The StoryTeller Movie Review:काफी समय बाद परेश रावल किसी अच्छे रोल में नजर आए हैं,साथ ही आपको जानकर काफी खुशी होगी, इस फिल्म को देखने के लिए आपको सिनेमाघर जाने की जरूरत नहीं। बल्कि आप इसे घर बैठे ओटीटी पर इंजॉय कर सकते हैं।
परेश रावल की नई फिल्म द स्टोरी टेलर को आज 28 जनवरी 2025 के दिन रिलीज कर दिया गया है। जिसके मुख्य किरदारों में परेश रावल और आदिल हुसैन जैसे मंझे हुए कलाकार शामिल हैं। फिल्म का डायरेक्शन महादेवन ने किया है,जिसकी लंबाई 1 घंटा 52 मिनट की है और इसका जॉनर ड्रामा कैटेगरी के अंतर्गत आता है।
हालांकि द स्टोरी टेलर’ सत्यजीत रे की शॉर्ट स्टोरी गोलपो बोलिए तारणि खुरो से प्रेरित है। जिसे बहुत सारे अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। आईए जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी और करते हैं इसका फुल रिव्यु।
कहानी
फिल्म की स्टोरी मुख्य रूप से तारिनी बंधो उपाध्याय (परेश रावल) नाम के किरदार पर आधारित है, जिनका जन्म स्थान कोलकाता है,और पेशे से एक स्टोरी टेलर हैं साथ ही इन्हें स्टोरियां सुनाने का काफी ज्ञान प्राप्त है इनका एक बेटा औरिंदम भी है जो फिलहाल अमेरिका में कैपेटिलिस्ट की नौकरी कर रहा है।
तारिनी की सभी कहानियां उन्हीं के द्वारा बनाई गई हैं और एकदम ओरिजिनल हैं। हालांकि भले ही वह कहानियों को बना लेते हैं पर उन्हें लिखते नहीं हैं, क्योंकि उन्हें हमेशा से इस बात का भय सताता है, कि उनकी कहानियों को पढ़कर लोग उनका मजाक ना उड़ाएं।
इसी बीच न्यूज़ पेपर में इश्तिहार आता है जिसमें अहमदाबाद में स्थित कॉटन उद्योग से जुड़े एक बड़े बिजनेसमैन को स्टोरी टेलर की आवश्यकता थी। स्टोरी टेलर यानी वह व्यक्ति जो रात के वक्त कहानी सुना सके। जहां उनकी मुलाकात रोतन गरोडीया (आदिल हुसैन) से होती है जो तारिनी को बताते हैं कि उन्हें काफी लंबे समय से नींद ना आने की परेशानी है।
जिसके लिए वह बहुत सारे प्रयास और इलाज कर चुके हैं फिर भी उन्हें नींद नहीं आती। फिर तारिनी हर रात कहानी सुनाने का सिलसिला शुरू करता है हालांकि कहानी सुनाने के बावजूद भी गरोडीया को नींद नहीं आती है, जिस कारण उनका नौकर मानिकचंद तारिनि से काफी चिढ़ने लगता है क्योंकि उसे ऐसा लगता है कि तारिनी उसके मालिक से सिर्फ पैसे ऐंठ रहा है।
आगे चलकर तारिनी जब गरोडीया से उसकी पिछली जिंदगी के बारे में पूछता है तब वह सरस्वती नाम की लड़की का खुलासा करता है जिसे जवानी के दिनों में वह बहुत प्यार करता था हालांकि बाद में सरस्वती ने एक आई एएस ऑफिसर से शादी कर ली।
पर इस सिंपल सी कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब तारिनी को स्टोरी राइटर गोरके के बारे में पता चलता है। अब कौन है यह गोरके और क्यों कोई बिजनेसमैन सिर्फ एक कहानी सुनाने के लिए किसी को सैलरी देता है इन सभी राजों को जानने के लिए और असलियत से पर्दा उठाने के लिए आपको देखनी होगी फिल्म दा स्टोरी टेलर।
जिसे आप ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देख सकते हैं।
तकनीकी पहलू-
जिस तरह से फिल्म की लोकेशंस में पुराने समय का अहमदाबाद दर्शाया गया है, वह देखने में काफी असली लगता है। फिर चाहे वह उस समय की कार हो या फिर कपड़े और रहन सहन। मूवी का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी लाइट रखा गया है जो फिल्म की थीम को पूरी तरह से सपोर्ट करता है।
खामियां-
वैसे तो फिल्म में किसी भी तरह की कोई बड़ी कमी दिखाई नहीं देती, पर फिर भी अगर इसकी खामियों की बात करें तो फिल्म द स्टोरी टेलर को एक खास तरह की ऑडियंस के लिए ही बनाया गया है। आजकल की यंग ऑडियंस जिसे 15 सेकंड की रील देखने में मजा आता है। उस तरह के दर्शकों के लिए इसे बिल्कुल भी नहीं बनाया गया है।
अच्छाइयां-
फिल्म की कहानी जिस तरह से दर्शकों को काफी डीसेंट वे में एंटरटेन करने की कोशिश करती है वह लाजवाब है। जिसमें परेश रावल और आदिल हुसैन की मैजिकल एक्टिंग ने चार चांद लगा दिए हैं। फिल्म के सहायक किरदार में तनिष्ठा चैटर्जी भी नज़र आती हैं और जब भी वह स्क्रीन पर दिखाई देती हैं हल्की सी मुस्कान आपके ज़हन में छोड़ जाती हैं।
निष्कर्ष-
अगर एक लाइन में द स्टोरी टेलर के बारे में बताया जाए तो यह फिल्म 90 के किड्स के लिए बनाई गई है, साथ ही अगर आपको आर्ट और ड्रामा फिल्में देखना पसंद हैं, तब भी आप इसे रिकमेंड कर सकते हैं।
हालांकि इसकी कहानी पूरी तरह से सिंपल है जिसमें आपको किसी भी तरह का लव एंगल या फिर एक्शन देखने को नहीं मिलता। पर फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यही है कि बिना किसी तड़क भड़क के फिल्म आपके सामने एक बेहतरीन कहानी पेश करती है,जो आपके ज़हन में एक गहरी छाप छोड़ जाती है।
फिल्मीड्रिप की ओर से इसे दिए जाते हैं 5/3 ⭐ ⭐ ⭐
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