Toxic Town Review in hindi:आज 27 फरवरी 2025 के दिन बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान की आने वाली फिल्म ‘सिकंदर’ का टीजर रिलीज हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर नेटफ्लिक्स पर भी कुछ वेब सीरीज रिलीज हुई हैं जिनमें से एक “टॉक्सिक टाउन” है।
जिसमें मात्र 4 एपिसोड देखने को मिलते हैं और हर एक एपिसोड की लंबाई 53 मिनट से लेकर 1 घंटा 5 मिनट तक की है। जिसकी कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, ‘टॉक्सिक टाउन‘ के डायरेक्शन की बात करें तो “मिन्की स्पाइरो” ने किया है।
जिसके मुख्य किरदारों में जोडी व्हिटेकर, ऐमी लू वुड, रॉबर्ट कार्लाइल, रोरी किन्नर, ब्रेंडन कोयल, क्लाउडिया जेसी अन्य कलाकार भी देखने को मिलते हैं। टॉक्सिक टाउन को इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी रिलीज किया गया है जिससे यह भारतीय दर्शकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकेगी। चलिए जानते हैं कैसी है टॉक्सिक टाउन की कहानी, और करते हैं डिटेल रिव्यू।
कहानी: जहरीले शहर की
सीरीज की कहानी मुख्य रूप से “कोर्बी” नाम के शहर के इर्द-गिर्द दिखाई गई है। जिसके मुख्य किरदारों में पीटर, उसकी पत्नी सुज़ी और डेनियल की पत्नी सुज़ैन, डिप्टी चीफ रॉय, रिपोर्टर ग्राहम और टेड दिखाई देते हैं।
कहानी की शुरुआत एक रंगीन खुशनुमा क्लब नाइट के माहौल से होती है जहां सूजी और सूज़न की मुलाकात होती है। हालांकि, उन्हें तब तक नहीं पता था कि प्रेगनेंसी के दौरान वे दोनों एक ही अस्पताल में भर्ती होंगी।
कुछ समय बाद दोनों महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं जिसमें सूजी का बेटा कॉर्नर और सूज़न की बेटी शेल्बी है। पर कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब दोनों ही महिलाओं को इस बात का पता लगता है कि अस्पताल में जन्मे ये दोनों ही नवजात शिशु नॉर्मल नहीं हैं। बल्कि दोनों को ही कुछ न कुछ शारीरिक परेशानी है।
हालांकि उस समय तो ये दोनों ही समझ नहीं पातीं, पर बाद में “ग्राहम” नाम का टीवी रिपोर्टर सूजी और सूज़न से संपर्क करता है क्योंकि उसके पास कुछ ऐसी फाइलें मौजूद हैं जो इस बात का खुलासा करती हैं कि शहर में “कोर्बी बरो कॉन्सिल” के पुराने टॉक्सिक वेस्ट (औद्योगिक कचरा) जिसे ठीक तरह से ठिकाने नहीं लगाया गया, इसके परिणामस्वरूप कोर्बी शहर में जहरीला प्रदूषण फैल गया है
और इस नज़दीकी क्षेत्र के संपर्क में जो भी लोग आए वे सभी इससे इनफेक्टेड हो गए, जिनमें सूजी और सूज़न भी शामिल हैं। हालांकि सूज़न की बेटी हार्ट लंग्स और किडनी की शिकायत के चलते पहले ही अपनी जान गँवा चुकी है। और सूजी का बेटा जो कि जीवित तो है पर उसके एक हाथ में दिक्कत है।
अपने बच्चों को असहनीय हालत में देखकर वे दोनों महिलाएं इसका कसूरवार औद्योगिक कचरा फैलाने वाली कंपनी को ठहराती हैं। और कानूनी कार्यवाही शुरू करती हैं। अब क्या वे दोनों महिलाएं शहर के बच्चों को इंसाफ दिला पाती हैं या नहीं, इसे जानने के लिए आपको वेब सीरीज देखनी होगी।
सीरीज के नेगेटिव पॉइंट्स:
‘टॉक्सिक टाउन’ की सबसे बड़ी कमी इसके एपिसोड की लंबाई है। भले ही इसमें टोटल सिर्फ 4 एपिसोड देखने को मिलते हैं, पर कहानी का दायरा इतना छोटा था कि वे चार एपिसोड भी देखने में काफी लंबे लगते हैं।
कुछ अटपटी चीजें भी देखने को मिलती हैं, जिनमें सूजी के पति का अचानक उसे छोड़कर चले जाना है, जो कि बच्चे के जन्म से पहले बिल्कुल नॉर्मल था। और इस वेब सीरीज की अगली कमी की बात करें तो यह सूजी का अपने बच्चे के प्रति बिहेवियर है, जो कि काफी शर्मनाक दिखाया गया है।
भले ही सूजी के बेटे के एक हाथ में कुछ प्रॉब्लम हो, पर ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई माँ अपने बच्चे से इस एक कमी के कारण परहेज करे।
वेब सीरीज की अच्छाइयाँ:
जैसा कि हमने अपने आर्टिकल में बताया है कि टॉक्सिक टाउन वेब सीरीज की कहानी रियल इंसिडेंट पर आधारित है। और सीरीज की कास्टिंग इतनी लाजवाब है जिसके कारण आप सभी किरदारों से अटैच हो जाते हैं।
“फिर चाहे वह उस अस्पताल की नर्स ही क्यों न हो, जहाँ पर सूजी ने अपने बच्चों को जन्म दिया था।”
पैरेंटल गाइडलाइन:
सीरीज में बहुत ज्यादा तो नहीं, पर कुछ ऐसे दृश्य भी शामिल हैं जो फैमिली के साथ देखने के लिए बिल्कुल भी नहीं बने हैं। जिस कारण बेहतर होगा कि आप इसे सोलो ही इंजॉय करें।
निष्कर्ष:
अगर आपको रियल इंसिडेंट पर बनी हॉलीवुड फिल्में और वेब सीरीज देखना पसंद है, तब ‘टॉक्सिक टाउन’ आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन के रूप में सामने आती है। जिसे देखने के लिए आपको अपना ज्यादा वक्त नहीं देना होगा, मात्र चार एपिसोड में ही सीरीज खत्म हो जाती है।
फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3/5