VIJAY 69 MOVIE REVIEW HINDI:गालियों से भरी हुई शानदार फिल्म वो दिन दूर नहीं जब भारत देश में भी कोरिया की तरह बूढ़े लोगो की संख्या बढ़ जायगी। क्युकी आज़ादी के बाद से भारत में मर्त्यु दर घटता जा रहा है मतलब के बूढ़े लोगो की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।
कोरिया देश में बूड़ो लोगो की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से बूड़ो की बहुत दुर्दशा देखने को मिलती है यश राज स्टूडियोज अनुपम खेर के साथ मिलकर एक फिल्म लेकर आये है जिसका नाम है विजय 69 इस समय अगर कोई एक्टर भावात्मक कैरेक्टर प्ले कर सकता है तो अनुपम खेर से बेहतर कोई नहीं है। यश राज के बैनर तले बनी इस फिल्म को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते है।
VIJAY 69 मूवी रिव्यु
एक कहावत है के इंसानी जुबान दो धारी तलवार से भी खतरनाक होती है अगर इस जुबान पर किसी की बंदिश न रहे तो ये अच्छे भले खूबसूरत माहौल को भी खराब कर सकती है ।
ऐसा ही कुछ हमें विजय 69 के साथ देखने को मिला जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ की गयी है। फिल्म में अनुपम खेर 69 वर्ष के बुजुर्ग की भूमिका में दिखाई दे रहे है। 69 में अनुपम खेर ये निर्णय लेते है के वो सायक्लिंग कर के दुनिया में एक रिकॉर्ड बनाये गे।
एक प्रेणना देने वाली फिल्म के 69 साल का कोई बुजुर्ग अगर बात-बात पर गालिया देने लगे तो वो थोड़ा फूहड़ होता है। अगर कहा जाये के 69 साल के होने की वजह से गुस्सा बहुत आता है तब जब आप इस तरह की थीम लेकर आये है जो की लोगो को इंस्पायर करने वाला है क्या जरूरत थी फिल्म में गलियो को दिखाना।
इस तरह की मोटिवेशनल फिल्मे फैमिली और बच्चो के साथ बैठ कर देखने के लिये बनायीं जाती है तब क्या हम विजय 69 को अपनी फैमिली के साथ बैठ कर देख सकते है,जवाब मिलता है ना। फिल्म को फैमिली के साथ बैठ कर नहीं देखा जा सकता।
फिल्म निर्देशक अक्षय राय की क्या मजबूरी थी के उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। इन्होने फिल्म तो अच्छी बनायीं पर उसकी जबान पर लगाम नहीं लगायी। एक लाईन में अगर फिल्म का रिव्यु किया जाए तो एक अच्छी फिल्म जो अपनी ऑडियंस के खिलाफ जा रही है।
कहानी
फिल्म की कहानी अच्छी है इसमें हमे सपनो को कैसे जिया जाये अच्छे ढंग से सिखाया गया है फिल्म में कॉमेडी के साथ दोस्ती का एंगल भी देखने को मिलता है। विजय यानि अनुपम खेर जो की 69 वर्ष के है और कैसे ये एक कम्पटीशन में भाग लेने के लिए जी जान लगा कर मेहनत करते है। जब ये बात वो अपने दोस्त चंकी पांडे से कहते है तब इनके सभी दोस्त इनकी मज़ाक बनाते है।
पर भी ये हार नहीं मानते है और इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये , 69 साल की उम्र में भाग लेते है। फिल्म का कलाइमेक्स आपको इमोशनली फील करता है। अब क्या विजय इस प्रतियोगिता को जीत पाता है ये देखने के लिए आपको इस फिल्म को देखना होगा।
कैरेक्टर
अनुपम खेर,मिहिर आहूजा,चंकी पांडे इन सभी का बेस्ट परफॉर्मेंस हमें फिल्म में दिखाई देता है।
सिनेमॅटोग्रफी
सिनेमॅटोग्रफी साहिल भरद्वाज ने की है और जिस तरह से की है वो लाजवाब है।
एडिटिंग
एडिटिंग मानस मित्तल ने की है जिसे ठीक ठाक बोला जा सकता है। कही-कही पर सीन थोड़े और छोटे किये जा सकते थे।
डायलॉग
डायलॉग लिखे है अब्बास टायर वाला ने और डायलॉग की बात हम ऊपर पहले ही कर चुके है के किस तरह के है।
प्रोडक्शन वैलु
फिल्म को प्रोडूस मनीष और यश राज ने किया है तो पैसो की कोई कमी तो आनी ही नहीं थी यही कारण है के फिल्म की प्रोडक्शन वैलु अच्छी है।
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन अक्षय रॉय का है और जितना भी किया है वो ठीक ही है बहुत जादा कुछ एक्सट्रा ऑर्डनरली नहीं है।
निष्कर्ष
विजय 69 एक मोटिवेशनल फिल्म है जो आपको ज़िंदगी जीना सिखाती है बस फिल्म का निगेटिव पॉइंट यही के इसमें गालिया बहुत है जिस कारण हम अपने बच्चो और फैमिली के साथ बैठ कर नहीं देख सकते हमारी तरफ से इस फिल्म को पांच में से दो स्टार दिये जाते है।
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