आपने कभी सोचा है कि दिन के उजाले में अपनी ही शहर की सड़कों पर असुरक्षित महसूस करना कैसा लगता होगा? टीवी की मशहूर एक्ट्रेस “सुमोना चक्रवर्ती” ने हाल ही में ऐसा ही एक वाकया शेयर किया जो “मराठा रिज़र्वेशन प्रोटेस्ट” से जुड़ा है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट डाला जिसमें बताया कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला किया।
ये घटना मुंबई के साउथ इलाके में हुई जहां आमतौर पर सब कुछ शांत और सुरक्षित रहता है। सुमोना ने लिखा कि वो कोलाबा से जा रही थीं तभी अचानक भीड़ ने उनकी कार घेर ली। ये सब देखकर उनके फैंस हैरान हैं और ये पोस्ट वायरल हो गया है।
प्रदर्शनकारियों का हमला और पुलिस की चुप्पी
सुमोना ने विस्तार से बताया कि एक शख्स उनकी कार के बोनट पर जोर-जोर से मार रहा था और बाकी लोग खिड़कियों पर थपथपा रहे थे। वो ‘जय महाराष्ट्र’ के नारे लगा रहे थे और माहौल इतना डरावना था कि सुमोना को लगा जैसे कोई नाटक चल रहा हो। सबसे चौंकाने वाली बात ये कि वहां पुलिस वाले खड़े-खड़े तमाशा देखते रहे, कोई एक्शन नहीं लिया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मराठा रिज़र्वेशन प्रोटेस्ट के चलते मुंबई में कई जगहों पर ट्रैफिक जाम और हिंसक घटनाएं हो रही हैं। सुमोना ने कहा कि सड़कें कचरे से भरी पड़ी थीं, लोग फुटपाथ पर कब्जा करके बैठे थे, खा-पी रहे थे, यहां तक कि खुले में शौच कर रहे थे। ये सब देखकर उन्हें लगा कि ये विरोध नहीं बल्कि पिकनिक जैसा लग रहा था।
महिला सुरक्षा पर सवाल और सुमोना की भावनाएं
एक महिला होने के नाते सुमोना ने खासतौर पर अपनी असुरक्षा का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि अगर उनके साथ दोस्त न होता, तो पता नहीं क्या होता। सालों से मुंबई में रहने वाली सुमोना को पहली बार ऐसा लगा कि उनका अपना शहर सुरक्षित नहीं है।
मराठा रिज़र्वेशन प्रोटेस्ट में मनोज जरांगे पाटिल जैसे नेता आगे हैं, जो मराठा समुदाय के लिए 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। लेकिन ऐसे प्रदर्शनों में अक्सर आम लोगों को परेशानी होती है, खासकर महिलाओं को। सुमोना ने वीडियो बनाने की सोची, लेकिन डर से रुक गईं, क्योंकि भीड़ और भड़क सकती थी। वो बहुत परेशान हैं और कहती हैं कि हमें बेहतर कानून-व्यवस्था चाहिए।
मराठा आरक्षण आंदोलन का कारण
मराठा रिज़र्वेशन प्रोटेस्ट महाराष्ट्र में लंबे समय से चल रहा है 2018 से ये मांग जोर पकड़ रही है,और अब तक कई बार हिंसक रूप ले चुकी है। मराठा समुदाय ओबीसी कैटेगरी में शामिल होना चाहता है, ताकि नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिले। लेकिन ऐसे आंदोलनों से शहर की रोजमर्रा जिंदगी प्रभावित होती है जैसे ट्रैफिक, सफाई और सुरक्षा। सुमोना ने अपनी पोस्ट में जातिवाद राजनीति और भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए ये कहते हुए कि ये विकास नहीं पतन है।
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