इस हफ्ते रिलीज़ हुई The Long Walk डिस्टोपियन सर्वाइवल थिरिलर फिल्म है। फ्रांसिस लॉरेंस ने इसके कॉन्सेप्ट को 1979 की उपन्यास एक ठंडा और वफादार से उठाया है ये एक थिरिलर है जहा ज़ादा ज़िंदगी और मौत से लडकते हुए ५० इंसानो की कहानी को दिखाया गया है अब अंत में कौन एक वह इंसान है जो जीवित रहता है यही सब इस फिल्म में आगे देखने को मिलता जो दर्शको पर शरू से लेकर अंत तक रोमांच का जादू चलाये रखता है। अमेरिका में होने वाले हर साल का एक इवेंट जिसमे लोगो को एक तरह की स्पीड में चलना होता है बस चलना है और चलते रहना है रुकने वाला तीन वार्निंग के बाद गोली खायेगा। आइये जानते है फिल्म के बारे में कुछ और मज़ेदार बाते।
Jalan terus atau tewas.
— Habis Nonton Film (@HabisNontonFilm) May 8, 2025
THE LONG WALK dijadwalkan tayang 12 September.pic.twitter.com/N5DqlQU6lG
क्या खास है फिल्म में
स्क्विड गेम (Squid Game) को हर देश की जनता ने पसंद किया और सराहा था। इस तरह का कंटेंट दर्शकों को पूरी तरह से शुरू से लेकर अंत तक अपनी गिरफ्त में लेने में कामयाब रहता है। ऐसी ही कुछ फिल्में पहले भी हमें देखने को मिल चुकी हैं, उदाहरण के लिए The Hunger Games (2012), Battle Royale (2000), The Running Man (1987), Maze Runner (2014), जो दर्शकों में रोमांच पैदा करने में कामयाब रही थीं। ठीक वैसा ही कुछ The Long Walk शो में देखने को मिलता है। यह कहानी है अमेरिका की, जहां The Long Walk नाम की एक प्रतियोगिता होती है। यह सुनने में एक साधारण गेम शो लगता है, लेकिन असल में वैसा है नहीं। इस शो में तकरीबन 50 नई उम्र के लोगों को चुना जाता है, जो कि ऊर्जा से भरे होते हैं। इस गेम शो के टर्म्स और कंडीशन्स ये हैं कि शो के प्रतियोगी को 4 मील, लगभग 6.4 किलोमीटर, की रफ्तार को बनाए रखना है। एक स्वस्थ इंसान चार मील की दूरी एक घंटे में आसानी से तय कर सकता है, लेकिन तब जब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो। कहानी में एक ट्विस्ट है, और वह यह है कि अगर कोई इंसान अपनी स्पीड को कम करता है, तो उसे तीन वॉर्निंग दी जाती हैं। इन तीन वॉर्निंग्स के बाद भी अगर उसने अपनी स्पीड को कम रखा, तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। अब अंत तक वह कौन-सा कंटेस्टेंट होता है जो इस शो को जीत पाता है और जीतने के बाद आखिर क्या होता है, यह सब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

क्या खास है फिल्म में
जिन दर्शको का दिल थोड़ा भी कमज़ोर है तो वह इस फिल्म को न ही देखे तो अच्छा है क्यों की फिल्म के कई सीन डार्क सैड और डिप्रेसिंग है जो दिल को दहला देते है कहानी को इस तरह से गड़ा गया है जिसे थोड़ा भी टाइम नहीं लगता दर्शको को खुद से इंगेज करने में एक समय ऐसा भी आता है जब दर्शक पूरी तरह से इनके कैरेक्टरों से जुड़ाव महसूस करने लग जाते है। जब किसी फिल्म के कैरेक्टर के दर्द को एक दर्शक फील करने लगे तब समझे के स्क्रीन प्ले पर अच्छे से काम हुआ है। फिल्म के कुछ करेक्टर से प्यार तो वही कुछ से नफरत हो जाती है। जिन दर्शको को मसाला मार धाड़ एक्शन फिल्मे देखना पसंद है और उन्हें ऐसा लगता है के यहां भी एक्शन देखने को मिलेगा तो ऐसा नहीं है ये एक सर्वाइवल फिल्म है न की एक्शन फिल्म। अगर आप डार्क इंटेंस थ्रिलिंग एक्सपीरियंस लेना चाहते है तो ये फिल्म देखि जा सकती है। फिल्म के बीच बीच में जिस तरह से आपके फेवरेट कैरेक्टर के साथ बुरा होता दिखाया जाएगा उनके साथ आप को भी उतना ही बुरा महसूस होगा। सभी एक्टर की परफॉर्मेस बेस्ट है साथ ही इमोशन सीन को अच्छे से बिल्ड किय गया है। अच्छे बीजीएम प्रोडूसक्शन सिनेमाटोग्राफी के साथ मै इसे देता हूँ ५ में से ३.५ की रेटिंग परिवार के साथ इसे न देखे क्यों के यहाँ बहुत सी ऐसी चीज़े है ज्न्हे परिवार के साथ नहीं देखा जा सकता।
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