Sudan Remember Us Review: 1 ऐसी फिल्म जो दिल छू ले’

Sudan Remember Us Review in hindi

Sudan Remember Us Review in hindi: 2024 में रिलीज हुई एक ज़बरदस्त डॉक्यूमेंट्री फिल्म “सूडान रिमेम्बर अस” ये फिल्म सूडान देश की उस जज्बे वाली कहानी को दिखाती है जहां युवा लोग अपनी आजादी और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे थे। ये फिल्म फ्रेंच ट्यूनीशियन डायरेक्टर ‘हिंद मेदेब’ ने बनाई है, जो खुद 2019 में सूडान की क्रांति के दौरान वहां मौजूद थीं उन्होंने कैमरा भी खुद ही संभाला है और फिल्म को इतना रियल बनाया है कि लगता है हम खुद वहां की सड़कों पर मौजूद हैं। चलिए इस फिल्म के बारे में बात करते हैं।

फिल्म क्या दिखाती है? (Sudan Remember Us Review)

ये डॉक्यूमेंट्री सूडान की साल 2019 में हुई क्रांति पर फोकस करती है, जब लोगों ने सूडान में पिछले 30 साल से चल रहे तानाशाह ओमार अल बशीर के शासन को उखाड़ फेंका था। फिल्म की शुरुआत 2023 सूडान के युद्ध से होती है, जहां युवा लोग वॉइस मैसेज भेजकर एक दूसरे की सलामती पूछ रहे हैं, फिर ये हमें पीछे ले जाती है उस समय में जब वहां के लोगों की उम्मीदें आसमान छू रही थीं।

Sudan Remember Us Review
Sudan Remember Us Review

फिल्म में कोई बड़ी बड़ी लड़ाइयां नहीं दिखाई गई हैं बल्कि युवाओं की छोटी छोटी कहानियां देखने को मिलती हैं: जैसे महा, शजाने, मुजामिल और खटाब जो फिल्म में एक्टिविस्ट और कलाकार हैं। ये लोग सड़कों पर गाने गाते थे और रैप करते थे और दीवारों पर संदेश लिखते थे, ताकि अपनी आवाज बुलंद करे सकें। सूडान रिमेम्बर अस फिल्म बताती है कि कैसे ये क्रांति कविता, संगीत और कला से भरी हुई थी और ये सब कुछ सूडान की पुरानी परंपराओं से जुड़ा हुआ था।

निर्देशक हिंद मेदेब का खास अंदाज (Sudan Remember Us Review)

हिंद मेदेब, जो पेरिस में रहती हैं लेकिन ट्यूनीशिया से हैं, इस फिल्म को उन्होंने बहुत संवेदनशील तरीके से बनाया है। वो खुद साल 2019 में सूडान की राजधानी खार्तूम में थीं जब वहां प्रदर्शन हो रहे थे। फिल्म में उन्होंने भीड़ के दृश्यों से लेकर वहां के इंसानी इंटरव्यू तक सब कुछ कैद किया है।

Sudan Remember Us Review
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“सूडान रिमेम्बर अस” मूवी की एक खास बात ये है कि वो पीड़ितों को सिर्फ दुखी नहीं दिखाती, बल्कि उनकी ताकत और सपनों पर फोकस करती है। उदाहरण के लिए 3 जून साल 2019 को खार्तूम नरसंहार हुआ था, जहां मिलिशिया ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था, इस दौरान 127 लोग मारे गए और कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ।

लेकिन फिल्म इसमें भी उम्मीद ढूंढती है, जैसे एक साइनबोर्ड पर लिखा था “क्षमा मत करो, भूलो मत”।
हिंद ने फिल्म को ऐसे एडिट किया है कि ये सिर्फ इतिहास नहीं बताती बल्कि युवाओं की बातचीत को अलग अलग थीम्स में बांटती है जैसे नारीवाद, धार्मिक दुरुपयोग और एक बेहतर सूडान का सपना।

युवा एक्टिविस्ट्स और उनकी क्रांति (Sudan Remember Us Review)

फिल्म के केंद्र में हैं वो युवा खासकर महिलाएं, जो इस क्रांति की असली ताकत थीं। ये एक फेमिनिस्ट क्रांति थी जहां लड़कियां कह रही थीं कि अरब दुनिया में महिलाओं की आजादी जरूरी है, वे कविताएं पढ़ती थीं गाने गाती थीं और सड़कों पर नारे लगाती थीं, जैसे “गोलियां नहीं मारतीं, लोगों की चुप्पी मारती है”।

Sudan Remember Us Review
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फिल्म दिखाती है कि कैसे ये लोग 1960 और 1980 की पुरानी क्रांतियों से प्रेरित थे और अपनी कला से बदलाव ला रहे थे। एक दृश्य में एक फनी साइन है “क्षमा करें, देरी के लिए,ये शासन उखाड़ने में लगे हैं”। ये सब देखकर लगता है कि सूडान की मिट्टी में ही कला और संघर्ष की जड़ें हैं, जो 1956 की आजादी के बाद से चले आ रहे युद्धों के बावजूद जिंदा हैं। फिल्म में जेंडर बैलेंस भी बहुत अच्छा है क्योंकि पुरुष और महिलाएं साथ में लड़ रहे हैं और भविष्य के सपने देख रहे हैं।

फिल्म की ताकत और छोटी मोटी कमियां (Sudan Remember Us Review)

स्ट्रांग पॉइंट्स :

इस डॉक्यूमेंट्री की सबसे बड़ी ताकत ये है कि, फिल्म की कहानी पश्चिमी दुनिया की मदद की कमी पर नहीं रोती है , बल्कि सूडान के अपने लोगों की ताकत पर फोकस करती है।

ये दिखाती है कि कैसे एक पीढ़ी ने लड़ाई चुनी लेकिन अब 2025 में चल रहे गृहयुद्ध में लाखों लोग अलग गुटों में बट चुके हैं, बीते युद्ध में तक़रीबन 1.27 करोड़ लोग बेघर और 1.5 लाख मारे गए थे, फिर भी फिल्म उम्मीद जगाती है क्योंकि ये युवा अब भी चुप नहीं हैं।

Sudan Remember Us Review
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एक छोटी सी कमी: (Sudan Remember Us Review)

अंत में एक फ्रेंच गाना है, जो सूडान की अपनी भाषा और माहौल से थोड़ा अलग लगता है क्योंकि फिल्म तो अरबी और सूडानी बोली पर आधारित है। लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि कुल मिलाकर ये फिल्म शिक्षित करने के साथ साथ प्रेरित भी करती है।

क्यों देखनी चाहिए ये फिल्म? (Sudan Remember Us Review)

“सूडान रिमेम्बर अस” एक ऐसी फिल्म है जो बताती है कि साइलेंस कितना खतरनाक होता है, और आवाज उठाना कितना जरूरी होता है। ये 2024 में वेनिस फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुई थी और अब यूके में सिनेमाघरों में चल रही है।

अगर आप इतिहास, क्रांति और युवाओं की कहानियां पसंद करते हैं, तो 2024 में रिलीज हुई एक बेहद प्रभावशाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म “सूडान रिमेम्बर अस”, ये फिल्म सूडान देश की उस जज्बे वाली कहानी को दिखाती है जहां युवा लोग अपनी आजादी और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे थे।

ये फिल्म फ्रेंच ट्यूनीशियन डायरेक्टर ‘हिंद मेदेब’ ने बनाई है, जो खुद 2019 में सूडान की क्रांति के दौरान वहां मौजूद थीं, उन्होंने कैमरा भी खुद ही संभाला है और फिल्म को इतना रियल बनाया है कि लगता है हम खुद वहां की सड़कों पर मौजूद हैं। चलिए इस फिल्म के बारे में बात करते हैं।

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    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

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