“किष्किंधापुरी” एक तेलुगू हॉरर-थ्रिलर फिल्म है, जो अपनी अनोखी कहानी और जबरदस्त ट्विस्ट्स के साथ दर्शकों को बांधे रखती है। डायरेक्टर कौशिक पेगल्लापति ने इस फिल्म में हॉरर, मिस्ट्री और थ्रिलर का शानदार मिश्रण पेश किया है। अनुपमा परमेश्वरन, बेल्लमकोंडा साईं श्रीनिवास और मकरंद देशपांडे जैसे कलाकारों की मौजूदगी इस फिल्म को और भी खास बनाती है। 2 घंटे 5 मिनट की इस फिल्म को अब हिंदी में Zee5 पर देखा जा सकता है, जो इसे और ज़्यादा दर्शकों तक पहुंचाएगा। आइए इस फिल्म के कुछ खास पहलुओं पर नजर डालते हैं।
कहानी: डर और रहस्य का ताना-बाना
फिल्म की कहानी एक भूतिया रेडियो स्टेशन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सालों से बंद पड़ा है। कहानी की शुरुआत चार दोस्तों के साथ होती है, जो भूतों को देखने की जिज्ञासा में इस रेडियो स्टेशन में कदम रखते हैं और एक आत्मा के हाथों मारे जाते हैं। इसके बाद कहानी प्रजेंट टाइम में आती है जहां राघव (बेल्लमकोंडा साईं श्रीनिवास) और उसकी गर्लफ्रेंड माईथू (अनुपमा परमेश्वरन) एक “घोस्ट वॉकिंग हांटेड टूर” बिजनेस चलाते हैं। ये दोनों फर्जी सेटअप के जरिए लोगों को डराते हैं लेकिन जब 11 लोगों का ग्रुप उस भूतिया रेडियो स्टेशन में जाता है, तो असली डर का सामना होता है।
कहानी में ट्विस्ट्स की कोई कमी नहीं है भूतिया रेडियो शो, खौफनाक आवाजें और एक के बाद एक होने वाली मौतें दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं। विसरवा कुमार की दुखद कहानी जो एक मेंटली और फिजिकली बीमार लड़के की जिंदगी से जुड़ी है, फिल्म को इमोशनल गहराई देती है। उसका अपनी मां के प्रति प्रेम और आईने के साथ उसका कनेक्शन कहानी को और दिलचस्प बनाता है। क्लाइमेक्स में मकरंद देशपांडे का किरदार जो एक सिद्ध महापुरुष का रोल निभाता है, कहानी को एक उम्मीद भरा अंत देता है।
कलाकारों का दमदार प्रदर्शन
बेल्लमकोंडा साईं श्रीनिवास ने राघव के किरदार में जान डाल दी है। उनका डर हिम्मत और अपने ग्रुप को बचाने की जिद्द दर्शकों को बांधे रखती है। अनुपमा परमेश्वरन ने माईथू के रोल में अपनी चुलबुली और साहसी छवि को बखूबी दिखाया है। मकरंद देशपांडे का सिद्ध महापुरुष का किरदार छोटा लेकिन प्रभावशाली है जो क्लाइमेक्स में कहानी को नया मोड़ देता है। बाकी सहायक कलाकारों ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है, खासकर छोटी बच्ची मोक्षा का रोल जो कहानी में इमोशनल टच जोड़ता है।
हॉलीवुड टच के साथ देसी फ्लेवर
कौशिक पेगल्लापति का डायरेक्शन इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है उन्होंने हॉलीवुड हॉरर फिल्मों की स्टाइल को देसी अंदाज में पेश किया है। भूतिया रेडियो स्टेशन का सेटअप, लाइट्स का ब्लिंक करना और खौफनाक बैकग्राउंड म्यूजिक दर्शकों को डराने में कामयाब रहता है। सिनेमैटोग्राफी और साउंड डिजाइन भी तारीफ के काबिल हैं, जो हर सीन को और डरावना बनाते हैं। खासकर लोको पायलट और सहायक पायलट की मौत का सीन दिल दहला देने वाला है।
हालांकि कुछ जगहों पर फिल्म का पेस थोड़ा धीमा लगता है खासकर इंटरवल के बाद, लेकिन क्लाइमेक्स में रफ्तार पकड़ लेती है। विसरवा की कहानी को और गहराई से दिखाया जा सकता था ताकि उसका किरदार और प्रभावशाली बन पाता। फिर भी फिल्म का टेक्निकल एक्जीक्यूशन इसे एक यादगार हॉरर अनुभव बनाता है।
देखने लायक हॉरर थ्रिलर
“किष्किंधापुरी” एक ऐसी फिल्म है, जो हॉरर थ्रिलर और मिस्ट्री के शौकीनों को जरूर पसंद आएगी। यह फिल्म न सिर्फ डराती है बल्कि विसरवा जैसे किरदार के जरिए इमोशनल कॉर्ड्स को भी छूती है। ट्विस्ट्स और टर्न्स से भरी कहानी दमदार एक्टिंग और शानदार डायरेक्शन इसे एक शानदार सिनेमाई अनुभव बनाते हैं। अगर आपको हॉरर फिल्में पसंद हैं, तो Zee5 पर इस फिल्म को जरूर देखें। मेरी रेटिंग? 4 में से 3.5 स्टार्स।
READ MORE
Steve Movie Review: सिलियन मर्फी की चिलिंग परफॉर्मेंस, जाने कैसी है फिल्म स्टीव।