एक सधा हुआ स्क्रीन प्ले के साथ थ्रीलर मलयालम फिल्म आयी है जिसका नाम है Prasanna Vadanam फिल्म के लीड में एक रेडियो जॉकी होता है और एक दिन वो एक लड़की का मर्डर होते हुए देख लेता है। पर उसे एक अजीब तरह की बीमारी होती है।
जिसमे वो चेहरे को अच्छे से पहचान नहीं पाता है मतलब के उसको एक अजीब तरह की हेल्थ प्रॉब्लम होती है जिसमे वो किसी भी इंसान के चेहरे को साफ़ तरह से देख नहीं सकता है उसे हर किसी का चेहरा धुंदला सा दिखाई पड़ता है।
यहाँ तक के वो अपने घर वालो और अपने दोस्तों को भी सही से देख नहीं सकता है। जब वो मर्डर होते हुए देख लेता है उसके बाद रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशन जाता है जहा उसे राशी सिंह इंस्पेक्टर के रोल में नज़र आती है
यहाँ तक के वो अपने घर वालो और अपने दोस्तों को भी सही से देख नहीं सकता है। जब वो मर्डर होते हुए देख लेता है उसके बाद रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशन जाता है जहा उसे राशी सिंह इंस्पेक्टर के रोल में नज़र आती है वहा पर उसे पता लगता है के कोई उसे ही उस लड़की के मर्डर केस में फ़साने के लिए कोशिश कर रहा है।
अब वो कौन लोग है जो सूर्या को फ़साना चाहते है कैसे इस सब प्रॉब्लम से सूर्या बाहर निकलता है इस के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी।
वहा पर उसे पता लगता है के कोई उसे ही उस लड़की के मर्डर केस में फ़साने के लिए कोशिश कर रहा है। अब वो कौन लोग है जो सूर्या को फ़साना चाहते है कैसे इस सब प्रॉब्लम से सूर्या बाहर निकलता है इस के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी।
प्रसन्ना वेदनाम फिल्म का स्क्रीन प्ले
फिल्म की मेंन यू एस पी है फिल्म में दिखाई जाने वाली सूर्या की बीमारी जिसमे वो लोगो के चेहरे को पहचान नहीं पाता है। फिल्म की शुरुवात में ही डायरेक्टर ने ये भी दिखा दिया है के सूर्या को इस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम होने के पीछे क्या वजह है क्यों आखिर ये हेल्थ प्रॉब्लम उसके साथ हुई है।
फिल्म में दर्शको को प्रॉपर रूप से डॉक्टर के द्वारा ये समझाया गया है के इस तरह की प्रॉब्लम किसी इंसान को क्यों होती है। ये मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की सबसे अच्छी बात होती है के वो छोटी से छोटी चीज़ को समझा कर चलती है। इससे क्या होता है के दर्शको को पता चलता है के ये प्रॉब्लम सूर्या के साथ कैसे शुरू हुई और दर्शक उसके करेक्टर से पूरी तरह से जुड़ जाते है।
स्क्रीन प्ले की एक कमजोरी ये है के थ्रिलर फिल्म में रोमांटिक पोर्शन घुसाना जहा पर रोमांस की कोई भी जरूरत नहीं होती है क्यों के रोमांटिक सीन आने के बाद थ्रिल थोड़ा कम होता हुआ नज़र आता है।ये हमें अपने दिमाग से निकालना है के किसी फिल्म में अगर हीरो को हेरोइन के साथ रोमांस करते न दिखाया गया तो फिल्म नहीं चलती है।
डायरेक्शन
फिल्म के अगर डायरेक्शन की बात की जाये तो फिल्म का डायरेक्शन पूरी तरह से सधा हुआ दिखाया गया है अर्जुन ने जिस बेहतरीन तरीके से सूर्या की बीमारी के बारे में हमें बताया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है हमें इससे पहले पता भी नहीं था के इस तरह की कोई बीमारी होती है फिल्म देखने के बाद ही हमें पता लगता है के दुनिया में ये भी एक बीमारी है जो बहुत से लोगों को होती है और हमें इसका पता भी नहीं होता है।
अर्जुन ने फिल्म में बहुत सी जगह पर इसी बीमारी के माध्यम से थोड़ा कॉमेडी का भी तड़का लगाया है फिल्म के एक सीन में दिखाया गया है के सूर्या का दोस्त अपने बालो को लाल कलर करे होता है वो भी इस लिए के उस कलर को देख कर सूर्या उसे पहचान सके। फिल्म मे दिखाया गया है के सूर्या को फिल्मे देखना ज्यादा पसंद नहीं है उसे कार्टून देखना पसंद होते है वो भी इस लिए के फिल्मो में उसे फेस अच्छे से दिखाई नहीं देते है कार्टून कलर की वजह से दिखाई दे जाते है।
डायरेक्टर अर्जुन ने बहुत सी जहग पर हीरो की हेल्थ प्रॉब्लम से फनी मूमेंट क्रिएट किये है। फिल्म के लास्ट में सूर्या तीन मर्डर के केस में इन्वॉल्व हो जाता है और वो किस तरह से इन सब चीज़ो से बाहर निकलता है वो आपको ये फिल्म देखने पर पता लगता है।
परफॉर्मेन्स
फिल्म के सभी करैक्टर के परफॉर्मेंस के बारे में अगर बात की जाये तो सभी एक्टरों ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। पायल ने बखूबी अपने रोल को निभाया है। नितिन प्रसन्ना ने भी बढ़िया परफॉर्मेंस दी है फिल्म में वाइवा हर्षा ने भी अपने करेक्टर को बहुत ही अच्छे ढंग से निभाया है हर्षा ने अपनी एक्टिंग से फिल्म में कॉमेडी का रस तो भरा ही है पर साथ में एक गहरा इमोशनल इम्पेक्ट भी छोड़ते हुए नज़र आये है।
राशि ए सी पी के रोल में दिखायी गयी है और इन्होने अपने रोल को बखूबी निभाया है। सुहास की एक्टिंग तो हर फिल्म में अच्छी ही होती है इस फिल्म में भी इन्होने अच्छी एक्टिंग का प्रदर्शन किया है।
ज़ादा तर थ्रीलर फिल्मो में हमें कातिल के बारे में कलाइमेक्स में पता चलता है पर इस फिल्म में बीच में ही आपको किलर के बारे में पता लग जाता है। ये एक डिसेंट फिल्म है एक बार इस फिल्म को देख सकते है।