“फिजिको थेरेपी:द शैलो टेल ऑफ ए राइटर हू डिसाइडेड टू राइट अबाउट ए सीरियल किलर” एक ऐसी मसालेदार फिल्म है जो हंसी का डोज़ और रोमांच का तड़का आपस में मिलाकर दर्शकों को दमदार अनुभव देती है। साल 2024 में रिलीज हुई यह फिल्म तुर्की के मशहूर डायरेक्टर तोल्गा कराचेलिक की पहली अंग्रेजी भाषा की धमाकेदार फिल्म है जिस 4 अप्रैल 2025 के दिन वीडियो ऑन डिमांड पर ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है।
इसमें स्टीव बुस्केमी,जॉन मैगारो और ब्रिट लोअर जैसे चमकते सितारे मुख्य किरदारों में नजर आते हैं। यह ज़बरदस्त कहानी एक लेखक के इर्दगिर्द घूमती है। जो अपनी शादी को बचाने और एक हिट किताब लिखने की जुगाड़ में एक रिटायर्ड सीरियल किलर से याराना कर लेता है। आइए, इस फिल्म की कहानी और रिव्यू को आसान भाषा में समझते हैं।
कहानी-
फिल्म की शुरुआत केन (जॉन मैगारो) से होती है,जो एक लेखक है और पिछले चार साल से अपनी अगली किताब लिखने में जूझ रहा है। उसकी पहली किताब को थोड़ी वाहवाही मिली थी,लेकिन वह वैसी शोहरत नहीं पा सका जो उसे रातों रात सुपरस्टार बना दे।
इस वजह से वह अपनी नई किताब पर अटक गया है। उसकी पत्नी सूजी (ब्रिट लोअर) उससे खफा रहती है क्योंकि केन कुछ कमाता नहीं और सारा ध्यान अपनी किताब पर लगाए रखता है। घर का सारा खर्च सूजी ही उठाती है। जिसके चलते उनके रिश्ते में तनाव बढ़ गया है और तलाक का ड्रामा शुरू हो चुका है।
तभी केन की जिंदगी में कोल्मिक (स्टीव बुस्केमी) नाम का एक खूंखार शख्स आता है। जो एक रिटायर्ड सीरियल किलर है। कोल्मिक,केन की किताबों का दीवाना है और उसे टिप्स देता है कि वह सीरियल किलर पर कहानी लिखे,जो उसे सनसनी बना सकती है।
वह केन को हत्या के तरीके सिखाने लगता है और उसकी किताब को गहराई देने में मदद करता है। इन दोनों की दोस्ती और मज़ेदार गलतफहमियों का तमाशा फिल्म को देखने लायक बनाता है। पूरी कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
कमियां:
फिल्म में कुछ कमियां भी हैं,जो इसे परफेक्ट मसाला होने से रोकती हैं। मिसाल के तौर पर सूजी का यह सोच लेना कि केन उसे मारना चाहता है थोड़ा ज्यादा लंबा खिंच जाता है। यह हिस्सा कहानी को बनावटी और धीमा बना देता है। साथ ही फिल्म का दूसरा हिस्सा कुछ सवालों को अनसुलझा छोड़ देता है।
अगर इन सवालों को सुलझाने की कोशिश की जाती और कहानी को थोड़ा और वक्त दिया जाता तो यह
फिल्म ब्लॉकबस्टर हो सकती थी। फिर भी ये छोटी मोटी बातें फिल्म के मजे को पूरी तरह से फीका नहीं करतीं।
अच्छाइयां:
स्टीव बुस्केमी ने कोल्मिक का किरदार इतने शानदार तरीके से निभाया है कि उनकी हर हरकत आपको हंसाती है और साथ ही थोड़ा डर का माहौल भी पैदा करती है। जॉन मैगारो ने केन के रूप में एक परेशान लेखक की बेबसी को बहुत अच्छे से दिखाया है। उनके चेहरे पर किताब न लिख पाने का दर्द साफ झलकता है।
ब्रिट लोअर ने सूजी को भी बखूबी निभाया है,जो पहले सख्त दिखती है और बाद में भावुक हो जाती है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी के माहौल को और जोशीला करता है। न्यूयॉर्क की अंधेरी सड़कों और घरों को दिखाने का अंदाज भी लाजवाब है,जो फिल्म को असली सा एहसास देता है। डायरेक्टर ने हंसी और थ्रिल को अच्छे से मिक्स किया है,जो इसे खास बनाता है।
निष्कर्ष:देखें या न देखें?
“फिजिको थेरेपी: द शैलो टेल ऑफ ए राइटर हू डिसाइडेड टू राइट अबाउट ए सीरियल किलर” एक मज़ेदार और अलग तरह की फिल्म है जो हंसाती है डराती है। यह डार्क कॉमेडी और नई कहानी पसंद करने वालों के लिए फुल पैसा वसूल है।
अगर आप स्टीव बुस्केमी को पसंद करते हैं या हल्की थ्रिलर फिल्में देखना चाहते हैं जिनमें ड्रामा और हास्य का कॉकटेल हो,तो यह आपके लिए है। 1 घंटे 42 मिनट की यह फिल्म शुरू से अंत तक आपको बांधे रखती है। इसे दोस्तों के साथ देखने का मजा लें। कुल मिलाकर यह एक ताजा और मनोरंजन से भरपूर फिल्म है,जो आपको खुश कर देगी।
फिल्मीड्रीप रेटिंग:3/5
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