सोशल मीडिया पर बड़े बड़े मशहूर नाम अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन कभी कभी यह विवादों में भी घिर जाते है। ऐसा ही कुछ हुआ मशहूर यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना के साथ, इन दोनों समेत पांच इन्फ्लुएंसर्स पर दिव्यांगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगा है। ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, आइए इस पूरे मामले को समझते हैं।
क्या है इंडियाज गॉट लेटेंट का विवाद
समय रैना का यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ एक कॉमेडी रियलिटी शो है इसमें कंटेस्टेंट्स 90 सेकंड में अपनी प्रतिभा दिखाते हैं और जजों के साथ मिलकर स्कोरिंग करते हैं। लेकिन इस शो का एक एपिसोड तब सुर्खियों में आया जब रणवीर इलाहाबादिया ने बतौर गेस्ट शो में जज के रूप में हिस्सा लिया।
उन्होंने एक कंटेस्टेंट से उसके माता पिता की निजी जिंदगी को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछा उनकी ये बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने इसे अश्लील और असंवेदनशील बताया। इसके अलावा समय रैना पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने शो में स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों और दृष्टिहीन व्यक्तियों का मजाक उड़ाया है जिसे देख कर सभी लोग भड़के हुए हैं।
Samay Raina in Supreme Court along with Nishant Tanwar, Sonali Thakkar, Vipul Goyal.
— Gaurav Srivastava (@gauravnewsman) July 15, 2025
Supreme Court has summoner today comedian Samay Raina and four other influencers before it over allegations that they ridiculed persons with disabilities through insensitive comments. He was… pic.twitter.com/WLejLVcwXZ
सुप्रीम कोर्ट ने लिया सख्त रुख
इस मामले को क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में उठाया था। इस एनजीओ का कहना है कि समय रैना और उनके शो में शामिल सभी इन्फ्लुएंसर्स ने उस शो में एक एपिसोड के दौरान दिव्यांगों और जटिल बीमारियों से जूझ रहे लोगों का मज़ाक उड़ाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2025 को समय रैना, विपुल गोयल और तीन अन्य इन्फ्लुएंसर्स को तलब किया था साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश भी दिया, कि इन सभी को तुरंत नोटिस भेजकर अगली सुनवाई में पेश होने को कहा जाए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने साफ कहा कि अगर यह लोग कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी,कोर्ट ने इसे “बेहद अपमानजनक” और “मनोबल तोड़ने वाला” भी बताया।
रणवीर इलाहाबादिया पर भी गिरी गाज
रणवीर इलाहाबादिया की टिप्पणी को लेकर पहले ही असम और महाराष्ट्र में उनके खिलाफ पहल ही एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। रणवीर ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी और कहा कि उनकी टिप्पणी गलत थी, लेकिन इससे विवाद कम नहीं हुआ क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी मानसिकता को “गंदी” बताया और कहा कि ऐसी टिप्पणियां समाज के लिए शर्मनाक हैं।
कोर्ट ने रणवीर को बिना इजाजत देश छोड़ने से मना किया, लेकिन उनकी शर्तों के साथ कंटेंट बनाने की इजाजत दी, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी रणवीर और शो से जुड़े लोगों को 17 फरवरी 2025 को तलब किया था।
अगली सुनवाई का इंतज़ार
इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट ये तय करेगा कि इन इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। साथ ही ऑनलाइन कंटेंट के लिए नए नियम बनने की भी संभावना है। क्योंकि अब समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने और दिव्यांगों के सम्मान को सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
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