Crime beat review:सुधीर मिश्रा के तनाव के बाद एक और थ्रिलिंग शो

sakib salim saba azad thriller

sakib salim saba azad thriller crime beat review:सबा आज़ाद और सलीम साकिब की वेबसिरीज शुरुवात अच्छी पर थ्रिलर की थोड़ी कमी कहानी बिन्नी चौधरी की जो यूके से अरनोटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद बन जाता है देश का बड़ा गैंगेस्टर कुछ लोग मानते है इसे भगवान तो कुछ के लिए है शैतान।

ज़ी 5 पर 21 फ़रवरी को एक नया शो क्राइम बीट नाम से रिलीज़ किया गया है शो को 8 एपिसोड में दिखाया है हर एक एपिसोड की लेंथ लगभग 30 मिनट के आस पास की है।

पूरी सीरीज क्राइम थ्रीलर पर आधारित है। इस तरह की वेबसिरीज या फिल्मे दर्शको को ज्यादातर पसंद आती है। सुधीर मिश्रा और संजीव कौल के द्वारा निर्देशित क्राइम बीट कही-कही पर इनकी पिछली वेबसिरीज सोनिलिव पर प्रसारित शो तनाव की याद दिलाता है।

Crime beat review

PIC CREDIT INSTAGRAM

कास्ट:

साकिब सलीम,सबा आज़ाद ,राहुल भट,साई ताम्हणकर,अली क़ुली मिर्ज़ा,दानिश हुसैन,आदिनाथ कोठारे

साकिब सलीम सबा आज़ाद क्राइम रिपोर्टर की भूमिका में है यह दोनों ही अपने कामो में संघर्ष करते दिख रहे है। बिन्नी चौधरी के रोल में है राहुल भट

कहानी

कहानी की शुरुवात में बिन्नी चौधरी (राहुल भट) को गोली लगती दिखाई जाती है इसके बाद पूरी कहानी पास्ट में चली जाती है।अभिषेक (साक़िब सलीम ) जो एक बड़ा क्राइम रिपोर्टर बनना चाहता है और आमिर नाम के पत्रकार से अभिषेक काफी प्रभावित भी है। बिन्नी चौधरी किडनैपिंग कराता है साथ ही इसका हवाला का कारोबार है और जो पैसा वह फिरौती के तौर पर लेता है उसका कुछ हिस्सा गरीबो में बाट देता है।

कहानी को दिल्ली से लेकर अफगानिस्तान ईरान तक में दर्शाया गया है।बिन्नी चौधरी की हीरोइन नाम की एक गर्ल फ्रंड है जो किडनैपिंग में इसका साथ देती है। राजेश तैलंग पुलिस ऑफिसर की भूमिका में है जिन्हे बहुत कम टाइम दिया गया है। अदिनाथ कोठारे अपने रोल में बिलकुल भी फिट नहीं है इनके फेस इम्प्रेशन एक दम फीके है।

Crime beat review

PIC CREDIT INSTAGRAM

इन्वेस्टीगेशन जर्नलिज़्म में जो भी कठनाईया आती है निर्देशक ने डिटेल में समझाने की कोशिश की है। वीज़ा स्कैम,आईटीओ स्कैम जैसी बहुत सी सच्ची कहानियों को दिखाया जाता है पर इस तरह के लोकल करप्शन के मुद्दे पहले भी बहुत सी फिल्मो में उठाये जा चुके है जिनसे अब किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता ये जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा।

हनी ट्रैप क्या है किस तरह से इसे प्रोसेस किया जाता है यहाँ हमें देखने को मिलता है। शो की कहानी को अगर एक लाइन में समझने की कोशश की जाए तो ‘अभिषेक’ फरार बिन्नी चौधरी को ढूढ़ने में लगा रहता है।

कहानी के ट्विस्ट और टर्न

कहानी में ट्विस्ट और टर्न न के बराबर है इस तरह की चीज़े बहुत सी फिल्मों में पहले ही दिखाया जा चुका है तो ट्विस्ट के नाम पर इसे जीरो ही कहा जा सकता है।

सीरीज में क्या अच्छा लगा और क्या बुरा

बिन्नी चौधरी को 15 साल से पुलिस ढूंढ रही है और हर जगह इसी की बाते की जा रही है जैसे लग रहा है के यह कोई बड़ा आतंकवादी हो जबकि बिन्नी पर सिर्फ किडनैपिंग हवाला वसूली जैसे केस है।जिस तरह से पुलिस मीडिया इसे ढूढ़ने में इतना पैसा और पावर का इस्तेमाल कर रही है वो देख कर थोड़ा ठीक सा नहीं लगता।

चौथे एपिसोड में बिन्नी जो की अफगानिस्तान में छुपा है जिसे पता है के भारत जाने पर उसे मार दिया जायेगा वो फिर भी भारत आता है जो की पूरी तरह से इनलोजिकल है।

बन्नी भाई अगर तुम्हे भागना ही था तो पाकिस्तान यूरोप ईरान भाग सकते थे भारत में ही क्यों आने की ज़रूत थी। एक्टर की सस्ती एक्टिंग के साथ यहाँ आमिर खान की बहन के भी कुछ सीन देखने को मिलते है। शो के ट्रेलर को देख कर जितना इससे उम्मीद की जा रही थी उतना यह शो हमे दे न सका।

अभिनय

साकिब सलीम और सबा अज़ाद ने अपने एक्टिंग के बल पर कुछ ख़ास काम नहीं किया वही अभिनेता दानिश हुसैन आमिर अख्तर के किरदार में अच्छा काम करते नज़र आये है।

आदिनाथ कोठारे जो की डीसीपी की भूमिका में है पर वो कही से भी डीसीपी जैसे नहीं लगते। सई ताम्हणकर का काम यहाँ अच्छा देखा जा सकता है। सोमनाथ बट्टब्याल के उपन्यास ‘द प्राइस यू पे’ पर आधारित ‘क्राइम बीट’ एक रोमांचक और विचारोत्तेजक कहानी बन सकती थी जो बनते-बनते शायद रह गयी।

सिनेमाटोग्राफी

फिल्म की सिनेमाटोग्राफी बहुत अच्छी है जहा कशमीर की हर एक लोकेशन,बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत की गयी है सिनेमैटोग्राफर ने बेहतरीन रंग पैलेट और लाइटिंग का इस्तेमाल किया है जो हमें विजुवली रूप से एक अच्छा एक्सपीरियंस देता है।

म्यूज़िक

म्यूज़िक बीजीएम की बात की जाये तो यह सामान्य है।

निर्देशन

सुधीर मिश्रा का निर्देशन बिलकुल वैसा ही है जो की इनकी पुरानी वेब्सीरीज तनाव अफवाह होस्टेज में देखने को मिला था कई जगह अंग्रेजी का इस्तेमाल किया गया है पता नहीं क्यों एक हिंदी फिल्म या वेबसिरीज को कूल दिखाने के लिए अंग्रेजी को ज़बरदस्ती डाला जाता है सुधीर मिश्रा अपनी फिल्मो को बनाते समय शायद अंग्रेजी में ही सोचते होंगे यह चीज़ यहाँ साफ़ झलकती है।

वीएफएक्स

वीएफएक्स का इस्तेमाल वैसा ही किया गया है जैसा की मुकेश खन्ना के ड्रामा शक्तिमान में किया जाता था।

निष्कर्ष

सुधीर मिश्रा कहानी में वो एक्साइटमेंट पैदा नहीं कर सके आधी कहानी के बाद शो रफ़्तार पकड़ता है अगर वही रफ़्तार शुरुवात से अपनी पकड़ बनाये रखता तो शायद यह और भी बेहतर बन सकता था एक बार टाइम पास के लिये इस वीकेंड इसे देखा जा सकता है फ़िल्मी ड्रिप की ओर से इसे दिए जाते है 5 में से 2.5 स्टार

READ MORE

Mere Husband Ki Biwi:अर्जुन, भूमि और रकुल की फ़िल्म ने दिया रिलीज़ के पहले एक के साथ एक फ्री टिकट का ऑफर

Zero Day Review:दुनिया का सबसे खतरनाक सच नेटफ्लिक्स पर,3000 मौतों का काला राज़

Chaava Day 7 Collection:280 करोड़ के पार गया कलेक्शन,लेकिन क्या 500 करोड़ तक पहुंचकर बॉक्स ऑफिस पर छाएगी छावा?

Author

  • amir khan

    हेलो दोस्तों मेरा नाम आमिर खान है और मैंने मॉस कॉम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है । मै बॉलीवुड से जुडी हुई न्यूज़ पब्लिश करता हूँ ये न्यूज़ मै इंस्टाग्राम और अलग अलग शोशल नेटवर्किंग साईट से निकालता हूँ ताकि आप लोगो तक बॉलीवुड से जुडी खबर सबसे पहले पंहुचा सकूँ मेरे द्वारा लिखी गई कोई भी न्यूज़ अभी तक फ़र्ज़ी साबित नहीं हुई है मै यही कोशिश करता हूँ के अपने पाठको तक सही खबर ही पहुचाऊं धन्यवाद।

    View all posts
Social Share

Join WhatsApp

Join Now

लेटेस्ट आर्टिकल

Leave a Comment