कास्ट -विक्रांत मेसी (प्रेम सिंह)
दीपक डोबरियाल (इंस्पेक्टर राम चरण पांडे)
इप्शिता चक्रवर्ती
दर्शन जरीवाला (डीवाई एसपी रस्तोगी)
आकाश खुराना
बहारुल इस्लाम
निदेशक – आदित्य निंबालकर
रनिंग टाइम 2 घं. 3 मि.
कहानी –
Sector 36 movie review in hindi:फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना निठारी कांड पर आधारित है साल 2006 में राजधानी दिल्ली से करीब नोएडा के सेक्टर 36 से नाले में नर कंकाल मिलना शुरू हुए थे जिससे पुलिस और लोगो में देहशत फ़ैल गई थी और इस काम को किसी सीरियल किलर ने अंजाम दिया था ,इसी घटना को निर्देशक आदित्य निंबेलकर फिल्म सेक्टर 36 में ले कर आ रहे हैं जो मैडॉक फिल्म के बैनर तले बनाई गई है।
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फिल्म की कहानी प्रेम सिंह (विक्रांत मेसी) जो अमीरों की कॉलोनी में काम करता है और वही सीरियल किलर है जो बच्चों को बेदर्दी से मारकर नाले में डाल रहा है। दीपक डोबरियाल इस फिल्म में ना ही विलेन हैं और ना ही कॉमेडियन बल्की एक सीरियस पुलिस इंस्पेक्टर राम चरण पांडे का किरदार निभा रहे हैं
जो इस केस की गुत्थी सुलझाते नजर आएंगे हालांकी शुरुआत में वे इस घटना को और घटनाओ की तरह ही लेते हैं पर जब उनकी खुद की बेटी गायब हो जाती है तो वे जी जान से इस मामले के आरोपी को सजा दिलाने की कोशिश करते हैं।अब ये सीरियल किलर ये सब क्यूं कर रहा है क्या उसके अतीत में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी छाप अभी तक उसके मन में है और क्या पुलिस आरोपी को सजा दिलाने में कामयाब होगी ये सब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।
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कलाकारों की एक्टिंग
इस फिल्म में मुख्य भूमिका विक्रांत मेसी के किरदार में एक साइको दरिंदा झलकता है जिसे देख कर एक डरावनी सी अनुभूति होती है “12th फेल” और “फिर आई हसीन दिलरूबा” के बाद फ़ैन्स को विक्रांत मैसी का एक अलग ही डरावना किरदार देखने को मिलेगा, वही बात करें दीपक डोब्रियाल की तो एक पुलिस ऑफिसर के किरदार में बहुत ही प्रभावी और अद्भुत प्रदर्शन देते नजर आए हैं साथ ही अन्य कलाकारों को देखने में भी आपको काफी ज्यादा मजा आएगा।
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सामाजिक टिप्पणी –
हमारा समाज आज उस जगह पर है जब अगर ध्यान से देखा जाए तो बहुत से घिनौने सच सामने आते हैं।इस फिल्म में समाज में हो रही ऐसी ही कुछ बातों को दर्शन की कोशिश की है कहां अमीर और गरीब के बीच भेदभाव देखने को मिलता है
क्योंकि वह बच्चे जिनकी हत्या हो रही थी वह गरीब बस्ती से थे इसलिए इन घटनाओं पर पहले ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया पर जब मर्डर केस बढ़ते चले गए तब प्रशासन ने ध्यान दिया वहीं दूसरी तरफ समाज में हो रहे हैं ऐसे अपराधों को दर्शाने की कोशिश की गई है जो नाकाबिले बरदाश्त है।
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ओवरऑल रिव्यू –
ओवरऑल रिव्यू की बात करें तो फिल्म में निर्देशक आदित्य निंबेलकर की कुशलता साफ झलक रही है। साथी फिल्म का प्लॉट इतना जबरदस्त है कि आप फिल्म से नजर नहीं हटा पाएंगे और यह फिल्म पूरे टाइम आपको खुद से बांधे रखेगी वहीं अगर इसकी ख़ामियों की बात करे तो फिल्म को डार्क बनाया गया
जो काफी अच्छा परफॉर्मेंस है पर इसको और भी ज्यादा डार्क बनाया जा सकता था वहीं रियल स्टोरी पर बेस्ड होने की वजह से अगर इस फिल्म को रियल ही रखा जाता तो और मजा अता कहीं पर फिल्मी बना दिया गया है बाकी फिल्म के ओवर ऑल रिव्यू की बात करें तो काफी अच्छी फिल्म है आप इसे परिवार के साथ भी देख सकते हैं।
हमारी तरफ से इस फिल्म को पांच में से चार स्टार दिये जाते है 4/5
स्टार****