Saiyaara:सात फरवरी 2020 में मोहित सूरी अपनी एक फिल्म मलंग लेकर आये थे जिसमें आदित्य रॉय कपूर मुख्य भूमिका में थे। अब फाइनली काफी समय के बाद यह अपनी एक और नयी फिल्म सिनेमा घर के सुनहरे पर्दे पर दो नए कलाकार अहान पांडे और अनीत पड्डा के साथ लेकर आये हैं। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह फिल्म रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ती दिखाई देने वाली है। इससे एक बात तो साफ हो गयी कि लोग सिनेमा घरों में फिल्म देखना तो चाहते हैं, बस उन्हें इनके मन मुताबिक कंटेंट चाहिए।
सय्यारा के दर्शक और कलेक्शन
सय्यारा के दर्शक ज्यादातर 17 साल से 25 साल की उम्र के बीच के हैं जो सिनेमा घरों में जाकर ही इस फिल्म को देखना पसंद कर रहे हैं। इस फिल्म से बॉलीवुड को दो नए चेहरे मिल गए हैं। इसे किस्मत ही कहा जाएगा कि फिल्म का बहुत अधिक प्रमोशन न किये जाने के बावजूद यह शुरूआती दिन से ही दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती दिखाई दी। सय्यारा ने रिलीज के पहले दिन पर ही बीस करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन कर के सबको चौंका दिया है। फिल्म का बजट है 60 करोड़ के अनुमानित बजट के साथ रिलीज हुई इस फिल्म को हिट होने के लिए 120 करोड़ का कलेक्शन करना होगा।
सय्यारा की सफलता: दमदार कहानी और दर्शकों का प्यार
सय्यारा का इस तरह का रिस्पॉन्स आने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दर्शकों के लिए जरूरी नहीं कि बड़ा बजट होना चाहिए या सुपरस्टार हो, तब वो फिल्म देखने आएंगे। इन्हें एक दमदार सिनेमा चाहिए। हाउस फुल 5, छावा, सिकंदर के बाद सय्यारा को बड़ी ओपनिंग मिली है। मुझे ऐसा लगता है कि अगर इस फिल्म को मोहित सूरी इंडिपेंडेंट होकर बनाते तो शायद यह कहानी और निखर कर हमारे सामने आती, क्योंकि फिल्म में YRF का हस्तक्षेप साफ दिखाई दे रहा है। जहां मोहित सूरी की पिछली फिल्में आम इंसान से जुड़ी हुई होती थीं, वहीं सय्यारा में सब कुछ टॉप क्लास का देखने को मिला है। सय्यारा के मेकर्स ने न ही बहुत ज्यादा इंटरव्यू दिए, न ही कोई बड़ा इवेंट रखा और न ही बड़े टीवी शो में जाकर अपनी फिल्म को प्रमोट किया, पर फिर भी इसे देखने दर्शक सिनेमा हॉल तक पहुंचे। आमिर खान, अक्षय कुमार, मिथुन ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि आप फिल्म चाहे जितनी अच्छी बना लें, फिल्म का हिट होना या फ्लॉप होना सब नसीब का खेल है।
फिल्म के चलने का सबसे बड़ा कारण है कास्ट और फिल्म की कहानी के साथ जिस आयु के हीरो-हीरोइन चाहिए थे, ठीक उसी उम्र के हीरो-हीरोइन यहां दिखाए गए हैं। सय्यारा यह सिखाती है कि फिल्म के लिए हीरो-हीरोइन के अलावा अच्छे निर्देशक की भी जरूरत पड़ती है और अगर किसी फिल्म का म्यूजिक दर्शकों के दिमाग को हिट कर गया तो उसे आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता।
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