The Pradeeps of Pittsburgh:प्राइम विडिओ की तरफ से “द प्रदीपस ऑफ़ पिट्सबर्ग” नाम की एक सीरीज रिलीज़ की गयी है। इसके आठ एपिसोड है और हर एक एपिसोड की हिंदी डबिंग काफी अच्छे से की गयी है। इसे हम एक कॉमेडी ड्रामा शो बोल सकते है। सबसे पहले बात करते है के इस सीरीज को बनाया किसने है।
सीरीज को बनाया है,विजल पटेल ने जिनका कही न कही गुजरात से एक नाता है। इनकी फैमिली गुजरात के अहमदाबाद में रहा करती थी।1880 में। विजल पटेल की पूरी फैमिली पिट्सबर्ग में शिफ्ट हो जाती है।
इस पुरे कॉन्सेप्ट को विजल ने ही बनाया है। अब एक गुजराती फिल्म बनाये और उसमे गुजराती डॉयलॉग न हो , इस शो में भी आपको जगह-जगह पर गुजराती डायलॉग सुनने को मिलेंगे।
कहानी
ये पांच लोगो की एक फैमिली की कहानी है। जो प्रदीप फैमिली के नाम से जाने जाते है। सुधा,महेश,विनोद,कमल,भानु इन चारो करेक्टर के इर्द गिर्द कहानी घूमती रहती है। अब ये पांचो लोग अहमदाबाद से पिट्सबर्ग में शिफ्ट होते है।
कहानी के शुरवात में ही दिखा दिया जाता है के ये पांचो लोग पुलिस की पूछताछ में है। हुआ कुछ ऐसा होता है के इनके पडोसी का घर जो जल गया है और उसको जलाने का इलज़ाम इनका पड़ोसी इनके ऊपर लगा देता है।
पूरी फिल्म पास्ट और प्रजेंट में चलती दिखायी देती है। शो में बहुत सी ऐसी छोटी – छोटी चीज़ो को दिखाया गया है उदाहरण के रूप में हम सबको लगता है के विदेश में जाकर मज़ा आएगा वहा का रहन सहन भारत से अच्छा है। विदेश में अच्छी ज़िंदगी है,पर असल में ऐसा नहीं होता है। वहा सबको स्ट्रगल करना होता है बस दूर के ढोल सुहावने लगते है।
जो लोग कैनाडा या अमेरिका जैसे देश में गये हुए है उन्हें ये फिल्म देख कर बहुत मज़ा आने वाला है क्युकी जो इस शो में दिखाया गया है वो काफी हद तक असल होता है।
शो आपको इन पांच करेक्टर से पूरी तरह से जोड़ देता है। हर एक करेक्टर पर शो में अच्छे से काम किया गया है।
शो के पॉज़िटिव और निगेटिव पॉइंट
इस शो के सभी एपिसोड के डायरेक्टर अलग-अलग है।निर्देशक ने इसमें एडल्ट सीन और डायलॉग का इस्तेमाल किया है। जिससे ये शो फैमिली के साथ बैठ कर नहीं देखा जा सकता। पर जिस माहौल में शो को फिल्माया गया है वहा पर इस तरह की चीज़े नार्मल है।
पहले दो एपिसोड के बाद ऐसा लगता है के इसकी स्टोरी को बहुत खीचा जा रहा है। पर हर एक एपिसोड में कुछ ऐसी भी चीज़े होती है जो आपको इससे जोड़े रखती है। शो की एंडिंग आधी अधूरी की गयी है जिसको देख कर लगता है के इसका सीजन २ भी देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
अगर आप एक ऐसी कॉमेडी सीरीज देखना चाहते है जिसमे हसी न भी आये तो चलेगा,तब ये शो आपके लिये है। प्रदीप की फैमिली बहुत भोली दिखाई गयी है ,ठीक तारक मेहता के उलटे चश्मे के जैसा ये शो हसी की गारंटी नहीं देता पर टाइम पास जोरूर कर सकता है। हमारी तरफ से इस शो को पांच में से दो स्टार दिये जाते है।
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