Phule Movie Review hindi:फुले वो कहानी जिसने भारत को पढना लिखना सिखाया,शूद्र से दलित तक का सफर

Phule Movie Review hindi

Phule:महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे ज्योतिराव फुले की ज़िंदगी पर आधारित एक फिल्म जिसका नाम फुले (Phule) है इसे 25 अप्रेल से सिनेमा घरो में रिलीज़ कर दिया गया है। इसका निर्देशन किया है अनंत नारायण महादेवन ने और मुख्य कलाकार के रूप में हमें देखने को मिलते है ,प्रतीक गांधी, पत्रलेखा, विनय पाठक और दर्शील सफारी।

कहानी

आज के टाइम पर जो शिक्षा हम सभी को मिल रही है वो चाहे लड़का हो या लड़की जिस तरह से जात पात का रोना अब उतना देखने को नहीं मिलता जितना के एक समय में देखने को मिला करता था।पहले जब किसी औरत का पति मरता था तब उसे उसी की चिता पर बैठा कर जला दिया जाता था जिसे सती होना कहा जाता था जो के आज के टाइम पर ऐसा करना कोई सोच भी नहीं सकता भारत की शिक्षा पद्दति मज़बूत होने के पीछे महात्मा ज्योतिराव फुले और इनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले का हाथ था।

Phule Movie Review Hindi

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शायद आप लोग ये तो जानते ही होंगे के आज़ादी के बाद सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षक थी यह फिल्म इन दोनों की असल ज़िंदगी को उजागर करती है।इन दोनों की इस प्रेणना दायक कहानी के बारे में वैसे तो देश के बच्चे बच्चे को जानना चाहिए। किताबो में इन दोनों की कहानी लिखी हुई है पर जब हम किसी फिल्म के माधयम से इन दोनों को असल रूप में देखते है तब चीज़े और भी अच्छे से समझ आती है।

जहां आज के टाइम पर शोशल मिडिया पर इंफोलेंसर की लाइन सी लगी हुई है तो वही पहले यह दोनों भारत के पहले इंफोलेंसर थे जिन्होंने बिना किसी शोशल मिडिया के जरिये अपनी बात से देश के करोड़ो लोगो की लाइफ को बदल दिया।

फिल्म को जिस तरह से पेश किया गया है इसे देख कर मुझे तो यही फील हुआ के अगर इसे डायरेक्ट ओटीटी पर रिलीज़ किया जाता तो ज्यादा अच्छा रहता। इसका रनिंग टाइम 2 घंटे 9 मिनट का है जिसे थोड़ा कम किया जा सकता था।

क्या है फिल्म में ख़ास

फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी कास्टिंग और एक्टिंग है। यह एक बायोपिक फिल्म है फिर उन इंसान की है जिनकी बदौलत शायद मै इस आर्टिकल को लिख रहा हूँ तो कमिया न ही ढुंडी जाए तो अच्छा ही रहेगा। एक बात तो साफ़ है के अगर आपको मास मसाला एक्शन थ्रीलर फिल्मे देखने का शौक है तो यह आपको शायद पसंद न आये पर अगर आप को जानना है भारतीय शिक्षा की शुरुवात के बारे में तो हां इससे अच्छी और कोई भी फिल्म नहीं बन सकती।

निष्कर्ष

ब्राह्मण समाज की तरफ से इस फिल्म को रोकने का प्रयास किया गया इनका मानना था के यहाँ इनके समाज के बारे में गलत तरह से कुछ पेश किया गया है इसके बाद थोड़े बहुत कट के साथ इसे रिलीज़ किया गया, मेरी राय तो यही है के इस तरह की फिल्म को हम सभी को एक बार तो देखना ही चाहिए यह फिल्म कुछ सिखाती है और बहुत कुछ बताती भी है मेरी तरफ से इसे दिए जाते है पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।

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  • Amir Khan

    हेलो दोस्तों मेरा नाम आमिर खान है और मैंने मॉस कॉम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है । मै बॉलीवुड से जुडी हुई न्यूज़ पब्लिश करता हूँ ये न्यूज़ मै इंस्टाग्राम और अलग अलग शोशल नेटवर्किंग साईट से निकालता हूँ ताकि आप लोगो तक बॉलीवुड से जुडी खबर सबसे पहले पंहुचा सकूँ मेरे द्वारा लिखी गई कोई भी न्यूज़ अभी तक फ़र्ज़ी साबित नहीं हुई है मै यही कोशिश करता हूँ के अपने पाठको तक सही खबर ही पहुचाऊं धन्यवाद।

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