White rose movie review 2024 hindi:एक ऐसे साइको किलर की कहानी जो जिंदा लोगों को छोड़कर मुर्दों के साथ करता है ‘संभोग’ और उन्हें अपने हवस का शिकार बनाता है।
पर क्या हो जब उस साइको किलर का अपने ही बचपन के प्यार से आमना सामना हो जाए। निर्देशक ‘राज शेकर’ की फिल्म ‘व्हाइट रोज़’ इन्हीं गुत्थियों में उलझी साइको किलर की कहानी है।
जिसकी कहानी को निर्देशक राज शेकर ने ही लिखा है, फिल्म के मुख्य किरदार में ‘अनंधी’ नजर आती है जिन्होंने दिव्या का कैरेक्टर निभाया है। फिल्म की लेंथ की बात करें तो यह एक घंटा 57 मिनट की है जिसका जोनर थ्रिलर और ड्रामा की कैटेगरी में आता है।
स्टोरी-
फिल्म की कहानी की बात करें तो दिव्या और सुरेश की जिंदगी से शुरू होती है जहां पर उनकी एक छोटी बेटी भी दिखाई गई है यह सभी हंसी खुशी एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं, तभी उनकी जिंदगी में ऐसा तूफान आता है जो पूरे परिवार को बिखेर कर रख देता है।
जिसमें एक पुलिस मुठभेड़ के चलते सुरेश की जान चली जाती है, और उसके मरने के बाद दिव्या काफी अकेली हो जाती है साथ ही उस पर बहुत सारा कर्ज भी होता है जिसे उतारने के लिए वह एक छोटी सी नौकरी करने लगती है की तभी एक दिन उसके कर्जदार दिव्या की बेटी को किडनैप कर लेते हैं।
यहीं से कहानी में एक नया मोड़ देखने को मिलता है और दिव्या अपने कर्ज को चुकाने के लिए एक गलत रास्ता चुन लेती है, और वह है वेश्यावृत्ति का।
जिसकी सलाह दिव्या की पड़ोसन उसे देती है क्योंकि वह भी इसी तरह का काम करती है। लेकिन कहानी में एक नया ट्विस्ट तब देखने को मिलता है जब दिव्या अपने पहले कस्टमर के पास जाती है जहां पर वह मुसीबत में फंस जाती है।
अब दिव्या का वह पहला कस्टमर कौन है और दिव्या क्यों मुसीबत में पड़ जाती है यह सब जानने के लिए आपको देखनी होगी फिल्म।
फिलहाल यह मूवी किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं की गई है पर फिल्मी ड्रिप के अनुसार इसे अमेजॉन प्राइम वीडियो के प्लेटफार्म पर रिलीज किया जाएगा।
खामियां-
फिल्म की सबसे बड़ी कमी जो कि इमरान हाशमी स्टारर बॉलीवुड फिल्म मर्डर 2 से मिलती-जुलती है या फिर यूं कहें की मर्डर 2 ही है, फिल्म के मेकर्स ने स्टोरी में थोड़े बहुत बदलाव करके इसे हमारे सामने परोस दिया है।
शायद डायरेक्टर को लगता है की जनता बेवकूफ है। क्योंकि इस फिल्म को बनाने का कोई भी पॉइंट नजर नहीं आता।
“फिल्म हमे किसी बासी पिज्जा के जैसी नजर आती है जिसमे आपकी प्लेट में पिज्जा तो है पर फ्रेश नहीं”।
फिल्म की अच्छाइयां-
इसकी स्टोरी भले ही किसी फिल्म से कॉपी हो पर फिर भी फिल्म में नजर आए कैरेक्टर्स ने बढ़िया काम किया है।
फिल्म के थ्रिलिंग सीन आपको डराते हैं और उस लेवल का सस्पेंस क्रिएट करने में कामयाब भी रहते हैं जो किसी साइको किलर वाली फिल्म के लिए चाहिए।
हालांकि इन सब के बावजूद भी फिल्म पहले भी कहीं देखी देखी सी लगती है जो कि इस फ़िल्म के लिए काफी वीक पॉइंट है।
फाइनल वर्डिक्ट-
अगर आप भी क्राईम थ्रिलर फिल्में देखना पसंद करते हैं और इससे पहले आपने मर्डर 2 और हॉलीवुड फिल्म सव saw जैसी स्टोरियों को खूब इंजॉय भी किया था।
तो आप इस फिल्म को रिकमेंड कर सकते हैं। फिल्म पूरी तरह से साफ सुथरी है हां कुछ सींस दिखाए गए हैं पर वह पूरी तरह से ब्लर हैं। जिसके कारण आप इस फिल्म को अपनी पूरी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।
फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐ ⭐.