Shrikakulam Sherlockholmes Movie Review In Hindi:निर्देशक लेखक मोहन के निर्देशन में बनी श्रीकाकुलम शेरलॉकहोम्स एक कॉमेडी थ्रीलर फ़िल्म है,जिसे ओटीटी पर 24 जनवरी को रिलीज़ किया गया, फ़िल्म की कहानी 1991 मे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के समय की है जब एक लड़की की विजाग की समुद्र के किनारे हत्या हो जाती है, और इसकी इन्वेस्टिगेशन का ज़िम्मा शेरलॉक होलम्स को सौंपा जाता है।
कहानी क्या कहती है:
कहानी की शुरुआत वीजाग के एक पुलिस स्टेशन से होती है, जहाँ फ़ोन की घंटी बजती है और इंस्पेक्टर के चिल्लाने पर थाने का सोया हुआ सिपाही जल्दी से फ़ोन उठाता है और खबर मिलती है की प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई है, जिससे पुलिस स्टेशन के सिपाही और इंस्पेक्टर तनाव में आ जाते हैं,
पर अगली सुबह एक और घटना होती है वीजाग के समुद्र के किनारे एक लड़की मैरी की हत्या हो जाती है, पत्रकार सी आई भास्कर(अनीश कुरुवीला) से सवाल करता है की आखिर कब कातिल को पकड़ा जायेगा तीन महीने में तीन कत्ल हो चुके हैं पत्रकार द्वारा दबाव पड़ने पर सी आई भास्कर एक हफ़्ते मे कातिल को पकड़ने का वादा करता है और वह यह भी कहता है कि अगर वह ऐसा ना कर पाया तो वह अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देगा,
इसी एक हफ्ते मे दिल्ली से राजीव गाँधी की मौत की इन्वेस्टीगेशन के लिए टीम आ रहीं है भास्कर के पास केस सोल्व करने का समय न होने के कारण वह चंटी उर्फ़ शेरलॉक होल्म्स(वेनेला किशोर ) डिटेक्टिव को यह केस सौंपता है, शेरलॉक होल्म्स अटपटी हरकतें करता रहता है उसके अंदर डिटेक्टिव वाली बिल्कुल भी संजीदगी नहीं है इसके बावजूद जब वह जासूसी शुरु करता है तो उसके अंदर से एक अलग डिटेक्टिव निकल कर आता है,और आगे कहानी मे काफ़ी सारे ट्वीस्ट और टर्न देखने को मिलने वाले है।
कलाकारों का प्रदर्शन:
फ़िल्म मे कलाकारों का प्रदर्शन अलग अलग तरह से देखने को मिलता है जहाँ वेनेला किशोर का ज़बरदस्त अभिनय देखने को मिलेगा इससे पहले भी यह कई फिल्मो मे अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों की सराहना पा चुके है वहीँ अनीश कुरुवीला ने भी अच्छा काम किया है इसके अलावा ब्रम्मा और बालू का किरदार निभा रहे अनन्या नगल्ला और रवि तेजा महादस्यम का काम भी सराहनीय है।
इसके अलावा बाकी कलाकारों की बात करें तो उनके अभिनय में कुछ कमियां नजर आई जिसे वह दूर करके और भी आकर्षित अभिनय कर सकते थे।
क्यों देखे यह फ़िल्म:
2 घंटे और 5 मिनट की इस कॉमेडी थ्रीलर फिल्म मे सस्पेंस, मिस्ट्री, थ्रीलर, इमोशंस और कॉमेडी सबकुछ मिलने वाला है खास कर के मिस्ट्री और थ्रिलर के बीच जो कॉमेडी एलिमेंट्स डाले गए हैं इससे कहानी और भी ज्यादा लुभावनी नजर आती है,साथ ही बीच मे एक छोटी सी लव स्टोरी मे आपको रोमांस का तड़का भी मिलेगा पूरी फ़िल्म मे एक के बाद एक ट्वीस्ट और टर्न देखने को मिलेंगे जिससे यह फिल्म आपको खुद से बांधे रखेगी साथ ही फिल्म का क्लाइमेक्स आपकी सोच से परे होने वाला है।
फ़िल्म की खामियाँ:
फ़िल्म ओवर आल अच्छी होने के बावजूद कहीं कहीं पर निराश कर सकती है जैसे कुछ सीन ज़बरदस्ती डाले गाये हो वहीँ कुछ कॉमेडी सीन वास्तविकता से परे नज़र आते है,साथ ही सिनेमाटोग्राफी पर थोड़ा और बेहतर काम किया जा सकता था।
ओवर आल रिव्यु:
वेनेला किशोर की मज़ेदार जासूसी ने फ़िल्म मे जान डाल दी है जब आप संजीदगी के साथ फ़िल्म देख रहे होंगे वही दूसरे पर फ़िल्म मे डाला गया कॉमेडीक तड़का आपको हसने पर मजबूर कर देगा।
फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी अच्छा है वहीँ अगर आप फैमिली के साथ यह मूवी देखने का सोच रहे हो तो बेझिझक जा सकते है इसमें कोई भी न्यूडीटी नहीं है जिससे आप फैमिली के साथ उनकम्फर्टेबल हो, अगर आप क्राइम, सस्पेंस, थ्रीलर और कॉमेडी के शौक़ीन है तो इस फ़िल्म को आपको एक बार ज़रूर देखना चाहिए।