डेविड मिडेल द्वारा निर्देशित अमेरिकी हॉरर फिल्म The Ritual कई रिपोर्ट्स के माध्यम से ऐसा बताया गया है कि यह फिल्म 1928 में हुई एक सच्ची घटना से प्रेरित है। एक्सॉर्सिज्म को तो आपने बहुत-सी हॉरर फिल्मों में देखा होगा, पर यहां जिस तरह से इसे पेश किया गया है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि जो हो रहा है, वह सचमुच हमारी आंखों के सामने हो रहा हो। यहां दो फादर, एम्मा को शैतान के चंगुल से बचाने में लगे हुए हैं। अब क्या ये इस लड़की को बचा पाते हैं या नहीं, यही कहानी फिल्म में आगे देखने को मिलती है। आइए जानते हैं कि यह फिल्म कैसी है, इस रिव्यू के माध्यम से।
कहानी
हमेशा से हमारे समाज को यह संदेश मिलता रहा है कि ईश्वर हमें बुरी शक्तियों से बचाने का काम करता है। फिल्म की शुरुआत ऐसे ही कुछ डायलॉग्स के साथ होती है। चर्च के पादरी के पास एक ऐसी महिला का केस आता है, जिसका इलाज डॉक्टर नहीं कर पा रहे हैं। इस महिला का नाम है Emma Schmidt (एबिगेल कोवेन), जिसकी ऐसी हालत बचपन से ही है। कहानी को 1920 के दशक में रखकर दिखाया गया है। फिल्म की कलर ग्रेडिंग और पुराने रूप के चर्च यह अहसास दिलाते हैं कि फिल्म 1920 के दशक की ही है। फादर की टीम मिलकर जब एम्मा की फाइल पढ़ती है, तब इन्हें यह अहसास होता है कि एम्मा को किसी भी तरह की दिमागी बीमारी नहीं है। शुरुआती ऑब्जर्वेशन के बाद फादर को इस बात का अहसास हो जाता है कि एम्मा पर शैतान का साया है। एम्मा की परेशानी देखकर फादर के साथ-साथ फिल्म देखने वाले दर्शक भी परेशान होने वाले हैं। एक्सॉर्सिज्म के दौरान बुजुर्ग फादर, Father Joseph को एम्मा को बांधकर रखने को कहता है, पर Father Joseph Steige इसके लिए राज़ी नहीं होते। Father Joseph को कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि एम्मा एक साइकोलॉजिकल परेशानी से जूझ रही है। एक्सॉर्सिज्म की शुरुआत में ही एम्मा कुछ ऐसी हरकतें करती है, जिससे यह साबित हो जाता है कि इसके शरीर को किसी गंदी आत्मा ने अपने वश में कर रखा है। एम्मा का किरदार इतना भोला-भाला है कि इसे देखकर फादर जोसेफ को तरस आने लगता है। एक सीन में एक्सॉर्सिज्म के दौरान जिस तरह से एम्मा सिस्टर पर हमला करती है, वह सीन दिल दहला देने वाला है। अब क्या इस शैतान के चंगुल से एम्मा निकल पाती है या नहीं, यह सब आपको फिल्म देखकर ही पता लगाना होगा।

क्या है यहां खास
जिन दर्शकों ने इस तरह की हॉरर फिल्में पहले नहीं देखी हैं, उनके लिए यह एकदम नया अनुभव होने वाला है। वहीं, अगर जिन लोगों ने बहुत-सी हॉरर फिल्में पहले ही देख रखी हैं, तब उनके लिए यहां ऐसा कुछ नया देखने को नहीं मिलेगा। कहानी काफी धीमी है और धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। कहीं-कहीं पर ऐसा भी लगने लगता है कि एक ही चीज को बार-बार दोहराया जा रहा है। काफी कम बजट में तैयार की गई यह फिल्म कम और सीरीज ज्यादा लगती है। सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक ही है, पर आउटस्टैंडिंग नहीं कही जा सकती। अगर मैं अपनी बात करूं, तो मैंने इस तरह की फिल्में पहले बहुत-सी देख रखी हैं, तो मुझे हर एक सीन देखा-देखा सा लग रहा था।
निष्कर्ष
एक्सॉर्सिज्म को पसंद करने वालों के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। प्रो हॉरर दर्शकों को “The Ritual” कुछ खास पसंद नहीं आने वाली, वहीं जिन दर्शकों ने इस तरह की फिल्में पहले नहीं देखी हैं, वे इसे Lionsgate Play के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अच्छी हिंदी डबिंग के साथ देख सकते हैं। मेरी तरफ से इसे दिए जाते हैं पांच में से ढाई स्टार की रेटिंग।
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