Veera Dheera Sooran Part 2 Review Hindi:फायरफ्लाई,स्टार वार्स के जैसा ही “वीरा धीरा सूरन” के पार्ट 2 को पहले रिलीज़ किया गया है और इसके पार्ट वन को भविष्य में रिलीज़ करने के प्लान हैं। एस. यू. अरुण कुमार के निर्देशन में बनी “वीरा धीरा सूरन: भाग 2” के मुख्य कलाकार के रूप में हमें विक्रम, एसजे सूर्या, सूरज वेंजारमूडु, दुषारा विजयन, सिद्दीकी दिखाई देते हैं।
फिल्म के बजट के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की गई है पर संभवतः इसका बजट 80 से 85 करोड़ तक हो सकता है।विक्रम की यह फिल्म अभी तमिल में रिलीज़ की गई है, हिंदी में रिलीज़ होने में अभी टाइम लगेगा।
कहानी
विक्रम ने फिल्म में काली नाम के कैरेक्टर को प्ले किया है।काली के परिवार के इर्द-गिर्द इस पूरी फिल्म की कहानी घूमती है।काली की एक छोटी सी फैमिली है और यह अपनी फैमिली के साथ एक खुशहाल ज़िंदगी जी रहा है।काली की एक किराना मर्चेंट की दुकान है, वो इससे जितना भी कमाता है उसमें खुशी-खुशी अपना घर चलाता है।
जब सब कुछ काली की जिंदगी में सामान्य तौर से चल रहा होता है, इसी बीच इसकी जिंदगी में भयानक मोड़ आ जाता है। काली एक खतरनाक अपराधियों के गिरोह में फंस जाता है,जिसके बाद इसकी पूरी दुनिया अचानक से बदल जाती है।
अब काली के सामने बहुत सी चुनौतियाँ आती हैं जो इसके संघर्ष को दर्शाती हैं। काली को अपने परिवार को इस दलदल से भरे तालाब से बाहर निकालना है। परिवार ही इसके लिए सब कुछ है। इन्हीं सब भावात्मक ट्विस्ट और टर्न के साथ फिल्म की कहानी आगे बढ़ती रहती है।
विक्रम का काम इतना शानदार है जिसको लफ्जों में बयाँ नहीं किया जा सकता है। अगर आप सिनेमा लवर हैं तो यह फिल्म सिनेमा की पूरी यूनिवर्सिटी है। “वीरा धीरा सूरन” के दो पिलर हैं – एक तो विक्रम की एक्टिंग और दूसरी इसकी कहानी। इन दो रीजन से यह फिल्म देखी जा सकती है।
प्रदर्शन
विक्रम पूरी फिल्म को अपने दोनों कंधों पर लेकर चले हैं। इनका शानदार प्रदर्शन देखकर कोई भी इनका फैन हो जाएगा। साथ ही एस. जे. सूर्या ने एक पुलिस वाले का किरदार निभाया है। इन्होंने अपने कैरेक्टर को भी बहुत अच्छे से पेश किया है। “सरीपोदा सनिवारम” में इन्होंने एक सनकी पुलिस ऑफिसर की भूमिका की थी, तो यहाँ इनका कैरेक्टर बिल्कुल अलग है।
तकनीकी पहलू
फिल्म के सभी एक्शन सीक्वेंस जबरदस्त हैं, जिसे जी. वी. प्रकाश कुमार का म्यूजिक और भी प्रभावी बनाने का काम करता है। गाँव के दृश्यों को जिस तरह से पेश किया गया है, उसकी सिनेमैटोग्राफी उच्च कोटि की है, जो हर एक सीन को जीवंत कर देती है।
कहानी कहीं-कहीं थोड़ी स्लो होती है। अगर एडिटिंग के टाइम कुछ सीन कट किये जा सकते तो फिल्म के लिए अच्छा रहता। कहानी के अंत में एक लंबा एक्शन सीक्वेंस सीन देखने को मिलेगा। इस सीन की खासियत यह है कि इस पूरे सीन को एक बार में ही शूट किया गया है, बिना किसी कट के।
निष्कर्ष
आज ही मोहनलाल की “एम्पुरान” भी रिलीज हुई है। अब इसके सामने किस तरह से विक्रम की यह फिल्म रिएक्ट करती है, ये तो वक्त बताएगा। अगर आप विक्रम के फैन हैं या नहीं भी हैं, फिर भी फिल्म के एक्शन सीन, विक्रम की दमदार एक्टिंग, बीजीएम और दिल को सुकून, आँखों को ठंडक देने वाली सिनेमैटोग्राफी के लिए इसे देख सकते हैं। मेरी तरफ से दिए जाते हैं इस फिल्म को पाँच में से तीन स्टार।
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