चा सिंह का सबसे अच्छा दोस्त था, तो घर में घुककर का आना जाना लगा रहता था। इसी बीच पहले से ही करैक्टर लैस रही सुच्चा की भाभी बलबीर कौर जिसे लोग बीरो भी कहते थे, दोनों का अफेयर शुरू हो गया।रिश्ते में नज़दीकियां इतनी बढ़ गयी थी की दोनों शारीरिक रूप से भी एक हो गए थे।
कैसे बना सुच्चा सिंह, सुच्चा सिंह से सूरमा?
अब जैसे ही ये खबर समाज बिरादरी में फैलने लगी तो अपने परिवार की इज़्ज़त की खातिर सुच्चा सिंह ने घुककर और अपनी भाभी दोनों को मौत के घाट उतार दिया। पहले कई बार सुधरने की चेतावनी भी दी गयी लेकिन बलबीर और घुककर नहीं माने जिसकी वजह से सुच्चा सिंघ को कातिल बनना पड़ा।
एक और बलबीरो से छुटकारा दिलाया था सुच्चा सिंह ने –
सेम सुच्चा के भाई की ही तरह एक और परिवार औरत के गलत चलन की वजह से बड़ी परेशानी में था। उनके एक पड़ोसी गाँव की महिला जिसका नाम साहिब कौर था जो एक विधवा थी लेकिन किसी और मर्द के साथ गलत रिश्ते में थी।
उसके दो बेटे भी थे जिसमें से एक समझदार था और अपनी माँ को ये सब करने के लिए मना करता था लेकिन ऐसा करने पर उसने अपने बेटे को अपने प्रेमी से पिटवा दिया जिसके बाद साहिब के बेटे ने अपने मामा से पूरा किस्सा बताया और मामा ने सुच्चा सिंह से पूरी कहानी बताई. सुच्चा सिंह को अपनी भाभी की कहानी याद आगयी और गुस्से में लाल होके साहिब कौर को भी मार डाला। अब एक बार फिरसे साहिब कौर को भी ठिकाने लगाने के लिए सुच्चा सिंह को एक और हत्या करनी पड़ी।
जिसके बाद सुच्चा सिंह को जेल भी जाना पड़ा अपने गुनाहो की सजा भुगतने के लिए। तो ये थी सुच्चा सिंह की सूरमा बनने की कहानी।