एक पुरानी डराने वाली कहानी बिलकुल नये रूप में – आखिर क्या है इस डरावने मकान का रहस्य ?
Salem’s Lot movie review in hindi:जियो सिनेमा के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक नई हॉरर फिल्म रिलीज की गई है जिसका नाम ‘सेलम्स लॉट’ है। बात करें इसके जॉनर की तो यह वैंपायर हॉरर थ्रिलर है, मूवी की लेंथ लगभग 1 घंटा 54 मिनट की है। इसका डायरेक्शन ‘गैरी डौबरमैन’ ने किया है।
जिन्होंने इससे पहले एनाबेला कम होम, इट और द नन जैसी फिल्मों की स्टोरी राइटिंग की है। “यह फिल्म स्टीफेन किंग के उपन्यास पर लिखी गई है”, जिसकी स्टोरी एक लेखक की है जो बहुत सारी किताबें लिख चुका है और अब वह अपने होमटाउन लौट कर एक नई हॉरर स्टोरी लिखना चाहता है।
जोकि उसी के होम टाउन सेलम्स लॉट के एक भूतिया घर ‘मास्टन हाउस’ की कहानी है। इस फिल्म की स्टोरी को 1979 में आई फिल्म सेलम्स लॉट से लिया गया है।
कहानी- फिल्म की स्टोरी एक सक्सेसफुल लेखक ‘बेन मोर्स’ की है जिसने बहुत सारी फेमस किताबें ऑलरेडी लिखी हुई है। जिसकी अगली किताब की कहानी “उसके होमटाउन सेलम्स लॉट में बसे एक भूतिया घर मास्टन हाउस की है।
कहानी लिखने में इंस्पिरेशन की कमी होने के कारण,बेन के दिमाग में यह आइडिया आता है। क्यों ना वह रियल लोकेशन पर जाकर ही अपनी इस कहानी को लिख कर खत्म करें। इसके बाद वह 2 साल बाद अपने होमटाउन वापस आता है।
हालांकि जब वह मास्टन हाउस रेंट पर लेने के लिए ब्रोकर से बात करता है तब उसे पता चलता है कि वह घर पहले से ही किसी और के पास है जिसका नाम ‘रेल्फी’ है । जिसके बाद वह एक गेस्ट हाउस रेंट पर लेता है।इसी टाउन में सुज़ैन नॉर्टन नाम की लड़की रहती है जो बेन के लेख की पहले से ही फैन है।
जिसके बाद इन दोनो की अच्छी दोस्ती हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ हमे मास्टन हाउस की हिस्ट्री देखने को मिलती है जिस घर में कोई भी रहने आता है उसकी रहस्यमई ढंग से मौत हो जाती है जिस कारण से बेन को इस बात का शक है कि इस भूतिया हाउस में जरूर कोई वैंपायर रहता है।
जिसके बाद कत्ल होने का सिलसिला फिर से शुरू हो जाता है। इन सभी हत्याओं के पीछे किसका हाथ है, और क्या यहां मास्टन हाउस सच में भूतिया है या फिर वहां पर वैंपायरों का वास है यह सब जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी या फिल्म जोकि एचबीओ मैक्स और जियो सिनेमा पर इंग्लिश में उपलब्ध है।
टेक्निकल एस्पेक्ट- फिल्म में की गई सिनेमैटोग्राफी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। क्योंकि फिल्म की थीम वैंपायर हॉरर थ्रिलर है,जिसे इसकी पटकथा बखूबी बरकरार रखती है।
खामियां- सेलम्स लॉट एक ओल्ड स्कूल थीम पर बनी फिल्म है जिसके कारण इसका सबसे वीक प्वाइंट इसकी ओल्ड मॉडल थीम है जोकि यूथ को कुछ खास पसंद नही आयेगी।
फाइनल वर्डिक्ट- यह फिल्म पुराने जमाने की वैंपायर फिल्मों की तरह ही बनाई गई है, जोकी मेच्योर ऑडियंस को काफी पसंद आएगी, जिसमें वैंपायर के कांसेप्ट को दिखाया गया है।
अगर आपको लाइट हॉरर फिल्में देखना पसंद है जिनमे आप ज्यादा खून खराबा देखने से परहेज करते हैं तो इस फिल्म को आप बेझिझक रिकमेंड कर सकते हैं। फिल्म में किसी प्रकार की न्यूडिटी नहीं है जिसके कारण आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ देख कर खूब इंजॉय कर सकते हैं।